लखनऊ में 'हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव':छठी सांस्कृतिक संध्या में सूफी नाईट से सराबोर हुआ सांस्कृतिक मंच
लखनऊ के आशियाना इलाके के स्मृति उपवन में मां गायत्री जन सेवा संस्थान एवं नीशू वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से आयोजित हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव में रविवार शाम आयोजक अरुण प्रताप सिंह व गुंजन वर्मा द्वारा सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। मंच से सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से आरंभ हुई, स्टार मेकर्स एकेडमी के बच्चों की ओर से डांस की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। धीरेन्द्र द्वारा सोलो सिंगिंग की प्रस्तुति से उपस्थित लोगो का दिल जीत लिया। काव्य फाउंडेशन के तहत कवि सम्मेलन हुआ जिसके संस्थापक हास्य कवि अंकुर पाठक है। कवियो द्वारा शायर काव्य पाठ कर दर्शको को गुदगुदाया। अतुल सक्सेना (शायर) ने पूछ वो लेते अगर आखिरी हसरत क्या थी.. फिर मेरे कमरे में रस्सी की ज़रूरत क्या थी। तसलीम सरवर,हास्य कवि डॉ विमलेश जानलेवा,अमन मिश्रा,गौरव गौरवान्वित (ओज),अविरल शुक्ला,कवि नीरज चौरसिया ओज,अनिमेष मुँगारिया,वंदना श्रीवास्तव,जाह्नवी श्रीवास्तव जैसे कवियों ने लोगों को कविताएं सुना कर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। हास्य कवि डॉ विमलेश जानलेवा ने पढ़ा बहुत अजीब है मेरी पत्नी खुदा की कसम..जरा सी बात पे चाकू निकल लेती है।अन्य कवियों ने कवि सम्मलेन में अपनी अपनी काव्य रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। सांस्कृतिक संध्या की शाम सूफी नाईट के नाम रहा इस दौरान सूफी नाईट में सूफी गायक जतिन निगम ने ऐसे लहराकर तू रूबरू आ गई..समेत कई गानों की प्रस्तुतियां दी। सूफी गानो को सुन श्रोताओ उत्साहित हो तालियों की गूंज से पूरा माहौल गूंजामान हो गया।
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