वाराणसी हत्याकांड- ताऊ ने पीटा तो भड़की बदले की आग:2 साल बाद लौटा..कत्ल की साजिश रची, दादी बोली- विक्की में नफरत भरी थी
वाराणसी के शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के 4 लोगों के कत्ल में प्राइम सस्पेक्ट विशाल गुप्ता उर्फ विक्की है। पुलिस को राजेंद्र की मां शारदा देवी से भी अहम क्लू मिले हैं। दैनिक भास्कर से भी शारदा देवी कई खास बातें साझा कीं। दरअसल, यह कहानी शुरू हुई थी साल 1997 में। राजेंद्र गुप्ता के छोटे भाई कृष्णा गुप्ता और उनकी पत्नी बबीता की हत्या होने के बाद उनके दोनों बेटे जुगनू और विक्की अपने ताऊ राजेंद्र के पास रहते थे। घर में सब कुछ ठीक चल रहा था। राजेंद्र अपने भतीजे विक्की से थोड़ा खफा रहते थे। लेकिन, पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदारी खुद ही उठा रहे थे। 2 साल पहले इस कहानी में यू-टर्न आया। 1 दिन घर में जॉब को लेकर राजेंद्र और विक्की के बीच कहा-सुनी हो गई। राजेंद्र ने विक्की से कह दिया कि घर पर बैठे रहते, कुछ काम-धाम करो। इस पर विक्की ने पलटकर जवाब दे दिया। जवाब देना राजेंद्र को इतना बुरा लगा कि उन्होंने अपने बेटे नवनेंद्र के साथ मिलकर विक्की की पिटाई कर दी। इस पिटाई से नाराज विक्की ने ताऊ राजेंद्र का घर छोड़ दिया था। वह बेंगलुरु से बीटेक कर चुका था, इसलिए नौकरी के लिए बाहर चला गया। 2 साल में कहां-कहां रहा, पुलिस अभी यह पता कर रही है। लेकिन, उसकी आखिरी लोकेशन बेंगलुरु ही मिली है। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, विक्की के अंदर अपने पिता-मां की हत्या के बदले की आग तभी भड़की, जब राजेंद्र ने बेटे के साथ मिलकर सरेआम उसकी पिटाई की थी। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि घर छोड़ने के बाद विक्की ने सभी रिश्तेदारों से बातचीत बंद कर दी थी। उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू ने भी पुलिस से कहा कि विक्की उससे भी काफी कम बात करता था। हर बार नंबर नया होता था। वह कभी भी अपनी लोकेशन वगैरह के बारे में ज्यादा बात नहीं करता था। गुरुवार को ताऊ राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और बच्चों का अंतिम संस्कार करने के बाद प्रशांत उर्फ जुगनू फिर पुलिस हिरासत में है। राजेंद्र के कमरे से निकलने वाली महिला को भी पुलिस ढूंढ रही
विशाल उर्फ विक्की को पुलिस 6 राज्यों में ढूंढ रही है। पुलिस को 1 महिला की भी तलाश है, जो राजेंद्र गुप्ता के कत्ल से 1 घंटे पहले उनके कमरे से निकली थी। गुरुवार को सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि राजेंद्र गुप्ता को मारने के लिए कातिल पहले उनके मीरापुर वाले घर पहुंचे थे। 1 गोली सिर में और 2 गोली सीने में दागी थीं। इसके बाद वे लोग भदैनी के पुश्तैनी घर पहुंचे थे। यहां नीतू और 3 बच्चों को मार डाला। विक्की के CDR में मिले 3 संदिग्ध नंबर अब बंद हैं। उनकी लोकेशन नहीं मिल रही है। पुलिस की 4 टीमें विक्की और संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार करने के लिए हर कोशिश कर रही हैं। लेकिन, पुलिस के लिए सबसे बड़ी पहेली विक्की की लोकेशन पता लगाना है। राजेंद्र की पहली पत्नी का बेटा भी आसानसोल के एड्रेस पर नहीं मिला
