नाबालिग बेटियों से दुष्कर्म के दोषी पिता को सजा:जौनपुर कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, 54 हजार का जुर्माना भी लगाया
जौनपुर में एक पिता को अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार ने आरोपी पर 54 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। सुरेरी थाना क्षेत्र में आरोपी की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसका पति 15 और 13 वर्षीय बेटियों के साथ 6 महीने से दुष्कर्म कर रहा था। पीड़िताओं को जान से मारने की धमकी दी जाती थी। न्यायालय में जिरह के दौरान आरोपी की पत्नी ने अपना बयान बदल दिया। उसने कहा कि यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा है। उसका आरोप था कि पति चोरी-छिपे जमीन बेचता था। थाने में जमीन विवाद की शिकायत करने गई थी, जहां दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हो गया। एक पीड़िता ने अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय और कमलेश राय द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की जांच के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई गई।

नाबालिग बेटियों से दुष्कर्म के दोषी पिता को सजा:जौनपुर कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद, 54 हजार का जुर्माना भी लगाया
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - IndiaTwoday
जौनपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता को अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म के गंभीर आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार ने इस मामले में दोषी पिता पर 54 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। यह मामला सुरेरी थाना क्षेत्र से संबंधित है, जहां आरोपी की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत का संदर्भ
आरोपी की पत्नी ने अदालत में बताया कि उसका पति 15 और 13 वर्षीय बेटियों के साथ पिछले 6 महीनों से दुष्कर्म कर रहा था। पति द्वारा बेटियों को जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं, जिससे परिवार में भय का माहौल बना हुआ था। न्यायालय में जब सुनवाई चल रही थी, तो आरोपी की पत्नी ने अपना बयान बदल दिया। उसने कहा कि यह मामला एक जमीन विवाद से जुड़ा है, और उसका पति चोरी-छिपे जमीन बेचता था।
जांच और गवाहियों का महत्व
इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब एक पीड़िता ने अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय और कमलेश राय द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों की जांच के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई, जिससे यह साबित होता है कि कानून ऐसे जघन्य अपराधों को गंभीरता से लेता है।
समाज पर प्रभाव
इस मामले ने समाज में महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ऐसी घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि परिवार के भीतर भी सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता है। बच्चियों को सुरक्षित रखने के लिए परिवारों को जागरूक किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस मामले की सुनवाई ने यह साबित कर दिया कि न्याय का रास्ता हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन जब परिवार के लोग ही सच्चाई के खिलाफ जाते हैं तो न्याय की जीत सुनिश्चित होती है। उम्रकैद की सजा किसी हद तक पीड़ित परिवार के लिए सुकून देने वाली हो सकती है, लेकिन समाज को अभी भी बहुत कुछ सीखने और करने की जरूरत है। ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ हमें मिलकर खड़ा होना होगा और नाबालिगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।
सभी नागरिकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें ऐसे मामलों की सूचना अधिकारियों को तुरंत देनी चाहिए और अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
Keywords:
minor daughters, molestation case, father sentenced, life imprisonment, Jounpur court, legal proceedings, daughters protection, family safety measures, IPC section 376, POCSO ActWhat's Your Reaction?






