बड़े बकाएदारों के आगे सरेंडर, छोटों पर दादागीरी:मुरादाबाद नगर निगम बडे़ टैक्स बकाएदारों पर नहीं ले सका एक्शन, छोटे बकाएदारों की 24 प्रॉपर्टी सील
बड़े बकाएदारों के आगे पूरी तरह सरेंडर नजर आ रहे मुरादाबाद नगर निगम ने 24 छोटे बकाएदारों की प्रॉपर्टी सील कर दी है। नगर निगम ने एक माह पहले खुद ही टॉप 100 बकाएदारों की लिस्ट जारी की थी। इनमें से टॉप 20 के नाम तो शहर में चौराहों पर लगे नेमिंग एंड शेमिंग बोर्ड की स्क्रीन पर भी डिस्प्ले किए गए थे। लेकिन बकाया नहीं चुकाने के बावजूद नगर निगम इनकी संपत्तियों को सील करने की हिम्मत नहीं जुटा सका है। जबकि छोटे बकाएदारों की प्रॉपर्टी को बलपूर्वक सील किया जा रहा है। मुरादाबाद नगर निगम की टीम ने शनिवार को 24 बकाएदारों की संपत्तियों को अभियान चलाकर सील कर दिया। लेकिन इनमें से एक भी नाम टॉप-20 वाली लिस्ट का नहीं था। जबकि छोटे बकाएदारों की संपत्तियों को सील करने के साथ ही उन पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है। शनिवार को चले नगर निगम के इस अभियान के दौरान निगम की टीम ने 87.96 लाख रुपए का टैक्स भी निगम के खाते में जमा कराया है। निगम की टीम ने शनिवार को आदर्श नगर, संजय नगर, शिव नगर, रहमत नगर, असालतपुरा भूड, बौद्ध विहार, करूला, मिलन विहार, पंडित नगला, दिल्ली रोड, कांठ रोड और रामपुर रोड के बकाएदारों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने आदर्श नगर में 20, 23 और 44 लाख रुपए टैक्स के बकाए में तीन संपत्तियों को सील कर दिया। संजय नगर में 15 लाख के एक बकाएदार की संपत्ति भी सील कर दी गई। शिव नगर में 43 और 19 लाख, रहमत नगर में 16 लाख, असालतपुरा भूड़ा में 45 लाख और बुद्धि विहार में 12 व 14 लाख रुपए टैक्स बकाया वालों की प्रॉपर्टी पर भी नगर निगम ने अपना ताला लगा दिया। नगर निगम ने सील की गई संपत्तियों के मालिकों को चेतावनी दी है कि यदि बकाया नहीं दिया गया तो उनकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया जाएगा। बकाएदारों को एक सप्ताह में बकाया टैक्स जमा करने की चेतावनी दी गई है। दूसरी ओर करोड़ों रुपए के बकाएदारों पर नगर निगम हाथ डालने से कतरा रहा है। उनकी प्रॉपर्टी को सील करने की हिम्मत नगर निगम के अफसर नहीं जुटा सके हैं।

बड़े बकाएदारों के आगे सरेंडर, छोटों पर दादागीरी: मुरादाबाद नगर निगम की कार्रवाई
मुरादाबाद नगर निगम ने हाल ही में बकाया टैक्स वसूलने की दिशा में एक उचित कदम उठाया है। लेकिन इस प्रयास में नगर निगम की प्राथमिकता पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। जहां नगर निगम ने छोटे बकाएदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 24 प्रॉपर्टी को सील किया है, वहीं बड़े बकाएदारों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी। यह स्थिति क्षेत्र में कई सवाल उठा रही है कि क्या नगर निगम बड़े बकाएदारों के प्रति या तो असहाय है या फिर उन पर कोई दबाव है।
बड़े बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई की कमी
बकाया टैक्स वसूली की प्रक्रिया में नगर निगम की असफलता के कई कारण हैं। बड़े बकाएदारों के पास पर्याप्त संसाधन हैं जिससे वे अपने बकाए को टालने में सफल हो रहे हैं। ऐसे में छोटे करदाताओं पर कार्रवाई करना आसान होता है। इस प्रक्रिया के दौरान, मुरादाबाद नगर निगम की छवि प्रभावित हो रही है, क्योंकि लोग यह सोच रहे हैं कि क्या निगम केवल कमजोरों को ही निशाना बना रहा है।
छोटे बकाएदारों पर कड़ी कार्रवाई
हाल ही में, छोटी प्रॉपर्टी मालिकों की 24 प्रॉपर्टी को सील कर दिया गया, जो कि छोटे बकाएदारों की एक बडी संख्या को प्रभावित करने वाली कार्रवाई है। इस कार्रवाई से नगर निगम की कड़ी मेहनत का संकेत मिलता है, लेकिन लोगों की छवि में यह परिलक्षित नहीं होता कि निगम बड़े करदाताओं की अपेक्षा छोटी प्रॉपर्टी मालिकों को ज्यादा परेशान कर रहा है।
आगे की राह
मुरादाबाद नगर निगम को चाहिए कि वह बड़े बकाएदारों के खिलाफ ठोस कार्यवाही करें ताकि आम नागरिकों का विश्वास बना रहे। शहर की स्थायी वित्तीय स्थिति और विकास के लिए सभी करदाताओं के प्रति समान दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। इस दिशा में मानवाधिकार और न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा।
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