राजेंद्र गुप्ता की पहली पत्नी के बेटे आदित्य को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम आसनसोल (पश्चिम बंगाल) भी गई थी। लेकिन, जिन मोबाइल नंबर और एड्रेस का वाराणसी पुलिस को सहारा था, वो सब बेबुनियाद निकला। आदित्य उस लोकेशन को छोड़कर नई जगह शिफ्ट हो चुका है। पुलिस अभी आसनसोल में ही डेरा जमाए है। दैनिक भास्कर राजेंद्र के भदैनी स्थित पुश्तैनी घर पहुंचा। 80 साल की मां शारदा देवी से बातचीत की। पढ़िए उन्होंने क्या-कुछ कहा... शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र विक्की को परेशान करता था
5 मंजिला घर में अब सिर्फ शारदा देवी दी अकेली हैं। वह घर के बरामदे में ही बैठी मिलीं। हमने पूछा- विक्की पर ही शक क्यों है कि उसने कुछ गलत किया? शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र और विक्की में कभी नहीं पटती थी। दोनों में कई बार झगड़े हुए। राजेंद्र विक्की को काफी परेशान भी करता था। विक्की के मां-बाप नहीं थे। विक्की और जुगनू दोनों यहीं रहकर पढ़े-लिखे। हम दादी हैं। हमने ही उनका खाना-पीना, सब कुछ किया। जब विक्की बड़ा हो गया, तब राजेंद्र ने उसको घर से चले जाने को कह दिया। 2 साल पहले विक्की कमाने के लिए बाहर चला गया। यह सब बताते हुए 80 साल की शारदा देवी हाफ जाती हैं। राजेंद्र विक्की को धमकाता था, तुम्हें भी मार देंगे
शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र नाराज रहते थे। यहां तक कह देते थे कि तुम्हारे मां-बाप को मार दिया है, तुमको भी मार देंगे। हमने पूछा- विक्की ने क्या जवाब दिया? शारदा देवी ने कहा- कुछ नहीं, उसके मन में क्या था, मुझे क्या पता? हमने पूछा कि आखिर क्यों विक्की से नाराज रहते थे? उन्होंने कहा- ये हमको भी समझ नहीं आया। क्या दिवाली पर विक्की घर आया था? शारदा देवी ने कहा- दिवाली पर आया था, फिर भाई दूज पर आया, मिठाई-चना खाया। घर के सब बच्चों को खिलाया। उस वक्त कोई बात नहीं थी। सब प्रेम था। राजेंद्र ने ही विक्की और जुगनू को पढ़ाया-लिखाया। यहीं भगवानपुर में ही तो पढ़ता था। विक्की बड़ा है, जुगनू छोटा। उसके कपड़े, नहलाना-धुलाना, सब हम ही करते थे। राजेंद्र विक्की को बहुत मारते थे। राजेंद्र ने भाई-दूज वाले दिन विक्की से कहा था कि तुम हमारे साथ काम करो। हम तुमको हर महीने 20-25 हजार रुपए भी देंगे। राजेंद्र के पास किराए की वसूली का काम था। जमीनें लिए हैं, तो उस पर मकान बनवा भी रहे हैं। 4 बिसवा जमीन लिया है, 2 बिसवा अपने नाम से, 2 अपनी पत्नी के नाम से। हमने पूछा - क्या विक्की ने मारा है? शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र और उसके लड़के ने विक्की को बहुत मारा था। वह (विक्की) गुस्से में था। हमसे कहा था कि हम भी पापा की मौत का बदला लेंगे। हमने विक्की से कहा था कि अब एक ही लड़का बचा है। बड़ा वाला दिमाग से पागल था। छोटा मर चुका है। अब ऐसा कुछ मत करना। मां ने कहा- दोनों के झगड़ों से दूरिया बढ़ती चली गईं
विशाल उर्फ विक्की शराब कारोबारी कृष्ण गुप्ता और बबीता का बड़ा बेटा है। वह 33 साल का है। प्रशांत उर्फ जुगनू उससे 4 साल छोटा है। शारदा देवी कहती हैं कि कई मौके पर विक्की गुस्से में रहता था। अपने ताऊ राजेंद्र की बातों को मना कर देता थ
