जालौन के यश प्रताप सिंह ने हाईस्कूल में किया टॉप:मोबाइल से दूर रहकर की पढ़ाई, IAS बनने का सपना
जालौन जिले के उमरी कस्बे के एक होनहार छात्र ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से शिक्षा जगत में बड़ा मुकाम हासिल किया है। मोहल्ला गूंज निवासी यश प्रताप सिंह ने हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप कर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यूपी बोर्ड के घोषित परिणामों में यश ने बेहतरीन अंक प्राप्त कर जिले में पहला स्थान हासिल किया। पिता खूद कॉलेज में प्रिंसिपल यश प्रताप सिंह, विनय कुमार सिंह और सुमन देवी के पुत्र हैं। यश के पिता विनय कुमार सिंह खुद शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं और रस केंद्रीय इंटर कॉलेज उमरी में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, मां सुमन देवी एक ग्रहणी हैं और बेटे की पढ़ाई में हर कदम पर सहयोगी रही हैं। यश की इस उपलब्धि के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर है, वहीं मोहल्ले और स्कूल में भी जश्न का माहौल है। आईएएस बनने का है सपना यश ने बताया कि वह रोज़ाना तय समय पर पढ़ाई करता था और मोबाइल से दूरी बनाकर किताबों से ही ज्ञान अर्जित करता था। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और नियमित अनुशासित दिनचर्या को दिया। यश का सपना एक दिन आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। केंद्रीय इंटर कॉलेज में पढ़ाई कर रहे यश ने कड़ी मेहनत और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है। विद्यालय के प्रिंसिपल सहित समस्त शिक्षकों ने यश की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। बधाई देने के लिए घर पहुंच रहे लोग यश की सफलता की खबर जब मोहल्ले और क्षेत्र में फैली तो आसपास के लोग बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचे। गांव और कस्बे में यह खबर चर्चा का विषय बन गई है कि एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला छात्र भी अपने परिश्रम से कितनी बड़ी ऊंचाइयों को छू सकता है। जालौन जैसे छोटे जिले से निकलकर बड़ी सफलता हासिल करने वाले यश प्रताप सिंह अब क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनकी मेहनत और लगन यह साबित करती है कि सच्ची लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

जालौन के यश प्रताप सिंह ने हाईस्कूल में किया टॉप
जालौन जिले के युवा छात्र यश प्रताप सिंह ने हाईस्कूल परीक्षा में टॉप कर एक नई मिसाल कायम की है। इस उपलब्धि का मुख्य कारण उनका फोकस और स्मार्ट तरीके से पढ़ाई करने की सोच है। यश ने अपने मोबाइल फोन से दूरी बनाकर पढ़ाई की, जिससे उन्हें ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली। यह उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है, जो सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है।
मोबाइल से दूर रहकर की पढ़ाई
यश प्रताप सिंह ने अपने अध्ययन के दौरान मोबाइल का उपयोग न करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने समय का सही प्रबंधन किया और अपने अध्ययन में पूरी तरह से समर्पित रहे। यह निर्णय न केवल उनके अकादमिक प्रदर्शन में मददगार साबित हुआ, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी रहा। हर विषय पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए उन्होंने किताबें और अन्य अध्ययन सामग्री का सहारा लिया।
IAS बनने का सपना
यश का सपना अब IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) बनना है। उनका मानना है कि एक आईएएस अधिकारी बनकर वे समाज की सेवा कर सकते हैं तथा शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस लक्ष्य के लिए यश ने पहले से ही योजना बनानी शुरू कर दी है और वह अपने अध्ययन को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
यश प्रताप सिंह की कहानी केवल व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। वह यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर समर्पण और मेहनत से काम किया जाए, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। यश की यह उपलब्धि उनके परिवार और समुदाय के लिए गर्व का विषय है।
यश का यह सफर हमें यह सिखाता है कि सही सोच और प्रतिबद्धता से हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। यदि आप भी अपनी पढ़ाई को लेकर गंभीर हैं और सही रास्ता चुनते हैं, तो यश की तरह आप भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
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