वर्ल्ड हेल्थ डे आज:प्रधानमंत्री मोदी ने दिया "आरोग्यम परमं भाग्यम" का संदेश, कहा- अच्छा स्वास्थ्य समृद्ध समाज की नींव रखता है

"आरोग्यम परमं भाग्यम" यानी सेहतमंद होना परम सौभाग्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड हेल्थ डे के अवसर पर इस श्लोक के माध्यम से स्वस्थ जीवन का संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस के इस मौके पर, हम एक स्वस्थ दुनिया के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से संकल्पित करें।’ मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर निरंतर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘हम हेल्थ सैक्टर में निवेश करेंगे, क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य से ही समृद्ध समाज की नींव रखी जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी- जीवनशैली में बदलाव ने भारतीयों के स्वास्थ्य को चुनौती दी प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने मोटापे की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की और लोगों से अपने खाने में तेल का इस्तेमाल 10 प्रतिशत तक कम करने की अपील की। उन्होंने स्वास्थ्य को सबसे बड़ी पूंजी और भाग्य बताते हुए कहा, ‘जीवनशैली में बदलाव ने भारतीयों के स्वास्थ्य को चुनौती दी है, और मोटापे की समस्या एक गंभीर खतरे के रूप में उभरी है। प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2050 तक भारत में 440 मिलियन से अधिक लोग मोटापे से प्रभावित होंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने व्यायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर भी जोर दिया। 1950 में WHO ने वर्ल्ड हेल्थ डे की शुरुआत की वर्ल्ड हेल्थ डे हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना और लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के प्रति जागरूक करना है। यह दिन स्वास्थ्य के महत्व को समझाने और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में प्रयासों को तेज करने के लिए मनाया जाता है। 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसकी शुरुआत की थी। इसका मकसद दुनिया भर में हेल्थ सेक्टर में हो रही प्रगति और समस्याओं पर चर्चा करने के साथ हर वर्ग के लिए समान सेवाएं उपलब्ध कराना था। 7 अप्रैल 1948 को WHO का गठन हुआ था। इस साल वर्ल्ड हेल्थ डे पर WHO की थीम "Healthy Beginnings, Hopeful Futures" है, जो अच्छी शुरुआत और स्वस्थ भविष्य की ओर इशारा करता है। भारत भी हेल्थ सेक्टर में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य से जुड़ी कई पहल शुरू की गई हैं जिनमें आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम शामिल हैं। इन पहलों के माध्यम से भारत में मातृ और शिशु मृत्यु दर को घटाने, डिजिटल स्वास्थ्य सेवा के विस्तार, और सार्वजनिक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने में सुधार हुए हैं। भारत में हेल्थ सेक्टर में सुधार हुआ भारत में स्वास्थ्य के मामले में महिलाओं की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। हालांकि, भारतीय महिलाओं में एनीमिया की समस्या एक प्रमुख समस्या बना हुआ है। WHO के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं एनीमिया का शिकार है। भारत सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाती है, इनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शामिल है। भारत में मातृ मृत्यु दर (MMR) में भी सुधार हुआ है। वर्ष 2019-2021 में भारत में मातृ मृत्यु दर 113 प्रति 100,000 जीवित जन्मों के रूप में दर्ज की गई है। 2015-2017 में यह आंकड़ा 174 प्रति 100,000 था। UN-MMEIG 2020 की रिपोर्ट "ट्रेंड्स इन मैटरनल मोर्टलिटी" के अनुसार भारत का MMR 2000 में 384 था, ये 2020 में घटकर103 रह गया है। जबकि वैश्विक MMR 2000 में 339 से घटकर 2020 में 223 हो गया है। वैश्विक MMR में कमी की एवरेज वार्षिक दर 2000-2020 की अवधि में 2.07 प्रतिशत थी, जबकि भारत के MMR में 6.36 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक मातृ मृत्यु से कम है। भारत का डिजिटल हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत ने हेल्थ सेवा में डिजिटलीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। COVID-19 महामारी के समय स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिला। इसके साथ आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत, नागरिकों को उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध कराए। आयुष्मान भारत योजना, जो 2018 में शुरू हुई थी, इसके अंतर्गत 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिली है। यह योजना भारत में सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना मानी जाती है, जो गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती है। ---------------------------- सेहतनामा- डॉक्टर की इन सलाहों को न करें इग्नोर:5 डॉक्टरों की सलाह से बनाएं स्वस्थ जीवनशैली, विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जानें सेहतमंद जीवन के राज आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल लगभग 6.8 करोड़ लोगों की मौत होती है। इनमें सबसे ज्यादा मौतें कार्डियो वस्कुलर डिजीज, स्ट्रोक और श्वसन संक्रमण के कारण होती हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Apr 7, 2025 - 12:59
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वर्ल्ड हेल्थ डे आज:प्रधानमंत्री मोदी ने दिया "आरोग्यम परमं भाग्यम" का संदेश, कहा- अच्छा स्वास्थ्य समृद्ध समाज की नींव रखता है
"आरोग्यम परमं भाग्यम" यानी सेहतमंद होना परम सौभाग्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड हेल

वर्ल्ड हेल्थ डे आज: प्रधानमंत्री मोदी ने दिया "आरोग्यम परमं भाग्यम" का संदेश

आज वर्ल्ड हेल्थ डे के अवसर पर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने "आरोग्यम परमं भाग्यम" का उद्घोष किया, जिसमें स्वास्थ्य को जीवन का सबसे बड़ा भाग्य बताया गया है। उनके अनुसार, अच्छा स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत कल्याण नहीं बल्कि समृद्ध समाज की नींव है।

प्रधानमंत्री मोदी का स्वास्थ्य पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वस्थ व्यक्ति न केवल अपने लिए बल्कि समाज और देश के लिए भी एक आधार बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं और एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।

स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान केंद्रित

वर्ल्ड हेल्थ डे हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है। इस वर्ष, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता बनाएं और स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं पर ध्यान दें। उन्होंने योग, व्यायाम और सही खानपान के महत्व पर जोर दिया।

समाज की समृद्धि के लिए स्वास्थ्य

स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जो हर व्यक्ति को प्रभावित करता है, और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे समाज की समृद्धि के लिए आवश्यक बताया। उनका कहना है कि जब लोग सेहतमंद होते हैं, तब वे अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे देश का विकास होता है।

प्रधानमंत्री के इस संदेश ने सभी वर्गों के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का कार्य किया है। यह समय है कि हम सभी मिलकर एक स्वस्थ समाज की दिशा में कदम बढ़ाएं।

नोट: इस वर्ल्ड हेल्थ डे पर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए, सामाजिक मीडिया पर इस संदेश को साझा करें और अपने दोस्तों को भी स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करें।

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