वाराणसी के शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के 4 लोगों के कत्ल में प्राइम सस्पेक्ट विशाल गुप्ता उर्फ विक्की है। पुलिस को राजेंद्र की मां शारदा देवी से भी अहम क्लू मिले हैं। दैनिक भास्कर से भी शारदा देवी कई खास बातें साझा कीं। दरअसल, यह कहानी शुरू हुई थी साल 1997 में। राजेंद्र गुप्ता के छोटे भाई कृष्णा गुप्ता और उनकी पत्नी बबीता की हत्या होने के बाद उनके दोनों बेटे जुगनू और विक्की अपने ताऊ राजेंद्र के पास रहते थे। घर में सब कुछ ठीक चल रहा था। राजेंद्र अपने भतीजे विक्की से थोड़ा खफा रहते थे। लेकिन, पढ़ाई-लिखाई की पूरी जिम्मेदारी खुद ही उठा रहे थे। 2 साल पहले इस कहानी में यू-टर्न आया। 1 दिन घर में जॉब को लेकर राजेंद्र और विक्की के बीच कहा-सुनी हो गई। राजेंद्र ने विक्की से कह दिया कि घर पर बैठे रहते, कुछ काम-धाम करो। इस पर विक्की ने पलटकर जवाब दे दिया। जवाब देना राजेंद्र को इतना बुरा लगा कि उन्होंने अपने बेटे नवनेंद्र के साथ मिलकर विक्की की पिटाई कर दी। इस पिटाई से नाराज विक्की ने ताऊ राजेंद्र का घर छोड़ दिया था। वह बेंगलुरु से बीटेक कर चुका था, इसलिए नौकरी के लिए बाहर चला गया। 2 साल में कहां-कहां रहा, पुलिस अभी यह पता कर रही है। लेकिन, उसकी आखिरी लोकेशन बेंगलुरु ही मिली है। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, विक्की के अंदर अपने पिता-मां की हत्या के बदले की आग तभी भड़की, जब राजेंद्र ने बेटे के साथ मिलकर सरेआम उसकी पिटाई की थी। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि घर छोड़ने के बाद विक्की ने सभी रिश्तेदारों से बातचीत बंद कर दी थी। उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू ने भी पुलिस से कहा कि विक्की उससे भी काफी कम बात करता था। हर बार नंबर नया होता था। वह कभी भी अपनी लोकेशन वगैरह के बारे में ज्यादा बात नहीं करता था। गुरुवार को ताऊ राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और बच्चों का अंतिम संस्कार करने के बाद प्रशांत उर्फ जुगनू फिर पुलिस हिरासत में है। राजेंद्र के कमरे से निकलने वाली महिला को भी पुलिस ढूंढ रही
विशाल उर्फ विक्की को पुलिस 6 राज्यों में ढूंढ रही है। पुलिस को 1 महिला की भी तलाश है, जो राजेंद्र गुप्ता के कत्ल से 1 घंटे पहले उनके कमरे से निकली थी। गुरुवार को सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि राजेंद्र गुप्ता को मारने के लिए कातिल पहले उनके मीरापुर वाले घर पहुंचे थे। 1 गोली सिर में और 2 गोली सीने में दागी थीं। इसके बाद वे लोग भदैनी के पुश्तैनी घर पहुंचे थे। यहां नीतू और 3 बच्चों को मार डाला। विक्की के CDR में मिले 3 संदिग्ध नंबर अब बंद हैं। उनकी लोकेशन नहीं मिल रही है। पुलिस की 4 टीमें विक्की और संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार करने के लिए हर कोशिश कर रही हैं। लेकिन, पुलिस के लिए सबसे बड़ी पहेली विक्की की लोकेशन पता लगाना है। राजेंद्र की पहली पत्नी का बेटा भी आसानसोल के एड्रेस पर नहीं मिला
राजेंद्र गुप्ता की पहली पत्नी के बेटे आदित्य को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम आसनसोल (पश्चिम बंगाल) भी गई थी। लेकिन, जिन मोबाइल नंबर और एड्रेस का वाराणसी पुलिस को सहारा था, वो सब बेबुनियाद निकला। आदित्य उस लोकेशन को छोड़कर नई जगह शिफ्ट हो चुका है। पुलिस अभी आसनसोल में ही डेरा जमाए है। दैनिक भास्कर राजेंद्र के भदैनी स्थित पुश्तैनी घर पहुंचा। 80 साल की मां शारदा देवी से बातचीत की। पढ़िए उन्होंने क्या-कुछ कहा... शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र विक्की को परेशान करता था
