लखनऊ में मेडिकल स्टोर लाइसेंस दिलाने के नाम पर घूस:यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

लखनऊ में लेखराज मार्केट इंदिरानगर स्थित यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी क्लर्क जयंत कुमार सिंह को एंटी करप्शन की टीम ने पांच हजार रुपए घूस लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। उसने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बनवाने के नाम पर एक बेरोजगार से घूस मांग रहा था। जांच में सामने आया है कि घूसखोरी में विभाग के एक अधिकारी का पीए भी शामिल है, जो ऊपर तक पैसे पहुंचता था। आरोपी ने एक अफसर के पीए को बताया मास्टर माइंड लखनऊ सेक्टर के प्रभारी टीवी वर्मा और उनकी टीम ने घूस लेने वाले संविदा क्लर्क जयंत को गिरफ्तार इंदिरानगर थाना पुलिस को सौंप दिया। टीवी वर्मा ने बताया कि गाजीपुर के रहने वाले अनिल कुमार गुप्ता ने बी-फार्मा के बाद मेडिकल स्टोर खोलने वाले थे। इसके लिए मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था। उनसे यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी क्लर्क जयंत कुमार सिंह लाइसेंस के नाम पर पैसे मांग रहे थे। पैसे न देने पर आफिस के चक्कर कटवा रहा था। अनिल की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। जिसके बाद अनिल को लेकर टीम ने उसको घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।

Jan 11, 2025 - 01:30
 50  501824
लखनऊ में मेडिकल स्टोर लाइसेंस दिलाने के नाम पर घूस:यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
लखनऊ में लेखराज मार्केट इंदिरानगर स्थित यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी क्लर्क जयंत कुमा

लखनऊ में मेडिकल स्टोर लाइसेंस दिलाने के नाम पर घूस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहाँ मेडिकल स्टोर लाइसेंस देने के नाम पर एक संविदा कर्मी ने घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह मामला एंटी करप्शन टीम द्वारा अनुसंधान के दौरान प्रकाश में आया है। घूसखोरी की इस घटना ने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक नई परत को उजागर किया है। इस मामले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास अभी एक बार फिर डगमगा गया है।

घूसखोरी का मामला

जानकारी के अनुसार, यूपी फार्मेसी काउंसिल के संविदा कर्मी ने मेडिकल स्टोर लाइसेंस दिलाने के लिए एक व्यक्ति से पैसे मांगे थे। एंटी करप्शन टीम ने इस कर्मी को एक समय निर्धारित कर के रंगे हाथ पकड़ने का उपाय किया। यह कार्रवाई स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एंटी करप्शन टीम अब इस मामले में जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि इसमें शामिल अन्य लोगों का भी खुलासा होगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार

इस तरह के भ्रष्टाचार से न केवल सिस्टम की credibility प्रभावित होती है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। लोगों को लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में जब घूस जैसी प्रथाओं का सामना करना पड़ता है, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आवश्यक सेवाओं में लापरवाही और अनियमितताओं के चलते, आम जनता को दवाओं के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

भविष्य की दिशा

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है। आह्वान किया जाता है कि सरकार को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। ऐसा करने से न केवल चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। इसके अलावा, ऐसे मामलों में जो भी संलिप्त होंगे, उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जानी चाहिए।

इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाते रहना और एंटी करप्शन टीम जैसी संस्थाओं का सक्रिय रहना आवश्यक है। लोगों को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और ऐसे मामलों में प्रतिरोध करने की आवश्यकता है।

यह घटना उन लोगों के लिए एक संकेत है, जो भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में घूसखोरी के खिलाफ खड़े होने का समय आ गया है। भारतीय समाज में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हैं कि एक ठोस और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।

भ्रष्टाचार का सामना करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसा होने से हमें उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा।

News by indiatwoday.com Keywords: लखनऊ मेडिकल स्टोर लाइसेंस घूस, यूपी फार्मेसी काउंसिल, एंटी करप्शन टीम, स्वास्थ्य सेवाएँ, भ्रष्टाचार, घूसखोरी, स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार, दवा लाइसेंस प्रक्रिया, लखनऊ में घोटाला, संविदा कर्मी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow