चीनी मिल की राख बनी लोगों के लिए मुसीबत:स्थानीय बोले- रहना मुश्किल हो रहा, बीमारियां बढ़ने का है खतरा

कुशीनगर जिले के रामकोला में त्रिवेणी चीनी मिल से निकलने वाली राख ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। खासकर सास के मरीजों, बच्चों और राहगीरों को ज्यादा परेशानी हो रही है। राख के कारण लोगों की आंखों में जलन हो रही है। छत पर बैठना या कपड़े सुखाना भी मुश्किल हो गया है। हालांकि, मिल प्रबंधन का कहना है कि राख की समस्या का समाधान किया गया है, लेकिन स्थानीय लोग इसे नजर अंदाज कर रहे हैं और समस्या को बढ़ता हुआ देख रहे हैं। रामकोला में स्थित त्रिवेणी मिल से निकल रही राख से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। अस्थमा जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। खासकर ठंड में, जब लोग घर की छत पर बैठने की कोशिश करते हैं, तो राख की वजह से बाहर रहना मुश्किल हो जाता है। मिल की चिमनी से निकल रही राख के कारण बाइक सवारों और राहगीरों की आंखों में जलन हो रही है। जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ रहा है। स्थानीय लोग और प्रशासन अब भी समाधान की तलाश में स्थानीय लोग, जैसे कि शिक्षक इन्द्रजीत और महिला कुसुम, बताते हैं कि मिल से निकल रही राख ने उनके जीवन को कठिन बना दिया है। घरों की छतों और गाड़ियों पर राख जमा हो रही है। जिससे लोग सफेद कपड़े पहनने से भी बच रहे हैं। इस समस्या के बारे में स्थानीय लोगों ने कई बार मिल प्रबंधन और प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। मिल प्रबंधन का कहना है कि सभी सिस्टम सही काम कर रहे हैं और समस्या का समाधान हो चुका है। लेकिन स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि सब कुछ ठीक है तो उनके घरों और गाड़ियों पर राख कैसे जमा हो रही है। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोग और प्रशासन अब भी समाधान की तलाश में हैं।

Jan 4, 2025 - 13:20
 51  501824
चीनी मिल की राख बनी लोगों के लिए मुसीबत:स्थानीय बोले- रहना मुश्किल हो रहा, बीमारियां बढ़ने का है खतरा
कुशीनगर जिले के रामकोला में त्रिवेणी चीनी मिल से निकलने वाली राख ने लोगों की जिंदगी मुश्किल बना द

चीनी मिल की राख बनी लोगों के लिए मुसीबत

News by indiatwoday.com

स्थानीय लोगों का दर्द

हाल ही में, स्थानीय निवासियों ने चीनी मिल से निकलने वाली राख को लेकर अपनी चिंताओं का इज़हार किया है। उनका कहना है कि ये राख न केवल उनके जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि इसके कारण प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ रहा है। स्थानीय लोग यह मानते हैं कि राख के बढ़ते ढेर के कारण रहने में कठिनाई हो रही है।

बीमारियों का खतरा

जहां एक ओर चीनी मिल क्षेत्र में आर्थिक योगदान देती है, वहीं इसकी राख के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। गाँव वाले खतरनाक बिमारियों की आशंका जताते हुए कहते हैं कि सांस लेने में परेशानी, त्वचा संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या समय के साथ और बढ़ सकती है, यदि शीघ्र कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया।

समाज में चर्चा

स्थानीय निवासी इस मुद्दे पर खुलकर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो कई परिवारों को अपने घर छोड़ने की नौबत आ सकती है। मिल अधिकारीयों को इस संकट का समाधान निकालने की ज़रूरत है ताकि स्थानीय लोगों का जीवन सामान्य हो सके।

अंत में, यह स्पष्ट है कि चीनी मिल की राख सिर्फ एक पर्यावरणीय संकट नहीं है। यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है। सही समय पर उचित कदम उठाना ही इस मामले का समाधान है।

अग्रिम कदम

इस समस्या के निवारण के लिए प्रशासन की सक्रियता आवश्यक है। सभी संबंधित पक्षों को एकत्र होकर चर्चा करनी होगी ताकि इस मुद्दे पर एक ठोस समाधान निकाला जा सके।

For more updates, visit indiatwoday.com चीनी मिल की राख, स्थानीय निवासियों के परेशानियाँ, स्वास्थ्य समस्याएँ, प्रदूषण का खतरा, बीमारियों का खतरा, चीनी मिल के प्रभाव, पर्यावरणीय समस्याएँ, प्रशासन से मांग, ग्रामीण स्वास्थ्य, जीवन स्तर में गिरावट

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow