हिमाचल 12वीं बोर्ड में अंग्रेजी विषय की मार्किंग में गड़बड़ी:गलत आंसर की से हुई स्कैनिंग, दोबारा जांची जाएंगी कॉपियां, चार अधिकारियों पर कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय में मूल्यांकन में हुई गलती को स्वीकार कर लिया है। बोर्ड के अनुसार मानव त्रुटि के कारण पहले जारी की गई उत्तर कुंजी गलत थी। इस कारण हजारों छात्रों को अंग्रेजी पेपर में कम अंक मिले। बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि संबंधित शाखा के चार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। यह मामला शिक्षक संघ और निजी स्कूल संघ की शिकायत के बाद सामने आया। उन्होंने छात्रों के खराब परिणाम को लेकर शिक्षा मंत्री से शिकायत की थी। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर जांच में मूल्यांकन में गलती की पुष्टि हुई। कई स्कूलों ने शिकायत की थी कि मेधावी छात्र भी फेल हो गए हैं। कुछ छात्रों को बेहद कम नंबर मिले हैं। इस कारण छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी थी। अब बोर्ड ने सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांचने का निर्णय लिया है। जल्द ही पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी कर संशोधित परिणाम जारी किए जाएंगे। बोर्ड अब नए प्रश्नपत्र की ओएमआर शीट को फिर से स्कैन करेगा जांच में पता चला कि बहु विकल्पीय प्रश्नों के मूल्यांकन के लिए गलत आंसर की का प्रयोग किया गया। दरअसल, 8 मार्च की परीक्षा चंबा में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद्द कर दी गई थी। अप्रैल में नए प्रश्नपत्र से परीक्षा हुई, लेकिन मूल्यांकन में रद्द की गई परीक्षा की आंसर की का उपयोग कर लिया गया। बोर्ड अब नए प्रश्नपत्र की ओएमआर शीट को फिर से स्कैन करेगा। इससे प्रोविजनल मेरिट लिस्ट में भी बदलाव होगा। वर्तमान में 83.16% पास प्रतिशत है, जिसमें 1-2% की वृद्धि की संभावना है। संशोधित परिणाम एक-दो दिन में घोषित किया जाएगा।

May 21, 2025 - 00:27
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हिमाचल 12वीं बोर्ड में अंग्रेजी विषय की मार्किंग में गड़बड़ी:गलत आंसर की से हुई स्कैनिंग, दोबारा जांची जाएंगी कॉपियां, चार अधिकारियों पर कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय में मूल्यांकन में हुई गलती को स्

हिमाचल 12वीं बोर्ड में अंग्रेजी विषय की मार्किंग में गड़बड़ी: गलत आंसर की से हुई स्कैनिंग, दोबारा जांची जाएंगी कॉपियां, चार अधिकारियों पर कार्रवाई

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हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में 12वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय में मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी को स्वीकार किया है। इस मुद्दे के कारण हजारों छात्रों को न केवल कम अंक मिले हैं, बल्कि इससे छात्रों और अभिभावकों में व्यापक नाराजगी भी फैल गई है। यह मामला तब सामने आया जब शिक्षक संघ और निजी स्कूल संघ ने बोर्ड के खराब परिणामों को लेकर शिक्षा मंत्री से शिकायत की थी। अब स्थिति को सुधारने के लिए बोर्ड ने कई ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।

गड़बड़ी का कारण क्या था?

बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा के अनुसार, मूल्यांकन में हुई गलती मानव त्रुटि के कारण हुई थी। पहले जारी की गई उत्तर कुंजी में त्रुटि पाई गई थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि कई मेधावी छात्रों को भी अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया। यह विशेष रूप से तब नकारात्मक प्रभाव वाला था जब कई स्कूलों ने शिकायत की कि उनके उत्कृष्ट छात्र भी कम अंक प्राप्त कर रहे हैं।

अधिकारियों पर कार्रवाई

इस गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए, संबंधित शाखा के चार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर बोर्ड ने आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें मूल्यांकन की इस गलती की पुष्टि हुई। इन अधिकारियों पर कार्रवाई से छात्रों के बीच विश्वास को बहाल करने की कोशिश की जा रही है।

कापियां दोबारा जांची जाएंगी

बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांची जाएगी। वर्तमान में 83.16% पास प्रतिशत है, जिसमें 1-2% की वृद्धि की संभावना है। जल्दी ही पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी कर संशोधित परिणाम जारी किए जाएंगे। बताया गया है कि बोर्ड अब नए प्रश्नपत्र की ओएमआर शीट को फिर से स्कैन करेगा, ताकि सही उत्तरों का मूल्यांकन किया जा सके।

प्रश्नपत्र की समस्या

8 मार्च की परीक्षा चंबा में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद्द कर दी गई थी। बाद में, अप्रैल में नए प्रश्नपत्र के साथ परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन मूल्यांकन में पहले रद्द की गई परीक्षा की आंसर की का इस्तेमाल किया गया। यह स्थिति अन्यों के लिए भी सीख बन गई है, कि परीक्षा मूल्यांकन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता जरूरी है।

छात्रों और अभिभावकों की आशा

इस गड़बड़ी के बाद, छात्रों और उनके अभिभावकों में पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया के प्रति आशा की किरण जाग उठी है। छात्रों को उम्मीद है कि संशोधित परिणाम उनकी मेहनत को सही मान्यता देगा। शिक्षा बोर्ड के इस प्रयास से, यह स्पष्त होगा कि प्रक्रिया कितनी पारदर्शी और निष्पक्ष बन रही है।

संक्षेप में, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन में गड़बड़ी को न केवल स्वीकार किया है, बल्कि इसे सुधारने हेतु ठोस कदम भी उठाए हैं। जांच परिणामों के अनुसार, छात्र जल्द ही नए परिणामों का इंतजार कर सकेंगे, जो उच्चतम मानकों के अनुरूप होंगे।

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