शुभमन गिल के टेस्ट कप्तान बनने पर जलालाबाद में जश्न:चाचा बोले-इतनी जल्दी कामयाबी मिलेगी, सोचा नहीं था, शुभमन को देख नशा छोड़ रहे युवा
शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान चुने जाने के बाद पंजाब के फाजिल्का के जलालाबाद में उसके पैतृक गांव में खुशी को लहर दौड़ गई है l स्थानीय लोग बहुत खुश है l लोगों का कहना है कि शुभमन ने उनके गांव का नाम जलालाबाद ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रोशन किया है l शुभमन गिल के चाचा गुरतेज सिंह ने कहा कि आज उन्हें बहुत खुशी है कि उनका लड़का पूरी दुनिया में उनका नाम रोशन कर रहा है l उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन उनका बच्चा कप्तानी की कुर्सी पर पहुंचेगा l लेकिन उन्होंने यह नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी कामयाबी मिलेगी l आज उसे टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया, जिससे वह बहुत खुश हैं l उन्होंने बताया कि वह खुद विभिन्न स्टेडियम में पहुंचकर शुभमन का मैच देख चुके हैं, जिसमें उसकी परफॉर्मेंस बहुत शानदार रही है l उधर ग्रामीण सुखमंदर सिंह, गुरनाम सिंह, जसविंदर सिंह ने बताया कि उनके गांव के बच्चे ने आज उनके गांव का नाम सिर्फ जलालाबाद या पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है l यही वजह है कि गांव के बाकी युवा शुभमन को देखकर उससे प्रेरणा ले रहे हैं और नशों से दूर रहते हुए खेलों की ओर प्रेरित हो रहे हैं l आज के समय में उनके काफी युवा क्रिकेट से लगाव रख रहे हैं l बता दे कि जैमलसिंह वाला शुभमन गिल का पैतृक गांव है l जहां आज भी उसके पैतृक घर में उसके दादा दादी रहते है l

शुभमन गिल के टेस्ट कप्तान बनने पर जलालाबाद में जश्न
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भारतीय क्रिकेट में नए सितारे के उभरने की खुशी से जलालाबाद उत्सव मना रहा है। हाल ही में, क्रिकेटर शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान चुना गया है, जिसने पूरे देश को खुशी में डुबो दिया है। पंजाब के फाजिल्का स्थित जलालाबाद में, जहां शुभमन का पैतृक गांव है, स्थानीय लोग इस ऐतिहासिक पल का जश्न मना रहे हैं।
खुशी की लहर
जैसे ही शुभमन गिल के कप्तान बनने की खबर आई, गांव के लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी। स्थानीय निवासी इस बात को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं कि शुभमन ने न केवल जलालाबाद का नाम बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। गांव के चाचा गुरतेज सिंह ने इस अप्रत्याशित सफलता पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि शुभमन इतनी जल्दी कप्तान बन जाएगा।
प्रेरणा का स्रोत
गुरतेज सिंह ने कहा, “मैंने हमेशा उम्मीद की थी कि शुभमन एक दिन कप्तान बनेगा, लेकिन इतनी जल्दी, यह एक सपना सच होने जैसा है।” शुभमन को देखकर गांव के अन्य युवा भी खेलों में रुचि बढ़ा रहे हैं और नशे से दूरी बना रहे हैं। सलामती के लिए खेलों का चयन करना आज के समय में एक सकारात्मक बदलाव है।
सकारात्मक बदलाव
गांव के निवासी सुखमंदर सिंह, गुरनाम सिंह और जसविंदर सिंह ने भी अपनी खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “आज शुभमन ने जलालाबाद का नाम रोशन किया है। हमारे गांव के युवा अब क्रिकेट को लेकर प्रेरित हो रहे हैं। यह एक नई लहर है जो हमें एक दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।”
गांव की जड़ों की अहमियत
शुभमन गिल का पैतृक गांव जैमलसिंह वाला है, जहां अब भी उनके दादा-दादी रहते हैं। इस प्रकार, शुभमन की सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे गांव का सम्मान है। उनकी सफलता के पीछे परिवार और गांव के लोगों का समर्थन भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
शुभमन गिल की कप्तानी का यह सफर न केवल उनके लिए, बल्कि जलालाबाद और पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह एक प्रेरणा है कि मेहनत और समर्पण से हर कोई अपने सपनों को साकार कर सकता है। ऐसे ही सकारात्मक बदलावों की हमें जरूरत है, जिससे युवा पीढ़ी आगे बढ़ सके। शुभमन गिल की सफलता का यह मेला जलालाबाद में एक नई शुरुआत की ओर इशारा कर रहा है।
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