बाराबंकी में बर्फीली हवाओं से दिखे सभी बेहाल:शीत लहर के दौरान कड़कड़ाती ठंड, रात के वक्त इंसान तो इंसान बेजुबान भी आग के सहारे

बाराबंकी में शीत लहर के दौरान कड़कड़ाती ठंड में रात के वक्त इंसान तो इंसान बेजुबान भी आग के सहारे रातें काटने को मजबूत हैं। बात कर रहे यूपी के बाराबंकी जिले की जहा ठंड से बचाव को लेकर लोगों के लिए रात के करीब 12 बजे हमने सरकारी व्यवस्था की पड़ताल की, तो तस्वीरें कुछ अलग ही दिखाई दी इंसाफ तो इंसान बेजुबान जानवर भी आग के सहारे रातें काटने को मजबूर दिखे। बारांबकी जिले के घंटाघर धनोखर मार्केट चौराहों पर कहा दिन में भीड़ भाड़ रहती है। उन जगहों पर रात के वक्त सन्नाटा पसरा दिखाई दिया, हालांकि एक दो जगह जहा आग जल रही थी। वहां इंसानों के साथ साथ छुट्टा बेजुबान जानवर आग से राहत लेते दिखे। रात के वक्त अगर कही लोग मिलेंगे तो वो बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन होगा, हमने वहां की भी हकीकत जानने के लिए वहां पहुंचे तो वहां इंसानों के साथ साथ जानवर भी अलाव के सहारे समय काट रहे थे। लोगों का कहना था ठंड ज्यादा है प्रशासन द्वारा अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था की हैं जो राहत दे रही है। वहीं कुछ दूर रेलवे स्टेशन बाराबंकी पहुंचने पर अलाव के सहारे समय काट रहे मुसाफिर प्रशासन की इस व्यवस्था से संतुष्ट नहीं थे। रात का सफर कितना कष्ट भरा है ये तो उन्हीं लोगो से पूछिए जो सफर करते है घर के अंदर गर्म रजाई में बैठकर बाहर की ठंड का अंदाजा लगा पाना सबके लिए कठिन है वैसे रात के वक्त इस कड़ाके की ठंड में निकलना भी काफ़ी खतरनाक है जरूरी न हो तो रात के वक्त इन दिनों घर से मत निकले।

Jan 8, 2025 - 08:35
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बाराबंकी में बर्फीली हवाओं से दिखे सभी बेहाल:शीत लहर के दौरान कड़कड़ाती ठंड, रात के वक्त इंसान तो इंसान बेजुबान भी आग के सहारे
बाराबंकी में शीत लहर के दौरान कड़कड़ाती ठंड में रात के वक्त इंसान तो इंसान बेजुबान भी आग के सहारे

बाराबंकी में बर्फीली हवाओं से दिखे सभी बेहाल

शीत लहर के मौसम में बाराबंकी की ठंड ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। News by indiatwoday.com के अनुसार, कड़कड़ाती ठंड के चलते लोग और जानवर, दोनों ही आग के सहारे रात बिताने को मजबूर हो गए हैं। इस मौसम में बर्फीली हवाएं मानसिक और शारीरिक रूप से सभी को प्रभावित कर रही हैं।

शीत लहर की गंभीरता

बाराबंकी में तापमान में गिरावट ने सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है। विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से अधिक खतरा है। कड़कड़ाती ठंड के बीच, लोग अपने घरों में ही कई परतों में कपड़े पहनकर बैठते हैं। बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, और आसपास के क्षेत्र में आग जलाना एक सामान्य दृश्य बन गया है।

बेजुबानों की चिंता

इस ठंड में जानवर भी अभाव में हैं। कई पशुपालक अपनी गायों और बकरियों को आग के पास बैठाकर गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं। यह दृश्य सिर्फ इंसान की दुर्दशा का परिचायक नहीं है बल्कि बेजुबान जीवों की चिंताओं को भी दर्शा रहा है। लोगों ने आश्रय स्थलों पर जानवरों के लिए भी गर्म कपड़े और चादरें उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।

स्थानीय प्रशासन की पहल

स्थानीय प्रशासन ने ठंड के दौरान राहत सामग्री और गर्म कपड़ों का वितरण शुरू किया है। प्रशासन का यह कदम इस harsh मौसम में लोगों और जानवरों दोनों की मदद के लिए है। इसके अलावा, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों ने भी ठंड से बचाव के कंबल और अलाव की व्यवस्था की है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को सहायता मिल सके।

शीत लहर की इस गंभीर स्थिति के बावजूद लोग एक दूसरे की मदद करने में जुटे हुए हैं। गर्म कपड़ों, अलाव और अन्य राहत सामग्री के आयोजन से यह दिखता है कि समाज एकजुट होकर इस चुनौती का सामना कर रहा है।

निष्कर्ष

बाराबंकी में बर्फीली हवाओं का प्रकोप सभी के लिए चुनौती बन चुका है। लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अभियान का लाभ उठाना चाहिए। News by indiatwoday.com के साथ इस ठंड को सहन करने की उपायों को अपनाने की जरूरत है।

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