मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे....:बाराबंकी में महादेवा महोत्सव में भजन गायिका स्वाति मिश्रा ने सुरों से बांधा समां
बाराबंकी में महादेवा महोत्सव के पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या भक्ति के रंगों से सराबोर हो गई। प्रख्यात भजन गायिका स्वाति मिश्रा ने अपनी मधुर आवाज से सुरों का जादू बिखेरकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। भजन संध्या का शुभारंभ एडीएम इंद्रसेन, मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आर जगत साईं, पूर्व विधायक शरद अवस्थी और एसडीएम पवन कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। स्वाति मिश्रा ने जैसे ही मंच संभाला, पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वाति ने भजन "तेरी मंद मंद मुस्कानिया पे बलिहार राघव जी..." से की, जिसने श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति का संचार कर दिया। इसके बाद "राम आए हैं, आए हैं राम..." की प्रस्तुति ने पंडाल को गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। भजनों की प्रस्तुतियों से बना भक्तिमय माहौल बिहार प्रांत की मूल निवासी स्वाति मिश्रा ने "मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे, राम आएंगे..." जैसे भजनों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके अन्य भक्ति गीत जैसे "नगरी हो अयोध्या की रघुकुल सा घराना हो...", "ये चमक, ये दमक, फूलवन मा महक सब कुछ सरकार तुम्हई से है...", और "मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है..." ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। देर रात तक स्वाति के भजनों पर श्रद्धालु झूमते रहे। "रामा रटते-रटते बीती रे उमरिया..." और "भारत का बच्चा-बच्चा जय श्री राम बोलेगा..." जैसे भजनों पर श्रोताओं ने तालियों और जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बनाए रखा। भक्ति में डूबा महादेवा महोत्सव पहले दिन की भजन संध्या ने महादेवा महोत्सव को एक आध्यात्मिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया। स्वाति मिश्रा के सुरों ने न केवल श्रोताओं को भक्ति सागर में डुबकी लगवाई, बल्कि सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। महोत्सव के आगे के कार्यक्रमों को लेकर भी लोगों में उत्साह चरम पर है।
What's Your Reaction?