पाकिस्तानी आतंकी आमिर हमजा के घायल होने का दावा:मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती, हाफिज सईद का करीबी है, भारत में हमले की साजिश रची थी
पाकिस्तान में कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का को-फाउंडर आमिर हमजा एक हादसे में घायल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे उसे पाकिस्तानी एजेंसी ISI की सुरक्षा में लाहौर के एक मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक घर में हुए एक हादसे में उसे चोट लग गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया। वहीं, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया गया है कि आमिर हमजा पर हमला हुआ है और उसे गोली मारी गई है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 2 दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा और जमात का आतंकवादी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह के मारे जाने की जानकारी आई थी। लश्कर की पत्रिकाओं का संपादक था आतंकी आमिर हमजा 1987 में लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना में शामिल 17 लोगों में से एक है। वह आतंकी गतिविधियों, प्रचार, फंड जुटाने और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कई अखबारों और पत्रिकाओं का संपादन करता था। वह लश्कर की सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी का सदस्य भी रहा है और अन्य आतंकी समूहों के साथ संबंध स्थापित करने में एक्टिव रहा है। हमजा ने हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा को दूसरे आतंकी समूहों से जोड़ने का काम किया। वह लश्कर से जुड़े एक चैरिटी संगठन का नेतृत्व करता था और लश्कर के यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल था, जिसे पहले हाफिज सईद संभालता था। हमजा ने सोवियत के खिलाफ जंग लड़ी थी हमजा ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह हाफिज सईद और अन्य आतंकियों के साथ जुड़ गया। वह हाफिज सईद और अब्दुल रहमान मक्की का करीबी है। अमेरिका ने साल 2012 में हमजा को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। हमजा को भारत के खिलाफ कई आतंकी हमलों से जोड़ा गया है। उसे जम्मू के सुंजवां में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया जाता है। 8 साल पहले संगठन से अलग हुआ था कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2018 में फंड की कमी की समस्या की वजह से लश्कर-ए-तैयबा में फूट पड़ गई थी। इसके बाद आमिर हमजा ने खुद को संगठन से अलग कर लिया था। उसने अपना नया संगठन बनाया था। इसका नाम जैश-ए-मनक्फा रखा गया था। .................................................... पाकिस्तानी आतंकी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... लश्कर आतंकी सैफुल्लाह ढेर, पाकिस्तान में मारी गोली:RSS मुख्यालय और CRPF कैंप हमले का मास्टरमाइंड था; नेपाली महिला से की थी शादी लश्कर-ए-तैयबा और जमात का आतंकवादी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह मारा गया है। सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध में मतली फलकारा चौक के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हालांकि उसे गोली कब मारी गई, इसकी जानकारी अभी नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

पाकिस्तानी आतंकी आमिर हमजा के घायल होने का दावा: मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - IndiaTwoday
भारत के लिए एक नई चिंताजनक खबर आ रही है, जिसमें पाकिस्तान के कुख्यात आतंकवादी आमिर हमजा के घायल होने का दावा किया गया है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सह-संस्थापक आमिर हमजा को लाहौर के एक मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना उस समय हुई जब वह अपने घर पर थे और एक हादसे में घायल हो गए। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ सूत्र इस बात का दावा कर रहे हैं कि हमजा को गोली मारी गई है, लेकिन इस दावे की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
आमिर हमजा का आतंकवादी इतिहास
आमिर हमजा, जो 1987 में लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना में शामिल 17 लोगों में से एक रहे हैं, आतंकवादी गतिविधियों और प्रचार का एक प्रमुख चेहरा माना जाता है। उन्होंने न केवल लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों का संचालन किया है, बल्कि हाफिज सईद के नेतृत्व में कई अन्य संगठनों के साथ संबंध भी स्थापित किए हैं। हमजा अमेरिका द्वारा 2012 में वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था। उसके नाम पर जम्मू के सुंजवां में हुए आतंकी हमले की योजना बनाने का आरोप भी है, जिसमें कई भारतीय सैनिक मारे गए थे।
आमिर हमजा ने न केवल मिलिट्री गतिविधियों में शिरकत की है, बल्कि वह फंड जुटाने और लश्कर से जुड़े विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों का संपादन भी करता था। इसके अलावा, वह लश्कर के चैरिटी संगठनों का भी संचालन कर रहा था, जिनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के लिए किया जाता था।
आत्मसमर्पण और नए संगठनों की ओर कदम
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, आमिर ने 2018 में फंड की कमी के कारण लश्कर-ए-तैयबा से खुद को अलग कर लिया और एक नया संगठन, जैश-ए-मनक्फा स्थापित किया। इस संगठन के तहत, उसने आतंकवादी गतिविधियों को नए सिरे से शुरू किया। उसके नए कदमों ने उसे और भी अधिक खतरनाक बना दिया है।
आमिर हमजा का प्रभाव
आमिर हमज़ा की सक्रियता केवल पाकिस्तान में सीमित नहीं है, बल्कि भारत में आंतरिक सुरक्षा पर भी इसका गहरा असर है। तथ्य यह है कि वह हाफिज सईद का करीबी है, और दोनों के बीच की निकटता भारत- पाक की जटिलताओं में और इजाफा करती है। उसके घायल होने की स्थिति में आतंकवादी गतिविधियों में संभावित कमी की एक किरण दिखाई दे सकती है, लेकिन भारत को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।
दूसरी ओर, पाकिस्तान की सरकार और उसकी एजेंसियों को अभी यह श्रेय लेना है कि वह अपने देश में सक्रिय आतंकवादियों को संरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। जो भी हो, आमिर हमजा पर हमले या उसके घाव की स्थिति स्पष्ट नहीं है और इसकी पुष्टि होने में कुछ समय लग सकता है।
निष्कर्ष
हमजा का घायल होना न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी समय सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाती है। भविष्य में, अगर हमजा जैसे प्रमुख आतंकवादी सही दिशा में और अधिक सक्रिय होते हैं, तो इससे आतंकवाद की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना हो सकती है। हमें हमेशा इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि आतंकवादी समूह अपनी योजनाएं कैसे बनाते हैं और उनकी गतिविधियों को कैसे रोका जाए।
अंत में, हम यह उम्मीद करते हैं कि इस घटना के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां भी और अधिक सतर्क रहेंगी और सभी नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखेंगी।
Keywords:
Pakistan, Amir Hamza, Lashkar-e-Taiba, Terrorism, Hafiz Saeed, ISI, Military Hospital, India Security, Attack Plot, Terrorist ActivityWhat's Your Reaction?






