महालक्ष्मी जी के दर्शन को उमड़ी भीड़:मथुरा के वेलबन में लगा है मेला,पौष माह के अंतिम गुरुवार को हजारों लोग पहुंचे दर्शन को

मथुरा के मांट तहसील क्षेत्र स्थित बेलबन में गुरुवार को महालक्ष्मी जी के दर्शनों के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पौष माह के अंतिम गुरुवार को दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु वेलबन पहुंचे। इस दौरान भक्तों ने महालक्ष्मी जी को खिचड़ी का प्रसाद अर्पित किया। प्रत्येक पौष माह में गुरुवार को लगता है मेला वेलबन में महालक्ष्मी जी भगवान कृष्ण के दर्शनों की चाहत में सदियों से तपस्या कर रही हैं। यहां प्रत्येक वर्ष पौष माह के हर गुरुवार को मेला लगता है। इस मेला में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। इस दौरान श्रद्धालु महालक्ष्मी जी को खिचड़ी का प्रसाद बनाकर अर्पित करते हैं। कृष्ण कालीन है मंदिर द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भगवान ने मांट के निकटवर्ती वन बेलवन में रास रचाने आया करते थे। ऐसे ही एक बार जब भगवान वहां रास रचाने आए और उन्होने बांसुरी बजाई तो उसकी आवाज देवलोक और स्वर्ग लोक तक पहुंची तो महालक्ष्मी ने नारद जी से पूछा कि यह आवाज कैसी है। ब्रह्म ऋषि नारद जी बोले कि बेलवन में भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे है। फिर तो महालक्ष्मी बेलवन में आ गई और रास में प्रवेश करना चाहा पर वहां पर मौजूद गोपियों ने उन्हे रोक दिया तो महालक्ष्मी ने गोपियों को भला-बुरा कह डाला जो भगवान को बुरा लगा। उन्होंने महालक्ष्मी से कहा कि यह साधारण गोपियां नहीं है,इन गोपियों ने मेरे रास में शामिल होने के लिए हजारो वर्ष तपस्या कर रास में शामिल होने का शौभाग्य प्राप्त किया है। यदि महालक्ष्मी जी यदि आपको रास में शामिल होना है तो पहले हजारों वर्ष तपस्या कर गोपियों को प्रसन्न करना होगा तब आपको रास में शामिल करूंगा। यह है मान्यता मान्यता है कि तभी से महालक्ष्मी यहां गोपी रूप में तपस्या कर लोगों की मनोकामना पूर्ण कर रही हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय इस बन में वेल की प्रचुरता के कारण इस स्थान को बेलवन कहा जाता है। बेलवन वृंदावन से मात्र दो किलोमीटर दूर है। महालक्ष्मी मंदिर समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि यहां महालक्ष्मी जी तपस्या कर रही है। स्वंय भगवान श्रीकृष्ण उनकी सेवा करते हुए महालक्ष्मी जी को खिचडी का प्रसाद खिला रहे है,इसी वजह से यहां पौष माह के प्रत्येक गुरुवार को मेंले में खिचडी का प्रसाद का महत्व है। यहां प्रत्येक गुरूवार को हजारों श्रद्धालु मेले में खिचडी गजक,रेबडी का प्रसाद महालक्ष्मी को अर्पित करते है और प्रसाद के रूप में खिचडी का भंडारा किया जाता है। 19 दिसंबर से शुरू हुआ मेला 19 दिसंबर को पहला मेला शुरू हुआ । प्रत्येक गुरुवार को यहां श्रद्धालु उमड़े। मेले को शान्ति पूर्ण तरीका से कराने के लिये मांट थाना प्रभारी राजीत वर्मा ने बताया कि पीएसी कम्पनी के अलावा आसपास के सभी थानों से पुलिस बल को लगाया गया वही दो पार्किंग की भी व्यस्वथा की गई है।

Jan 9, 2025 - 13:50
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महालक्ष्मी जी के दर्शन को उमड़ी भीड़:मथुरा के वेलबन में लगा है मेला,पौष माह के अंतिम गुरुवार को हजारों लोग पहुंचे दर्शन को
मथुरा के मांट तहसील क्षेत्र स्थित बेलबन में गुरुवार को महालक्ष्मी जी के दर्शनों के लिए आस्था का स

महालक्ष्मी जी के दर्शन को उमड़ी भीड़

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मथुरा के वेलबन में धूमधाम से मेला

मथुरा के वेलबन में महालक्ष्मी जी के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। पौष माह के अंतिम गुरुवार को इस पवित्र अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने विविध पूजा-अर्चना की। कार्तिक मास के पश्चात, यह मेला भक्तों के लिए एक विशेष महत्व रखता है।

भीड़ के पीछे का कारण

इस मेले का आयोजन हर साल श्रद्धा के साथ किया जाता है, जहां लाखों लोग महालक्ष्मी के दर्शन के लिए आते हैं। भक्तों की आस्था और उनके अटूट विश्वास के कारण इस वर्ष भी भारी तादाद में लोग पहुंचे। सुबह-सुबह से ही भक्त वेलबन की ओर बढ़ने लगे थे, और जैसे-जैसे दिन बढ़ा, भीड़ भी बढ़ती गई।

स्थानीय व्यवस्थाएँ

भक्तों की बढ़ती तादाद को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी खास व्यवस्थाएँ की हैं। सुरक्षा चाक-चौबंद और खानपान की विभिन्न व्यवस्थाएँ की गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मेले में विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो इस धार्मिक उत्सव का आनंद और बढ़ा रहे हैं।

पूर्ण श्रद्धा के साथ दर्शन

लोगों ने पूजा-पाठ में पूरी श्रद्धा से भाग लिया, और महालक्ष्मी जी से सुख, समृद्धि, और शांति की कामना की। यह मेला स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक घटना भी है, जहां वे एक-दूसरे से मिलते हैं और एक नई ऊर्जा के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं।

आसपास के क्षेत्रों से भी भक्त वेलबन में आ रहे हैं, जिससे यह मेला बढ़ती हुई आस्था और भक्ति का प्रतीक बन गया है। अगर आप भी इस अद्भुत अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्दी करें और महालक्ष्मी जी के दर्शन करें।

हमारा संदेश

अगर आप इस महान धार्मिक अनुष्ठान और मेले के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो अधिक जानकारी के लिए indiatwoday.com पर जाएं।

इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों में शामिल होना एक अद्भुत अनुभव होता है और यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

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