PM मोदी-जयराम की मुलाकात से हिमाचल BJP में खलबली:अध्यक्ष पद के दावेदार दिल्ली दौड़ने लगे; नॉन MLA को मिल सकती है कमान
हिमाचल प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने प्रदेश भाजपा में हलचल पैदा कर दी है। जयराम ने 2 दिन पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात की। पार्टी सूत्र बताते हैं कि उन्होंने हिमाचल में बनने वाली BJP अध्यक्ष को लेकर PM से बात की। उन्होंने अध्यक्ष के लिए 2 प्रमुख नाम सुझाए हैं। सूत्रों के अनुसार, जयराम ने कांगड़ा सीट से MP राजीव भारद्वाज और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार में से किसी एक को अध्यक्ष बनाने वकालत की है। हालांकि आखिरी फैसला हाईकमान को करना है। मगर PM से जयराम की मुलाकात ने हिमाचल का सियासी पारा गरमा दिया है। प्रधानमंत्री से पहले जयराम ठाकुर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मिल चुके हैं। अब दूसरे नेता बारी-बारी दिल्ली दौड़ रहे जयराम की मुलाकात के बाद BJP के दूसरे बड़े नेता भी बारी-बारी दिल्ली दौड़ रहे हैं और अध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। अध्यक्ष की रेस में शामिल मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी इन दिनों दिल्ली में डटे हैं। बिंदल RSS के भी करीबी माने जाते हैं और जेपी नड्डा का भी उन पर आशीर्वाद रहा है। राजीव भारद्वाज भी दिल्ली पहुंचे सूत्र बताते हैं कि राजीव भारद्वाज भी इन दिल्ली पहुंच गए हैं और जेपी नड्डा से मिलने के लिए उन्होंने भी टाइम मांगा है। प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला से राजीव भारद्वाज को अध्यक्ष पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा है। उन्हें संगठन में विभिन्न पदों पर काम का अनुभव है और RSS से भी जुड़े हुए हैं। इनसे पहले विधायक सत्तपाल सत्ती और विधायक बिक्रम ठाकुर भी दिल्ली में नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार भी नड्डा से मुलाकात कर प्रदेश लौट आए हैं। ये तीनों विधायक भी अध्यक्ष पद की रेस में है। नॉन MLA में से बन सकता है अध्यक्ष सूत्र बताते हैं कि बेशक, मौजूदा विधायक अध्यक्ष पद की रेस है। मगर पार्टी ऐसे नेता को अध्यक्ष बनाने पर 2027 में चुनाव नहीं लड़ने की शर्त लगा सकती है, ताकि विधानसभा चुनाव में अध्यक्ष पूरे प्रदेश में पार्टी के प्रचार की कमान संभाल सके। इसलिए पार्टी के पास नॉन-MLA में से किसी को अध्यक्ष बनाने का विकल्प खुला है। इसकी संभावना काफी ज्यादा है। इस वजह से सांसद डॉ. सिकंदर और सांसद राजीव भारद्वाज का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि अध्यक्ष पद को लेकर चौकाने वाला फैसला भी हो सकता है। राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी को भी पार्टी अध्यक्ष बना सकती है। ये नेता भी दिल्ली में मुलाकात कर चुके भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन भी जेपी नड्डा शाह मिल चुके हैं। इन नेताओं से भी जेपी नड्डा वन टू वन अध्यक्ष पद को लेकर मुलाकात कर चुके है। अब हाईकमान से चर्चा के बाद फैसला होना है। सभी जिलों में अध्यक्ष के चुनाव संपन्न हिमाचल में BJP के 17 संगठनात्मक जिला है। सभी के चुनाव हो चुके है। इसी तरह प्रदेश में 171 ब्लॉक है। इनमें से देहरा विधानसभा के 2 ब्लॉक को छोड़कर अन्य सभी में अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। ऐसे में अब 27 जनवरी के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष चुना जा सकता है। इस वजह से अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी भाजपा हाईकमान ने केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को हिमाचल भाजपा अध्यक्ष चयन के लिए चुनाव अधिकारी बना रखा है। उनके पास दूसरे राज्यों का भी प्रभार है और वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त है। इस वजह से 27 से पहले उनके हिमाचल आने की संभावना नहीं है। हालांकि वह बीते सप्ताह शिमला आकर भाजपा अध्यक्ष को लेकर सीनियर नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।

PM मोदी-जयराम की मुलाकात से हिमाचल BJP में खलबली
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बीच हुई मुलाकात ने बीजेपी में हलचल मचा दी है। इस बैठक के बाद पार्टी में अध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। इसके तहत, पार्टी के कई नेता अब दिल्ली दौड़ने लगे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना बढ़ गई है।
बीजेपी में अध्यक्ष पद की दौड़
जैसे-जैसे वार्ता आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई अनुभवी नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। पार्टी में चर्चा है कि इस बार नॉन-MLA को भी कमान सौंपे जाने की संभावना है, जो इस स्थिति को और जटिल बना रहा है। स्थानीय नेताओं के बीच इस बदलाव को लेकर चिंता और उत्सुकता दोनों ही देखने को मिल रही है।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
हिमाचल की राजनीतिक स्थिति को लेकर सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ नेता इसे पार्टी के लिए सकारात्मक बदलाव मानते हैं, जबकि अन्य इसे अनिश्चितता के तौर पर देख रहे हैं। मौजूदा स्थिति को लेकर सभी की नजरें दिल्ली पर टिकी हुई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार कौन सी दिशा में यह राजनीतिक गाथा ले जाती है।
आगामी चुनावों पर प्रभाव
इस मौजूदा स्थिति का आगामी विधानसभा चुनावों पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि पार्टी अपने अध्यक्ष को बदलने का फैसला करती है, तो इससे चुनावी रणनीति में भी बदलाव आ सकता है। पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, नेतृत्व परिवर्तन से बीजेपी को हिमाचल में फिर से मजबूती हासिल करने का अवसर मिल सकता है।
इसके अलावा, स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए नए अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता होगी। यह निर्णय हिमाचल बीजेपी की भविष्य की दिशा निर्धारित करेगा।
इस समय, पार्टी के भीतर जो खलबली मची हुई है, वह यह दर्शाती है कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ समर्पण और सहयोग में विश्वास रखती है।
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