गोरखपुर में कारोबारी से 11.21 लाख की ठगी:फर्जी वेबसाइट से मांगी गई फ्रेंचाइजी फीस, साइबर थाना में केस दर्ज
गोरखपुर के कैंट इलाके के बेतियाहाता में रहने वाले द्विजेंद्र नाथ शुक्ला से एक अज्ञात व्यक्ति ने फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 11.21 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित ने सोमवार को साइबर अपराध थाना में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शुक्ला ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले एक नामचीन खाद्य उत्पाद कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल पर जानकारी सर्च की थी। एक वेबसाइट का लिंक मिला, जो असली कंपनी की तरह लग रहा था। आवेदन करने के बाद उनके पास मेल आया और फिर एक व्यक्ति ने कॉल कर खुद को कंपनी का डीलरशिप मैनेजर ‘आयुष वालिया’ बताया। दो बार में खाते में डलवाए 11.21 लाख रुपये कॉल करने वाले व्यक्ति ने भरोसा दिलाया कि प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और 17 अप्रैल 2025 को दो बार में कुल 11 लाख 21 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवा लिए। शुक्ला ने बताया कि रकम भेजने के बाद कई दिन बीत गए, लेकिन फ्रेंचाइजी को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिली। जब उन्होंने दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो वह लगातार बंद बताने लगा। साइबर थाना में केस दर्ज कई बार संपर्क करने में विफल रहने के बाद उन्होंने ठगी का शक होने पर साइबर अपराध थाना में तहरीर दी। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पीड़ित से जरूरी दस्तावेज लेकर जांच शुरू कर दी गई है। तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपी की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

गोरखपुर में कारोबारी से 11.21 लाख की ठगी:फर्जी वेबसाइट से मांगी गई फ्रेंचाइजी फीस, साइबर थाना में केस दर्ज
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गोरखपुर के कैंट इलाके के बेतियाहाता में रहने वाले द्विजेंद्र नाथ शुक्ला से हाल ही में एक अज्ञात व्यक्ति ने फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 11.21 लाख रुपये की ठगी कर ली है। यह घटना शहर के व्यवसायियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है और साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को प्रदर्शित करती है। पीड़ित ने सोमवार को साइबर अपराध थाना में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
घटनाक्रम की शुरुआत
द्विजेंद्र नाथ शुक्ला ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले किसी नामचीन खाद्य उत्पाद कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए गूगल पर जानकारी सर्च की। इस क्रम में उन्हें एक वेबसाइट का लिंक मिला, जो कि असली कंपनी की तरह लग रहा था। इस वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद उनके पास एक ईमेल आया, और फिर उन्हें एक व्यक्ति का फोन कॉल आया जिसने स्वयं को कंपनी का डीलरशिप मैनेजर 'आयुष वालिया' बताया। स्थान पर विश्वास करके, शुक्ला ने दो बार में मिलाकर 11.21 लाख रुपये के भुगतान करने का निर्णय लिया।
ठगी का बुरा अनुभव
आयुष वालिया ने उन्हें यह भरोसा दिलाया कि प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और दो किस्तों में 11 लाख 21 हजार रुपये उनके खाते में जमा कराए गए। लेकिन जब रकम भेजने के बाद कई दिन बीत गए और फ्रेंचाइजी के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली, तब शुक्ला ने दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन वह फोन नंबर लगातार बंद बताने लगा। इस पर उन्होंने ठगी का शक होने पर साइबर अपराध थाना में तहरीर के साथ शिकायत कर दी।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पीड़ित से आवश्यक दस्तावेज एकत्रित करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपी की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। यह मामला ना केवल एक व्यक्तिगत ठगी का है बल्कि यह व्यापक रूप से साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे की ओर इशारा करता है।
साइबर अपराध से सुरक्षा
इस घटना से सबक लेते हुए, आवश्यक है कि सभी व्यवसायी ऐसे ठगों से बचने के लिए सतर्क रहें। किसी भी वेबसाइट पर पैसे की लेनदेन करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना बेहद जरूरी है। सही जानकारी के लिए प्रामाणिक स्रोतों का उपयोग करें और अगर संभव हो तो स्थानीय व्यापार संघ या कक्षाओं की मदद लें।
निष्कर्ष
द्विजेंद्र नाथ शुक्ला का मामला गोरखपुर में बढ़ते साइबर अपराधों की समस्या को उजागर करता है। यह जरूरी है कि लोग साइबर ठगी के प्रति जागरूक रहें और सभी लेनदेन को सही तरीके से सुनिश्चित करें। पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच का नतीजा कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर करेगा कि क्या वे अपनी मेहनत की कमाई को ठगों के हाथों से बचा पाएंगे।
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