मस्क के स्टारशिप की 8वीं टेस्टिंग पूरी तरह कामयाब नहीं:बूस्टर लॉन्चपैड पर वापस आया; लेकिन शिप के इंजन ने काम करना बंद किया, आसमान में ब्लास्ट
दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का आठवां टेस्ट पूरी तरह कामयाब नहीं रहा। भारतीय समयानुसार 7 मार्च को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से रॉकेट लॉन्च किया गया। लॉन्चिंग के 7 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया। लेकिन 8 मिनट बाद शिप (ऊपरी हिस्सा) के छह इंजनों में से 4 ने काम करना बंद कर दिया जिससे शिप ने कंट्रोल खो दिया। इसके बाद ऑटोमेटेड अबॉर्ट सिस्टम एक्टिवेट हो गया जिसने शिप को ब्लास्ट कर दिया। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में फ्लोरिडा तट के पास मौजूद लोगों ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट आसमान में टूट गया है। गिरते मलबे की वजह से मियामी, ऑरलैंडो, पाम बीच और फोर्ट लॉडरडेल के हवाई अड्डों पर उड़ानें बाधित हुईं। इससे पहले 17 जनवरी को भी स्टारशिप का सातवां टेस्ट पूरी तरह से कामयाब नहीं रहा था। लॉन्चिंग के 8 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया था, लेकिन शिप (ऊपरी हिस्सा) में ऑक्सीजन लीक से ब्लास्ट हो गया था। क्यों किया गया स्टारशिप का 8वां टेस्ट... छठा टेस्ट: लॉन्चपैड पर उतरने में दिक्कत दिखी तो पानी पर लैंड कराया, ट्रम्प भी मौजूद रहे स्टारशिप का छठा टेस्ट 20 नवंबर 2024 को सुबह 03:30 बजे किया गया था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस पहुंचे थे। इस टेस्ट में बूस्टर को लॉन्च करने के बाद वापस लॉन्चपैड पर कैच किया जाना था, लेकिन सभी पैरामीटर ठीक नहीं होने के कारण इसे पानी में लैंड कराने का फैसला लिया गया। स्टारशिप के इंजन को स्पेस में फिर से चालू किया गया। इसके बाद हिंद महासागर में लैंडिंग हुई। पांचवां टेस्ट: पहली बार बूस्टर को लॉन्चपैड पर कैच किया था स्टारशिप का पांचवां टेस्ट 13 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस टेस्ट में पृथ्वी से 96 Km ऊपर भेजे गए सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्चपैड पर वापस लाया गया, जिसे मैकेजिला ने पकड़ा। मैकेजिला दो मेटल आर्म हैं जो चॉपस्टिक्स की तरह दिखाई देती हैं। वहीं स्टारशिप की पृथ्वी के वायुमंडल में री-एंट्री कराकर हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई। स्टारशिप ने जब पृथ्वी के वातावरण में एंट्री की तब उसकी रफ्तार 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे थी और तापमान 1,430°C तक पहुंच गया था। चौथा टेस्ट: स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पानी में लैंडिंग हुई स्टारशिप का चौथा टेस्ट 6 जून 2024 को हुआ था, जो सक्सेसफुल रहा था। 1.05 घंटे के इस मिशन को बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था। इसमें स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया गया। टेस्ट का मेन गोल यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के दौरान सर्वाइव कर पाता है या नहीं। टेस्ट के बाद कंपनी के मालिक इलॉन मस्क ने कहा था, 'कई टाइल्स के नुकसान और एक डैमेज्ड फ्लैप के बावजूद स्टारशिप ने समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग की।' तीसरा टेस्ट: रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूटा था ये टेस्ट 14 मार्च 2024 को हुआ था। स्पेसएक्स ने बताया था कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं इलॉन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगे। दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद खराबी आ गई थी स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया था। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया। वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था। दूसरे टेस्ट में रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सक्सेसफुल रही थी। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया था। पहला टेस्ट: लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद विस्फोट हो गया था 20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था। स्टारशिप के फेल होने के बाद भी इलॉनमस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। मस्क ने लॉन्चिंग से दो दिन पहले कहा था- सफलता शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की गारंटी है। स्पेसएक्स ने कहा था- सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया, जबकि यह तय नहीं था। इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सीखते हैं, उससे सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा। टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेंगीं। पूरी तरह से रीयूजेबल है स्टारशिप सिस्टम दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी बूस्टर को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा। स्टारशिप सिस्टम स्टारशिप क्या-क्या कर सकता है? स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029

मस्क के स्टारशिप की 8वीं टेस्टिंग पूरी तरह कामयाब नहीं
स्टारशिप का बूस्टर लॉन्चपैड पर वापस लौटना
स्पेसएक्स के CEO एलन मस्क द्वारा विकसित स्टारशिप ने अपनी 8वीं टेस्टिंग के दौरान कुछ अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना किया। बूस्टर का सफलतापूर्वक लॉन्च और बाद में उसकी वापसी एक महत्वपूर्ण चरण था, लेकिन इसमें बहुत सी विफलताएं भी रहीं।
इंजन में तकनीकी खामी
मिशन के दौरान, स्टारशिप के इंजन ने अचानक काम करना बंद कर दिया जिसने उड़ान को संकट में डाल दिया। यह घटना न केवल इंजीनियरों के लिए चिंता का कारण बनी बल्कि उन प्रशंसकों के दिलों में भी निराशा लाई, जो इस नई तकनीक की सफल उड़ान की प्रतीक्षा कर रहे थे।
आसमान में ब्लास्ट और परिणाम
जब इंजन ने काम करना बंद किया, तो इसके परिणामस्वरूप मशीन ने आसमान में एक बड़ा ब्लास्ट किया, जिससे कई लोग हैरान रह गए। यह दूसरी बार है जब स्टारशिप की टेस्टिंग में ऐसी तकनीकी समस्याएं आई हैं, जो इसे अपनी पूर्व निर्धारित ऊंचाई तक पहुँचने से रोकती हैं।
भविष्य की योजनाएँ और सुधार
स्पेसएक्स के इंजीनियरों का मानना है कि इस अनुभव से उन्हें अपनी तकनीकी दक्षता को निखारने का मौका मिलेगा। भविष्य की टेस्टिंग में, वे इन मुद्दों को ठीक करके अधिक स्थिरता सुनिश्चित करना चाहते हैं। ये परीक्षण अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
इस घटना ने सामने लाया है कि अंतरिक्ष मिशन में अनिश्चितताएं सामान्य हैं, और इससे सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। स्पेसएक्स का लक्ष्य है कि वे जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान कर सकें और अपने कार्यक्रम में आगे बढ़ सकें।
बॉक्स ऑफिस पर सफलता की ओर बढ़ते हुए, STARSHIP परियोजना की इन चुनौतियों के बीच, निर्माता व इंजीनियर इस मिशन को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। "News by indiatwoday.com" इस तरह की अद्यतनों को आपके लिए लाते रहेंगे। Keywords: मस्क स्टारशिप टेस्टिंग असफलता, स्पेसएक्स बूस्टर कामयाब नहीं, स्टारशिप इंजन विफलता, स्टारशिप आसमान ब्लास्ट, मस्क स्पेस मिशन अपडेट, स्पेसएक्स तकनीकी समस्याएँ, स्टारशिप प्रोजेक्ट की चुनौतियाँ, एलन मस्क स्पेस कार्यक्रम
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