लखनऊ में फ्लिपकार्ट के सपोर्ट सर्विसेज कर्मचारियों ने 79.83 ठगे:प्रोडक्ट की रिफंड साफ्टवेयर की मदद से किया खेल, FIR
लखनऊ में फ्लिपकार्ट ग्राहक सेवा के कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज कंपनी के 3 कर्मचारियों ने साइबर ठगों संग 79.83 लाख रुपए कंपनी के ठग लिए। आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में बैठकर वर्क फ्राम होम कर रहे तीनों कर्मचारियों ने साइबर ठगों संग कंपनी के प्रोडक्ट की डिलीवरी लेने के बाद रिफंड का ऑप्शन भरकर ठगी की। जुलाई में कस्टमर सपोर्ट कंपनी एजिस ने फर्जीवाड़ा पकड़ में आने पर जांच की। तब सामने आया कि पिछले तीन माह के अंदर फ्लिपकार्ट को करीब 80 लाख का इन लोगों ने पैसा वापसी के नाम पर ठगा है। जिसके बाद साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया। साइबर टीम मामले की जांच कर रही है। कंपनी के साफ्टवेयर की मदद से किया खेल मीराबाई मार्ग स्थित एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ग्राहकों को वायस सपोर्ट, बैंक ऑफिस संचालन, मेल पत्राचार और चैट की ऑनलाइन सुविधा देती है। कंपनी के एजिस के प्रशासन एवं सुविधा अधिकारी विकास अहलावत ने पुलिस को बताया कि राजस्थान अजमेर निवासी राहुल जोनवाल, आंध्र प्रदेश कुरनूल निवासी शेख अब्दुल खादर जिलानी और पश्चिम बंगाल परगना निवासी तस्सारून नाजरीन फ्लिपकार्ट ग्राहक सेवा प्रकिया के तहत एजिस में काम करते थे। कंपनी ने तीनों को वर्क फ्राम होम की अनुमति दे रखी है। तीनों को जिम्मेदारी दी गई कि फ्लिपकार्ट ग्राहकों के ऑर्डर का समय और स्थिति को ऑनलाइन चेक करेंगे। यह लोग फ्लिपकार्ट के फ्लिपकार्ट कंसोल सॉफ्टवेयर की मदद से ऑर्डर ट्रैकिंग और डिलीवरी की जानकारी लेते थे। साथ ही कस्टमर की मदद करते थे। इसमें ऑर्डर डिलीवरी के लिए निकलने की भी जानकारी होती थी। कंपनी को जानकारी हुई की, तीनों कर्मचारियों ने कुछ ग्राहकों संग मिलकर साइबर धोखाधड़ी करते हुए फ्लिपकार्ट कंसोल सॉफ्टवेयर में हेराफेरी की है। ऑर्डर कैंसिल कर पैसा ले लेते थे, सामान भी नहीं होता था वापस विकास अहलावत ने बताया कि यह लोग साफ्टवेयर की मदद से बुकिंग के बाद ऑर्डर की डिलीवरी के दौरान ग्राहक ऑर्डर कैंसिल करते या उन्हें आरटीओ करते, लेकिन इसकी डिलीवरी मेन को जानकारी नहीं देते। जिसके चलते प्रोडक्ट की डिलीवरी और रिफंड एक साथ शुरू हो गया। प्रोडक्ट की डिलीवरी और रिफंड से कंपनी को 79,83,036 रुपए का नुकसान हुआ है। साइबर थाना इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव ने बताया कि फर्जीवाड़े का पता एजिस कंपनी को जुलाई में लगा। जांच में ठगी सही पाए जाने पर राहुल जोनवाल, शेख अब्दुल खादर जिलानी और तस्सारून नाजरीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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