5 मंजिला घर में अब सिर्फ शारदा देवी दी अकेली हैं। वह घर के बरामदे में ही बैठी मिलीं। हमने पूछा- विक्की पर ही शक क्यों है कि उसने कुछ गलत किया? शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र और विक्की में कभी नहीं पटती थी। दोनों में कई बार झगड़े हुए। राजेंद्र विक्की को काफी परेशान भी करता था। विक्की के मां-बाप नहीं थे। विक्की और जुगनू दोनों यहीं रहकर पढ़े-लिखे। हम दादी हैं। हमने ही उनका खाना-पीना, सब कुछ किया। जब विक्की बड़ा हो गया, तब राजेंद्र ने उसको घर से चले जाने को कह दिया। 2 साल पहले विक्की कमाने के लिए बाहर चला गया। यह सब बताते हुए 80 साल की शारदा देवी हाफ जाती हैं। राजेंद्र विक्की को धमकाता था, तुम्हें भी मार देंगे
शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र नाराज रहते थे। यहां तक कह देते थे कि तुम्हारे मां-बाप को मार दिया है, तुमको भी मार देंगे। हमने पूछा- विक्की ने क्या जवाब दिया? शारदा देवी ने कहा- कुछ नहीं, उसके मन में क्या था, मुझे क्या पता? हमने पूछा कि आखिर क्यों विक्की से नाराज रहते थे? उन्होंने कहा- ये हमको भी समझ नहीं आया। क्या दिवाली पर विक्की घर आया था? शारदा देवी ने कहा- दिवाली पर आया था, फिर भाई दूज पर आया, मिठाई-चना खाया। घर के सब बच्चों को खिलाया। उस वक्त कोई बात नहीं थी। सब प्रेम था। राजेंद्र ने ही विक्की और जुगनू को पढ़ाया-लिखाया। यहीं भगवानपुर में ही तो पढ़ता था। विक्की बड़ा है, जुगनू छोटा। उसके कपड़े, नहलाना-धुलाना, सब हम ही करते थे। राजेंद्र विक्की को बहुत मारते थे। राजेंद्र ने भाई-दूज वाले दिन विक्की से कहा था कि तुम हमारे साथ काम करो। हम तुमको हर महीने 20-25 हजार रुपए भी देंगे। राजेंद्र के पास किराए की वसूली का काम था। जमीनें लिए हैं, तो उस पर मकान बनवा भी रहे हैं। 4 बिसवा जमीन लिया है, 2 बिसवा अपने नाम से, 2 अपनी पत्नी के नाम से। हमने पूछा - क्या विक्की ने मारा है? शारदा देवी ने कहा- राजेंद्र और उसके लड़के ने विक्की को बहुत मारा था। वह (विक्की) गुस्से में था। हमसे कहा था कि हम भी पापा की मौत का बदला लेंगे। हमने विक्की से कहा था कि अब एक ही लड़का बचा है। बड़ा वाला दिमाग से पागल था। छोटा मर चुका है। अब ऐसा कुछ मत करना। मां ने कहा- दोनों के झगड़ों से दूरिया बढ़ती चली गईं
विशाल उर्फ विक्की शराब कारोबारी कृष्ण गुप्ता और बबीता का बड़ा बेटा है। वह 33 साल का है। प्रशांत उर्फ जुगनू उससे 4 साल छोटा है। शारदा देवी कहती हैं कि कई मौके पर विक्की गुस्से में रहता था। अपने ताऊ राजेंद्र की बातों को मना कर देता था। इससे दूरियां बढ़ती चली गईं। इस पूरे मामले में काशी जोन के DCP गौरव बंसवाल ने कहा- मां शारदा देवी ने जो बयान दिए हैं, उससे विक्की पर शक जा रहा है। प्रशांत उर्फ जुगनू हमारी कस्टडी में है। विक्की के मिलने के बाद पूरी क्राइम स्टोरी सामने आ जाएगी। अब पढ़िए क्या है घटनाक्रम
भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता का पांच मंजिला मकान है। इसमें ही मंगलवार दोपहर को राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली थी। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली थी। उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं। अब 28 साल पहले चलते हैं... शराब के ठेकों और प्रॉपर्टी के लिए राजेंद्र ने अपने ही भाई, भाभी को मार डाला था
