शेख हसीना के घर हिंसा करने वाले 1300 लोग गिरफ्तार:बांग्लादेश सरकार ने चलाया ऑपरेशन डेविल हंट; उपद्रवियों पर एक्शन की तैयारी

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के पहले राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ ऑपरेशन डेविल हंट शुरू किया है। इस अभियान के तहत 1,300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल बांग्लादेश में बुधवार को उपद्रवियों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर तोड़फोड़ की थी। इसके साथ ही शेख हसीना के घर 'सुधा सदन' में भी आग लगा दी गई थी। इन घटनाओं के बाद अंतरिम सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके बाद अंतरिम सरकार ने देश में अस्थिरता पैदा करने वाले सभी शैतानों को उखाड़ फेंकने का वादा किया था। ऑपरेशन डेविल हंट​​​​​​​ का मकसद पूरे देश में अशांति को रोकना और सार्वजनिक सुरक्षा तय करना है। बांग्लादेश सरकार के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम ने कहा कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी शैतानों को कटघरे में नहीं खड़ा कर दिया जाता। हिंसा क्यों भड़की? शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 6 फरवरी को अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सड़क पर उतरने की अपील की थी। पार्टी पूर्व PM हसीना पर लगे कथित मामले दर्ज करने और अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में मार्च निकालने का आह्वान किया था। यह मार्च शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के 6 महीने पूरे वाले दिन निकाला जाना था। इसी दिन शेख हसीना अपने समर्थकों को ऑनलाइन भाषण देने वाली थीं। इससे पहले '24 रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट-जनता' नाम के छात्र संगठन ने इसके विरोध में रात 9 बजे ‘बुलडोजर मार्च’ निकालने का ऐलान किया। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्रचार किया गया। इसमें शेख हसीना के पिता का घर गिराए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रदर्शनकारी 8 बजे ही शेख मुजीबुर्ररहमान के घर धनमंडी-32 पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसी घर में हुई थी बंगबंधु की हत्या बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान इसी घर में रहा करते थे। 15 अगस्त 1975 को बंगबंधु, उनकी पत्नी, बेटे, बहू और कई रिश्तेदारों की इसी घर में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इस घर को एक स्मारक संग्रहालय के रूप में बनाया गया था। इससे पहले 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भीड़ ने इस घर पर हमला किया था। तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई थी। तब से यह घर वीरान था। आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। दरअसल, उनके खिलाफ देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। हसीना की सरकार ने जैसे ही यह आरक्षण खत्म किया तो इसके बाद छात्रों ने उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई। हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।​​​​ बांग्लादेश सरकार ने जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है। बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा। ------------------------------------------ यह खबर भी पढ़ें... शेख हसीना के भाषण पर बांग्लादेश ने आपत्ति जताई:मंत्री बोले- वे भारत में रहकर राजनीति कर रहीं; हसीना समर्थक एक्ट्रेस अफरोज शॉन गिरफ्तार शेख हसीना के भाषण के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत के समक्ष बयान जारी कर अपना विरोध दर्ज कराया है। यूनुस सरकार ने शीर्ष राजनयिक को बुलाकर कहा कि शेख हसीना भारत में रहकर झूठे और मनगढ़ंत बयान दे रही हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...

Feb 11, 2025 - 08:59
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शेख हसीना के घर हिंसा करने वाले 1300 लोग गिरफ्तार:बांग्लादेश सरकार ने चलाया ऑपरेशन डेविल हंट; उपद्रवियों पर एक्शन की तैयारी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के पहले राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शे

शेख हसीना के घर हिंसा करने वाले 1300 लोग गिरफ्तार

बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा के बाद, जहां शेख हसीना के निवास पर हमलावरों ने अराजकता फैलाई, सरकार ने कार्रवाई करते हुए 1300 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटनाएँ बांग्लादेश की राजनीति और सुरक्षा स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल रही हैं, जिससे देश की स्थिरता को खतरा पैदा हुआ है।

आपरेशन डेविल हंट

बांग्लादेश सरकार ने हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए "आपरेशन डेविल हंट" शुरू किया है। इस विशेष अभियान के तहत सुरक्षाबलों ने उन उग्रवादी तत्वों की पहचान की है जो देश में अराजकता फैलाने के लिए सक्रिय हैं। इस ऑपरेशन का मकसद न केवल गिरफ्तारियों तक सीमित रहना है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना भी है।

उपद्रवियों पर एक्शन की तैयारी

बांग्लादेश सरकार अब उन उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है, जिन्होंने इस हिंसा में भाग लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसक घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार ने इस घटना के पीछे की साजिश के प्रति भी गहराई से जांच करने का आदेश दिया है।

बांग्लादेश के नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे सरकार के प्रयासों का समर्थन करें और ऐसे हमलों के खिलाफ एकजुटता दिखाएं, ताकि लोकतंत्र और कानून का शासन स्थापित किया जा सके।

नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में ऐसे घटनाक्रमों को रोकने का गंभीर प्रयास किया जा रहा है। बांग्लादेश सरकार ने सुनिश्चित किया है कि ऐसे किसी भी उपद्रवी समूह को बिना दंड के नहीं छोड़ा जाएगा।

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