राजनाथ बोले- मालदीव को सैन्य मदद मुहैया कराएगा भारत:रक्षामंत्री मौमून से की मुलाकात, 8 महीने में मालदीव के तीसरे बड़े नेता का भारत दौरा
मालदीव के रक्षामंत्री मोहम्मद घासन मौमून के तीन दिवसीय भारत दौरे का आज दूसरा दिन है। इससे पहले उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से द्विपक्षीय बातचीत की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने मालदीव को विकास परियोजनाओं में मदद और हथियारों की सप्लाई का आश्वासन दिया। राजनाथ सिंह ने कहा- भारत मालदीव को रक्षा सहयोग के सभी क्षेत्रों में ट्रेनिंग, कार्यशालाएं और सेमिनार के लिए अवसर प्रदान करना चाहता है ताकि मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाई जा सके और साथ ही रक्षा उपकरणों और भंडारों की आपूर्ति की जा सके। दोनों नेताओं ने आर्थिक साझेदारी और समुद्री सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया। राजनाथ सिंह ने मालदीव को भरोसेमंद देश भी बताया। इसके अलावा हाल ही में हुए मालदीव के राष्ट्रपति के भारत दौरे को दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा देने वाला भी बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और मालदीव हिंद महासागर में सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विदेश मंत्री, राष्ट्रपति भी कर चुके हैं भारत का दौरा इससे पहले 9 मई 2024 को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत का दौरा किया था। मालदीव में नई सरकार के गठन के बाद मालदीव के किसी बड़े नेता का ये पहला दौरा था। इसके बाद पिछले साल 6 अक्टूबर को राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी भारत का दौरा किया था। नवंबर 2023 में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए थे। इसके बाद भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी। विवादों के करीब 8 महीने बाद विदेश मंत्री मूसा जमीर और 11 महीने बाद राष्ट्रपति मुइज्जू भारत दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। जिसमें दोनों के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर चर्चा हुई। मुइज्जू को गॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। हाल ही में मालदीव के नए विदेश मंत्री अब्दुल्ला दो दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। मालदीव ने भारत के खिलाफ वॉशिंगटन पोस्ट को बताया था झूठा इसस पहले शनिवार को मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठ बताया था। 30 दिसंबर को छपी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने मालदीव में हुए चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इसके बाद अब्दुल्ला ने एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग दोनों देशों के रिश्तों में दरार डालना चाहते हैं। हमने वो खबर देखी है। हमें नहीं पता कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली। उससे पहले शुक्रवार को भारत ने भी उस रिपोर्ट को झूठा बताया था। इन वजहों से बिगड़े थे दोनों देश के रिश्ते नवंबर 2023 में मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। मुइज्जू राष्ट्रपति बनने के पहले से ही मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग कर रहे थे। 45 साल के मुइज्जू ने चुनाव में भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह को हराया था। मुइज्जू ने कहा था कि अगर भारत अपनी सेना को नहीं हटाएगा तो यह मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा। मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को मालदीव में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा भी बताया था। उन्होंने कहा कि देश में बिना संसद की इजाजत के दूसरे देश की सेना की उपस्थिति संविधान के खिलाफ है। मुइज्जू अपनी पहली स्टेट विजिट पर चीन गए थे। इसके पहले मालदीव का हर राष्ट्रपति पहला दौरा भारत का ही करता आया था। ----------------------- मालदीव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा बताया:इसमें दावा- मोदी सरकार ने मुइज्जू का तख्तापलट करने की कोशिश की मालदीव ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। भारत के दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने शनिवार को एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कहा कि कुछ लोग दोनों देशों के रिश्तों में दरार डालना चाहते हैं। हमने वो खबर देखी है। हमें नहीं पता कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली। पूरी खबर यहां पढ़ें...

राजनाथ बोले- मालदीव को सैन्य मदद मुहैया कराएगा भारत
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में मालदीव के रक्षा मंत्री मौमून हुसैन से मुलाकात की, जिसमें भारत द्वारा मालदीव को सैन्य सहायता देने के निर्णय की घोषणा की गई। यह मुलाकात कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया गया।
मालदीव के नेताओं के भारत दौरे का महत्व
यह यात्रा मालदीव के तीसरे बड़े नेता का भारत दौरा है, जो पिछले 8 महीनों में हुआ है। भारतीय और मालदीवी नेताओं के बीच बढ़ते सैद्धांतिक संबंध, दोनों देशों के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भारत का यह निर्णय मालदीव की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत-मालदीव संबंध
भारत और मालदीव के बीच संबंध हमेशा से गहरे रहे हैं। सुरक्षा, व्यापार, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग की मजबूत बुनियाद रही है। हाल के वर्षों में, चीन के प्रभाव के चलते भारत के लिए मालदीव की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह पहल इस दिशा में एक मजबूत कदम है।
शांति और सुरक्षा की दिशा में एक कदम
भारत द्वारा मालदीव को सैन्य सहायता प्रदान करने का यह फैसला केवल सैन्य सहयोग नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस प्रयास है। इस संबंध को और मजबूत बनाने से क्षेत्र में आतंकवाद और अन्य चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी।
भारत द्वारा मालदीव के साथ की गई इस नई सुरक्षा साझेदारी से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, भारत की नीति 'Neighborhood First' के अंतर्गत, क्षेत्र में स्थिरता को बनाए रखने का संकल्प भी और स्पष्ट होता है।
इस नई शुरुआत का स्वागत करते हुए, भारतीय संसद एवं जनता ने भी इस कदम को सकारात्मक रूप से देखा है। इसके साथ ही, भारतीय रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में और अधिक रणनीतिक पहल की योजना बनाई जा रही है।
नए सुरक्षा सहयोग के माध्यम से, भारत और मालदीव दोनों देशों के समर्पण को दिखा रहे हैं कि वे मिलकर क्षेत्र में शांति और सहयोग को बढ़ावा देंगे।
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