शिमला में सचिवालय घेरेगा देवभूमि क्षत्रिय संगठन:7 दिन से चल रहा धरना; स्वर्ण आयोग गठन की मांग, प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का विरोध
हिमाचल में देवभूमि क्षत्रिय संगठन आज शिमला में राज्य सचिवालय का घेराव करेगा। इंटरकास्ट मैरिज की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के विरोध और स्वर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर क्षत्रिय संगठन सात दिन से शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर हड़ताल कर रहा है। आज सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करेगा। देवभूमि क्षत्रिय संगठन का दावा है कि प्रदेश के बड़ी संख्या में लोग सचिवालय के घेराव को पहुंचेंगे। इस दौरान सरकार से इंटरकास्ट मैरिज की जो प्रोत्साहन राशि बढ़ाई गई है, उस फैसले को वापस करने का सरकार पर दबाव डाला जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2025-26 के बजट भाषण में इंटरकास्ट मैरिज पर मिलने वाली 60 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने की घोषणा की है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन इसके विरोध में उतर आया है। इसमें ज्यादातर लोग सवर्ण समाज है। यह संगठन सरकार के इस फैसले के खिलाफ आर पार की लड़ाई की चेतावनी दे चुका है। सरकार का फैसला बेटियों की बोली लगाने वाला: रुमित देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा, सरकार का यह फैसला बेटियों की बोली लगाने वाला है। बेटी किसी भी जाति की हो, वह परिवार का स्वाभिमान होती है। इस तरह लड़कियों की बोली लगाना उचित नहीं है। इसी तरह पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह संगठन स्वर्ण आयोग की गठन की मांग को लेकर उग्र आंदोलन कर चुका है। अब दोबारा स्वर्ण आयोग के गठन की मांग देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने उठाई है। रुमित ठाकुर ने कहा, सवर्ण आयोग के मुद्दे पर पूर्व बीजेपी सरकार धोखा दे चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बार देवभूमि क्षत्रिय संगठन स्वर्ण आयोग के गठन के बाद ही मानेगी।

शिमला में सचिवालय घेरेगा देवभूमि क्षत्रिय संगठन
देवभूमि क्षत्रिय संगठन द्वारा शिमला में सचिवालय का घेराव किया जाएगा। यह आंदोलन पिछले 7 दिनों से जारी है और इसका मुख्य उद्देश्य स्वर्ण आयोग के गठन की मांग तथा प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के विरोध की ओर ध्यान आकर्षित करना है। हाल ही में स्वर्ण आयोग को लेकर उठे मामलों ने कई स्थानीय संगठनों को इस तरह के प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है।
धरने का कारण और उद्देश्य
संगठन के सदस्यों का कहना है कि स्वर्ण आयोग का गठन अत्यंत आवश्यक है ताकि समाज के वर्गों के बीच समानता का वातावरण स्थापित किया जा सके। वे प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मददगार सिद्ध हो सकता है। उनके अनुसार, यह धरना समाज के पिछले हिस्से को उनके अधिकार दिलाने के लिए एक आवश्यक कदम है।
धरने का प्रभाव और समर्थन
धरने में शामिल संगठन के नेताओं का कहना है कि उनकी मांगें सही और न्यायोचित हैं। उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। लोग इस आंदोलन के प्रति जागरूक हो रहे हैं और उम्मीद जताते हैं कि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी। इस धरने में स्थानीय लोगों, छात्र संगठनों एवं विभिन्न सामाजिक समूहों का भी समर्थन देखने को मिला है।
भविष्य की योजना
संगठन ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों का तुरंत समाधान नहीं किया गया, तो वे धरने को और तेज करेंगे। इस संदर्भ में, वे अन्य संगठनों के साथ मिलकर एक विस्तृत प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि स्वर्ण आयोग के गठन की प्रक्रिया को तेजी से शुरू किया जाए। इसके अलावा, प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने के लिए वे संवाद कायम करना जारी रखेंगे।
कुल मिलाकर, देवभूमि क्षत्रिय संगठन का यह धरना केवल एक विशेष वर्ग की मांग नहीं है, बल्कि यह राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को दृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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