श्रावस्ती में कूड़े में फेंकी मिलीं दवाइयां:CHC पर लापरवाही का आरोप, CMO ने दिए जांच के आदेश
श्रावस्ती के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) मल्हीपुर में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल इस सरकारी अस्पताल की करीब डेढ़ किलोमीटर दूर कूड़े के ढेर में कई महत्वपूर्ण सरकारी दवाइयां मिली हैं। इन दवाइयों में एल्बेंडाजोल और फोलिक एसिड के अलावा कई अन्य आवश्यक दवाएं शामिल हैं।वहीं देखने से पता चला है कि कुछ दवाइयां एक्सपायर हो चुकी हैं। जबकि कुछ अन्य दवाइयों की एक्सपायरी डेट भी नजदीक है जो की अभी एक्सपायर नहीं हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि सम्भवतः मार्च महीने की क्लोजिंग के कारण ये दवाएं अस्पताल से बाहर फेंकी गई हैं। लेकिन यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि अक्सर कई कारणों के चलते मरीजों को समय पर आवश्यक दवाएं नहीं मिल पाती हैं। हालाकि यह दवाऐ किसने और किस लिए कूड़े के देर में फेंकी यह मामला जांच का विषय है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अशोक कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है, जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही इसी अस्पताल की एक महिला बीसीपीएम कर्मी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों एंटी करप्शन की टीम के द्वारा पकड़ा गया था। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्हीपुर मे उच्च पदों पर बैठे कर्मचारियों की भी जांच होना बेहद जरूरी है। ताकि ऐसे मामलों में लापरवाही किसकी है यह भी उजागर हो सके।

श्रावस्ती में कूड़े में फेंकी मिलीं दवाइयां: CHC पर लापरवाही का आरोप, CMO ने दिए जांच के आदेश
श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में, स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के पास कूड़े में दवाइयों के बिखरे होने की सूचना मिली। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों ने इस मामले में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
दवाइयों का फेंका जाना गंभीर मुद्दा
यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा उत्पन्न करती है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती है। ठोस कूड़े में मिलीं दवाइयाँ, जिन्हें सही तरीके से नष्ट नहीं किया गया, यह दर्शाते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में गड़बड़ी है।
CMO ने की जांच के आदेश
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। CMO का कहना है कि इस मामले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में पुनः ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय निवासियों की चिंताएँ
स्थानीय निवासियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इस तरह की लापरवाही से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। लोगों ने प्राधिकृत अधिकारियों से यह मांग की है कि ऐसी दवाइयों को ठीक से निष्क्रिय किया जाए ताकि उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
यह घटना एक बड़े सवाल के रूप में उभरी है कि क्या स्वास्थ्य सेवाएँ वास्तव में स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं। इस मामले से संबंधित और अधिक जानकारी के लिए, कृपया News by indiatwoday.com पर आएं।
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन को आगे बढ़कर कार्य करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि दवाइयों का उचित प्रबंधन किया जाए एवं भविष्य में ऐसी घटनाएँ ना हों। Keywords: श्रावस्ती, दवाइयाँ, कूड़े में फेंकी, स्वास्थ्य सेवाएँ, CMO जांच आदेश, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लापरवाही, स्थानीय निवासियों की चिंताएँ, दवाओं का उचित प्रबंधन, चिकित्सा अधिकारी, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य, स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली.
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