भदैनी इलाके में संपन्न कारोबारी लक्ष्मी नारायण के दो बेटे राजेंद्र गुप्ता और कृष्णा गुप्ता थे। घर में शराब और प्रॉपर्टी का बड़ा काम था। 5 लाख रुपए महीने मकानों के किराए से आते थे। बाकी शराब ठेके अलग थे। कारोबार और प्रॉपर्टी की बागडोर छोटे बेटे कृष्णा के हाथ में रहती थी, वह पिता लक्ष्मी नारायण के ज्यादा करीब थे। यह बात राजेंद्र गुप्ता को अखरती थी। इसलिए दोनों भाइयों के बीच विवाद भी चल रहा था। इस परिवार में खूनी खेल की शुरुआत 1997 में हुई, जब राजेंद्र ने अपने छोटे भाई कृष्णा और उनकी पत्नी को घर में ही सोते हुए गोली मार दी थी। इसके बाद राजेंद्र मौके से फरार हो गया। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आखिरकार राजेंद्र फंसा और अरेस्ट होकर जेल चला गया। घर में कृष्णा के 2 बेटे जुगनू और विक्की थे, जिन्होंने राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ थाने से लेकर कोर्ट तक केस की पैरवी की। राजेंद्र के जेल जाने के बाद भी कृष्णा के दोनों बेटों से विवाद बरकरार रहा। इस दौरान शराब ठेका और प्रॉपर्टी के कारोबार राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण संभालते रहे। उन्होंने अपने पौत्र जुगनू और विक्की को भी काम सिखाना शुरू कर दिया था। इस बीच 2003 में राजेंद्र पैरोल पर छूटकर जेल से बाहर आ गया। वह एक बार फिर पूरे कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश करने लगा। मगर, पिता लक्ष्मी नारायण का रुख सख्त था। वह नहीं चाहते थे कि उनके छोटे बेटे को मारने वाला परिवार में शामिल भी हो। इसलिए उन्होंने परिवार और कारोबार से राजेंद्र को दूर रखा। राजेंद्र को यह सब ठीक नहीं लगा। उसने अपने पिता के मर्डर की भी प्लानिंग कर डाली। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने आचार्य रामचंद्र शुक्ल चौराहा पर देसी शराब ठेके के पास अपने पिता लक्ष्मी नारायण की हत्या करवा दी। इस दौरान उनके साथ रहने वाले गार्ड को भी गोली मारी गई, उसकी मौत हो गई। यानी सुपारी देकर डबल मर्डर कराया गया। इसके बाद राजेंद्र ने कारोबार पर अपना वर्चस्व जमाना शुरू कर दिया। राजेंद्र ने 2 शादियां कीं, दोनों पत्नियों से विवाद रहा
राजेंद्र ने 2 शादियां की। पहली शादी 1995 में हुई। उनसे 1 लड़का हुआ। 2 साल में ही राजेंद्र ने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया। इसके बाद वह मर्डर केस में फंसा और 6 साल के लिए जेल चला गया। 2003 में जब राजेंद्र जेल से बाहर आया तो उसका नीतू से अफेयर हो गया। पहली पत्नी से एक लड़का था, जो अब साथ नहीं रहता। दूसरी पत्नी से 3 बच्चे हुए। 2 लड़के और एक लड़की। बड़ा बेटा नवनेंद्र (20) और छोटा सुबेंद्र (15) था। बेटी गौरांगी (16) मंझली थी। नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था। सुबेंद्र और गौरांगी DPS में पढ़ते थे। ----------------------- यह खबर भी पढ़ें वाराणसी में भतीजे ने किया कारोबारी परिवार का कत्ल, मां-बाप की हत्या का बदला लिया, दादी बोलीं- दिवाली की रात ही मारना चाहता था वाराणसी में शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार का भतीजे ने कत्ल करवाया है। पुलिस पूछताछ में राजेंद्र की 80 साल की मां ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा- दिवाली पर विक्की आया था। 31 अक्टूबर की रात वह हमारे बेटे को मार देना चाहता था। मगर हमने हाथ जोड़े, उसको रोक लिया। वह अपने मां-बाप की हत्या का बदला लेना चाहता था। पढ़ें पूरी खबर