महाकुंभ में डूबकी लगाने को बेताब आगरावासी:रोडवेज को बढ़ानी पड़ रही बसें, रविवार को 10 बसें प्रयागराज गईं, सभी फुल
आज (13 जनवरी) से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है, जोकि 26 फरवरी तक चलेगा। इस महाकुंभ में डूबकी लगाने के लिए आगरावासी कितने बेताब हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आगरा से प्रयागराज के लिए निर्धारित की गई बसें कम पड़ रही हैं। ऐसे में एक्स्ट्रा बसें लगानी पड़ी रही हैं। वह भी सभी बसें फुल चल रही हैं। महाकुंभ में इस बार देश-विदेश से 40 करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है। इसको लेकर प्रयागराज में व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। आगरा के लोग भी इस पवित्र महाकुंभ में शिरकत कर सकें, इसके लिए रोडवेज ने महाकुंभ के दौरान 8 बसें प्रतिदिन चलाने की तैयारी की है। 8 जनवरी से 11 जनवरी के लिए प्रतिदिन 3 से 4 बसें प्रयागराज जा रही थीं। मगर, रविवार (12 जनवरी) को अचानक महाकुंभ में जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई। दरअसल, 13 जनवरी से महाकुंभ में स्नान शुरू हो रहे हैं। 14 जनवरी को शाही स्नान है। इसको देखते हुए आगरावासी इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में प्रयागराज जा रहे हैं। रविवार को दोपहर तक 8 बसें भेजी जा चुकी थीं। इसके बावजूद आईएसबीटी पर प्रयागराज जाने वाले बहुत से यात्री बसों का इंतजार करते नजर आए। इसको देखते हुए रोडवेज प्रबंधन ने अतिरिक्त बसें चलाने का निर्णय लिया। एआरएम चंद्रहंस के अनुसार, रविवार शाम तक 10 बसें प्रयागराज भेजी गईं। सभी बसें फुल थीं। उन्होंने बताया कि 26 फरवरी तक 8 बसें प्रतिदिन प्रयागराज जाएंगी। जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। 430 बसों का होगा संचालन आगरा रोडवेज के चंद्रहंस ने बताया कि आगरा को सेकेंड फेज में रखा गया है। 13 और 14 जनवरी को होने वाले शाही स्नान के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों को प्राथमिकता से रखा गया है। वहीं, 29 जनवरी को तीसरे शाही स्नान के लिए आगरा और आसपास के कई जिलों से रोडवेज बसों को चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 23 और 24 जनवरी से आगरा से प्रयागराज महाकुंभ के लिए इन 430 बसों का संचालन किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र आयोजन के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं। कुंभ में किए गए स्नान को "शाही स्नान" भी कहा जाता है। प्रयागराज में शाही स्नान की तिथियां महाकुंभ के दौरान कुल तीन शाही स्नान होंगे, जिसमें से पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के दिन, 14 जनवरी को होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर और तीसरा 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा। इसके अलावा माघी पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दिन भी कुंभ स्नान किया जाएगा, लेकिन इन्हें शाही स्नान के नहीं माना जाता। माना जाता है कि नागा साधुओं को उनकी धार्मिक निष्ठा के कारण सबसे पहले स्नान करने का अवसर दिया जाता है। वे हाथी, घोड़े और रथ पर सवार होकर राजसी ठाट-बाट के साथ स्नान करने आते हैं। इसी भव्यता के कारण इसे शाही स्नान नाम दिया गया है। ये है आगरा से प्रयागराज किराया आगरा से प्रयागराज जाने के लिए रोडवेज की सामान्य बसों का किराया 750 रुपये के आसपास है तो वहीं एसी बसों का किराया 850 रुपये के आसपास है.

महाकुंभ में डूबकी लगाने को बेताब आगरावासी
महाकुंभ 2023 का आयोजन इस वर्ष हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। आगरावासी इस अद्वितीय अवसर पर संगम के पवित्र पानी में डूबकी लगाने के लिए बेहद उत्सुक हैं। जैसे-जैसे महाकुंभ का आयोजन नजदीक आ रहा है, लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। आगरावासियों में यह उत्साह देखने को मिल रहा है कि वे इस धार्मिक अनुभव का हिस्सा बन सकें। इस दौरान, रोडवेज की बसों की संख्या को बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
रोडवेज को बढ़ानी पड़ रही बसें
रविवार को, रोडवेज ने 10 अतिरिक्त बसें प्रयागराज के लिए चलाईं, और सभी बसें पूरी तरह से भरी गईं। इससे स्पष्ट है कि आगरावासी खुद को इस महाकुंभ के अद्भुत और पवित्र स्नान से वंचित नहीं रखना चाहते। बसों में यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दे रही है, जिससे ये संकेत मिलते हैं कि आगरावासी महाकुंभ के प्रति कितने उत्सुक हैं। महाकुंभ के दौरान इस प्रकार का सैलाब आने की उम्मीद है कि सभी व्यवस्था को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
प्रयागराज की महत्ता
प्रयागराज में संगम का पवित्र स्नान करने का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है। हर साल महाकुंभ का आयोजन एक महान पर्व के तहत होता है, जहां लाखों श्रद्धालु अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने आते हैं। आगरावासी जिन्हें इस प्रकार के धार्मिक पर्वों का हिस्सा बनना पसंद है, वे अपनी धार्मिक आस्था के साथ संगम की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
सावधानी और व्यवस्था
महाकुंभ में यात्रा करते समय सभी श्रद्धालुओं को सावधान रहने की आवश्यकता है। यातायात, सुरक्षा और सहायता व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यहाँ पवित्र स्नान कर सकें। प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि इस पवित्र अवसर का लाभ हर एक श्रद्धालु उठा सके।
निष्कर्ष
महाकुंभ एक अद्वितीय अवसर है, जहाँ आगरावासी अपने धार्मिक भावनाओं का अनुभव ले रहे हैं। रोडवेज सेवाओं में वृद्धि और अन्य व्यवस्थाएँ इस बात को दर्शाती हैं कि श्रद्धालु इस महोत्सव में भाग लेने के लिए कितनी व्यग्रता से तैयार हैं।
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