शिमला में मंत्री जगत ने CBI पर उठाए सवाल:बोले-सुप्रीम कोर्ट कह चुका तोता, विमल नेगी केस में एसआईटी निष्पक्ष जांच कर रही थी

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिमला में राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री नेगी ने सीबीआई की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने विवेक पर फैसला सुनाया है सही ही होगा। लेकिन सीबीआई की जांच पर अपने आप मे ही प्रश्न चिन्ह है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हुए गुड़िया कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि उस मामले में भी भाजपा ने खूब हल्ला किया था मामले की जांच सीबीआई ने की थी, लेकिन जांच में क्या निकला। मंत्री ने सीबीआई को बताया तोता मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को तोता बता चुका है और पिछले 11 सालों में एजेंसी की स्थिति और भी खराब हुई है। जगत सिंह नेगी ने बताया कि विमल नेगी मामले में एसआईटी निष्पक्ष जांच कर रही थी। उन्होंने कहा कि वे अभी उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को नहीं देखा है। जिसमें हाइकोर्ट ने किन कारणों में जांच को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है । मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस, एसआईटी और एसीएस राजस्व विभाग ने पूरी पारदर्शिता के साथ मामले की जांच कर रही थी।

May 23, 2025 - 18:27
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शिमला में मंत्री जगत ने CBI पर उठाए सवाल:बोले-सुप्रीम कोर्ट कह चुका तोता, विमल नेगी केस में एसआईटी निष्पक्ष जांच कर रही थी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले की जां

शिमला में मंत्री जगत ने CBI पर उठाए सवाल: बोले-सुप्रीम कोर्ट कह चुका तोता, विमल नेगी केस में एसआईटी निष्पक्ष जांच कर रही थी

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिमला में राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सीबीआई की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है।

जगत सिंह नेगी का बड़ा बयान

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने विवेक पर फैसला सुनाया है, जो कि सही ही होगा। लेकिन, उन्होंने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए उल्लेख किया कि सीबीआई की कार्यप्रणाली स्वाभाविक रूप से संदेहास्पद है। इस संदर्भ में उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हुए गुड़िया कांड का उदाहरण दिया, जिसमें सीबीआई की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगा था।

सीबीआई पर गंभीर आरोप

मंत्री ने सीबीआई को 'तोता' बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सीबीआई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। पिछले 11 सालों में सीबीआई की स्थिति और भी खराब हुई है। यह अमर्त्यम है कि एक ऐसी एजेंसी, जिस पर इतना बड़ा कार्यभार है, वह किस तरह के परिणाम दे रही है।

एसआईटी की निष्पक्षता

जगत सिंह नेगी ने यह भी बताया कि विमल नेगी मामले की जांच में एसआईटी निष्पक्षता से काम कर रही थी। उन्होंने सुझाव दिया कि कार्रवाई करने से पहले हाईकोर्ट के निर्णय और कारणों को ठीक से समझा जाना चाहिए।

मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस, एसआईटी और एसीएस राजस्व विभाग ने पूरे पारदर्शिता के साथ मामले की जांच की थी। उनका मानना है कि जो प्रणाली पहले से मौजूद थी, वह ज्यादा प्रभावशाली और उत्तम थी।

निष्कर्ष

जगत सिंह नेगी के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वो सीबीआई की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता को लेकर चिंतित हैं। उनकी आवाज न केवल स्थानीय राजनीति में, बल्कि पूरे देश की प्रणाली में उठ रही व्याप्त समस्याओं पर भी प्रकाश डालती है। क्या हाईकोर्ट का निर्णय सही है, या सीबीआई की जांच की कार्यप्रणाली को फिर से परखने की जरूरत है? यह अब आने वाला समय बताएगा।

इस प्रकरण की निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए जनता की दृष्टि में क्या बदलाव होगा, यह देखने वाली बात होगी।

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