लोकबंधु अस्पताल में अग्निकांड से 100 ऑपेरशन टले:बेहाल मरीज दूसरे अस्पतालों का कर रहे रुख, जिम्मेदार बोले - मिल रही नई डेट
लोकबंधु अस्पताल में अग्निकांड के बाद से हफ्ते भर में करीब 100 से अधिक ऑपरेशन टल गए। जिन मरीजों को ऑपरेशन की डेट मिली थी। तय समय पर ऑपरेशन न होने से वह दूसरे अस्पताल चले गए। घटना बाद से अस्पताल में अभी नेत्र रोग विभाग की OT में ऑपरेशन हो रहे हैं बाकी यूनिट में मरीजों के ऑपरेशन नहीं किए गए हैं। अस्पताल के प्रशासनिक अफसरों का कहना है इस हफ्ते से सभी विभागों में ऑपरेशन शुरू होंगे। लोकबंधु अस्पताल में बीती 14 अप्रैल की रात दूसरे तल स्थित महिला वार्ड में आग लग गई थी। इससे ICU समेत कई विभाग की ओटी में धुआं पहुंच गया था। इससे ओटी को बंद कर दिया था। यूनिट की OT इमरजेंसी ओटी में शिफ्ट कराकर ऑपरेशन शुरू कराए गए थे। 2 दिन पहले शुरू हुई आई OT वहीं, पहले तल पर स्थित आई OT को दो दिन पहले शुरू कराया गया है। आर्थोपैडिक, जनरल सर्जरी, ईएनटी विभाग की OT शुरू नहीं हो सकी। सभी ऑपरेशन टल गए। इन विभागों की ओटी में ताला लगा है। अस्पताल में हर दिन करीब 25-30 मेजर-माइनर सर्जरी होती थी। बीते हफ्ते हर दिन सात-आठ ऑपरेशन यूनिट में किए गए हैं। जनरल सर्जरी, आर्थोपैडिक और ईएनटी के मरीज दूसरे अस्पतालों में ऑपरेशन कराने के लिए चले गए। हफ्ते भर में अस्पताल में करीब 100 से अधिक ऑपरेशन टले हैं। मरीजों को दी गई नई डेट मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि आर्थोपैडिक यूनिट में ऑपरेशन किए गए हैं। बताया छोटे ऑपरेशन किए जा रहे हैं। बड़े ऑपरेशन इस हफ्ते से शुरू होंगे। जिन मरीजों को डेट दी गई थी उन्हें ऑपरेशन के लिए बुलाया जाएगा।

लोकबंधु अस्पताल में अग्निकांड से 100 ऑपेरशन टले
लोकबंधु अस्पताल में हाल ही में हुए अग्निकांड ने स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस हादसे के कारण करीब 100 मरीजों के ऑपरेशन टल गए हैं। इस घटना ने न सिर्फ मरीजों की चिंता बढ़ाई है बल्कि उनके परिवारों में भी हलचल पैदा कर दी है। मरीज अब दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक जटिलता आ गई है।
अग्निकांड का प्रभाव
अग्निकांड के बाद, अस्पताल में स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। कई मरीज, जो पहले से भर्ती थे, अब अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के लिए दी गई नई डेट मिल रही है, लेकिन इसे लेकर मरीजों में आक्रोश और चिंता का माहौल है। ऐसे में, उन्हें जल्द से जल्द उचित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है।
मरीजों का चलते-फिरते अस्पतालों में रुख
लोकबंधु अस्पताल में अग्निकांड के बाद से मरीजों की संख्या में कमी हुई है। कई मरीजों ने बताया कि उन्हें अब दूसरी सुविधाओं की तलाश करनी पड़ रही है। तात्कालिक स्थिति को देखते हुए, मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती करवाने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि नई तारीखें दी जा रही हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कितनी प्रभावी होगी, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
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आगे की योजना और प्रतिक्रियाएं
इस अग्निकांड मामले में क्या कार्रवाई होनी चाहिए, इस पर चर्चा हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा मानकों में सुधार की तत्काल आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। मरीजों के परिवारों की प्रतिक्रियाएं भी बढ़ी हुई हैं, और वे अधिक जिम्मेदारी की मांग कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन से लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग तक इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि सभी अस्पतालों में बेहतर अग्नि सुरक्षा उपाय लागू करने चाहिए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
अग्निकांड के कारण लोकबंधु अस्पताल में हो रही परेशानियों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा असर डाल दिया है। मरीजों के सुरक्षित उपचार की आवश्यकता को समझते हुए, सभी संबंधित अधिकारियों को कठोर कदम उठाने की जरूरत है। Keywords: लोकबंधु अस्पताल अग्निकांड, 100 ऑपेरशन टले लोकबंधु अस्पताल, मरीज दूसरे अस्पताल रुख, अग्निकांड चिकित्सा सेवाएँ, लोकबंधु अस्पताल अपडेट, अस्पताल अग्नि सुरक्षा उपाय, मरीजों के ऑपरेशन延期
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