113 साल का हुआ KGMU का पैथोलॉजी विभाग:रोजाना 10 हजार से ज्यादा सैंपल, 3 लैब में 24 घंटे होती है जांच

साल 1913 में कर्नल एचजे वॉल्टन की अगुवाई में स्थापित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का पैथोलॉजी विभाग आज 113 बरस का हो गया है। रोजाना 10 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच करने वाला ये विभाग अपने स्थापना काल से ही बेहद कई नायाब रहा है। यही कारण है कि इसे मेडिकल साइंस का मदर सब्जेक्ट करार दिया जाता है। ये कहना है, यूपी की सबसे बड़ी मेडिकल यूनिवर्सिटी, KGMU के पैथोलॉजी हेड डॉ.यूएस सिंह का। उन्होंने बताया कि किसी भी क्लीनिकल डिपार्टमेंट की रिसर्च एक्टिविटी बिना पैथोलॉजी विभाग के पूरी नहीं हो सकती। ये बात और है कि पब्लिकेशन में हमारा नाम नहीं होता, पर इलाज कितना फायदेमंद रहा, इसकी भी असल जानकारी पैथोलॉजी विभाग के जरिए ही सटीक तरीके से हासिल होती है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 104वें एपिसोड में पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. यूएस सिंह से खास बातचीत... पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और क्लीनिकल पैथोलॉजी सेक्शन के फैकल्टी इंचार्ज डॉ. वाहिद अली कहते हैं, मौजूदा समय 3 लैब राउंड द क्लॉक यानी 24 घंटे चलती है। आज के समय रोजाना 10 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच होती है। कैंसर की एडवांस जांच की सुविधा भी मौजूद कैंसर डायग्नोस्टिक के हिस्टोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. शिवांजली रघुवंशी कहती हैं कि कैंसर रोगियों की जांच बेहद चुनौती पूर्ण होती है। ब्रेस्ट कैंसर में कई बार जल्द रिपोर्ट चाहिए होती है। जिससे तुरंत थेरेपी शुरू की जाए। लंग्स कैंसर के मॉलिक्यूलर मार्कर की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। सर्वाइकल कैंसर में HPV इंफेक्शन जांच की सुविधा भी शुरू की जा चुकी है। कैंसर के इन जांच की रिपोर्ट 3 से 10 दिन के भीतर आ जाती है।

Jan 31, 2025 - 04:59
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113 साल का हुआ KGMU का पैथोलॉजी विभाग:रोजाना 10 हजार से ज्यादा सैंपल, 3 लैब में 24 घंटे होती है जांच
साल 1913 में कर्नल एचजे वॉल्टन की अगुवाई में स्थापित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का पैथोलॉजी विभ

113 साल का हुआ KGMU का पैथोलॉजी विभाग

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इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) का पैथोलॉजी विभाग इस साल 113 वर्षों का हो गया है। यह विभाग चिकित्सा विज्ञान में अद्वितीय योगदान देने के साथ-साथ रोगों की पहचान और उपचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आधुनिक तकनीक के साथ, यहां रोजाना 10,000 से ज्यादा सैंपल की जांच की जाती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाएं कितनी व्यापक और विश्वसनीय हैं।

नवीनतम तकनीक और सुविधाएं

KGMU का पैथोलॉजी विभाग आज तीन अत्याधुनिक लैबों में 24 घंटे ऑपरेशन करता है। यह न केवल उच्च मानक वाली सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि चिकित्सिए और शोधकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण डेटा भी उपलब्ध कराता है। इस विभाग में कार्यरत महिला और पुरुष दोनों ही विशेषज्ञ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ जांच की प्रक्रिया को और भी बेहतर बनाते हैं।

रोगियों के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं

पैथोलॉजी विभाग का मुख्य उद्देश्य रोगों की जल्दी पहचान और उपचार करना है। इसके द्वारा विभिन्न परीक्षण किए जाते हैं, जिसमें रक्त, मूत्र, और ऊतक संबंधी टेस्ट शामिल हैं। यह सेवाएं न केवल रोगियों के इलाज में मदद करती हैं, बल्कि शोध कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

समाज को योगदान

KGMU का पैथोलॉजी विभाग सिर्फ चिकित्सा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी कई पहल प्रस्तुत करता है। स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और सामुदायिक सेमिनार के माध्यम से, विभाग जनता को विभिन्न रोगों की रोकथाम और इलाज के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

भविष्य की दिशा

KGMU का पैथोलॉजी विभाग लगातार नवाचार और सुधार में लगा हुआ है। भविष्य में यह विभाग और अधिक उन्नत सुविधाएं और तकनीकें लाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें और रोगी की देखभाल सुनिश्चित की जा सके।

अंत में, KGMU का पैथोलॉजी विभाग न केवल 113 सालों के अपने अनुभव को दर्शाता है, बल्कि मानवता की सेवा में अपने योगदान को भी साबित करता है। Keywords: KGMU पैथोलॉजी विभाग, 113 साल का KGMU पैथोलॉजी, KGMU लैब, रोजाना 10 हजार सैंपल जांच, पैथोलॉजी की सेवाएं, चिकित्सा विज्ञान की दिशा में, स्वास्थ्य से संबंधित समाचार, पैथोलॉजी में नई तकनीक, KGMU में जांच प्रक्रिया, समाज में चिकित्सा सेवाएं

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