साइबर बुलींग के कारण छात्रा के खुदकुशी करने का मामला:जिस दिन एफआईआर दर्ज हुई उसी दिन छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी थी, पुलिस कर रही जांच
कानपुर में साइबर ठग द्वारा साइबर बुलींग करने पर बीपीएड सेकेंड ईयर की छात्रा के खुदकुशी करने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। 12 मार्च को कल्याणपुर थाने में छात्रा की तरफ से जो तहरीर दी गई थी। उसपर पुलिस ने 14 मार्च को एफआईआर दर्ज कर ली थी। जिस दिन छात्रा ने सुसाइड किया उसी दिन पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। परिवार वाले या छात्रा को पता ही नहीं चल पाया कि पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस की अब तक की जांच में एक युवक की जानकारी मिली है। जिसके मोबाइल नम्बर के जरिए पुलिस उस तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इधर रविवार को छात्रा का गोपीगंज उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। पिता के मुताबिक वो सोमवार को फिर से कल्याणपुर थाने में सम्पर्क कर एक दूसरा प्रार्थना पत्र देंगे। 14 को ही एफआईआर दर्ज हुई और उसी दिन कर लिया सुसाइड सिपाही पुत्री की 14 मार्च को ही कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई और उसी दिन उसने फांसी लगाकर जान दे दी। सिपाही पिता ने आरोप लगाया था कि फोटो औऱ वीडियो डिलीट करने के एवज में उनसे 50 हजार की डिमांड की गई थी। अब जानिए क्या लिखा है एफआईआर में मैं (छात्रा का नाम) पुत्री (सिपाही का नाम) नवीन नगर काकादेव में रह रही हूँ। मैं छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में बीपीइड सेकंड ईयर की छात्रा हूं। कुछ गलत लोगो ने हमारी वीडियो बनाकर एडिट कर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो मेरे पापा के पास भेजे है और मेरे पापा से कह रहे है कि 50000 रूपये दे दो नहीं तो यह विडियो आपके यूट्यूब पर रिश्तेदारों को भेज दूंगा उसका नंबर यह है 738...45 इस नंबर से वीडियो मेरे पापा पास भेजा है। यह अपना नाम गोविंद फुटबल बता रहा है। चेक किया गया तो यह नंबर -गोविंद फूटबाल का नहीं हैं। दूसरा नंबर 798....63 यह नंबर ऋषभ नाम से आ रहा है। यह भी ब्लैकमेलिंग करने में शामिल है। अतः श्रीमान जी आपसे निवेदन है की इस व्यक्ति को पकड़ा जाय। मेरी विडियो बने हुए वायरल होने से रोका जाए जिससे कि मेरी छवि को कोई नुकसान न पहुंचे। सदैव आपकी आभारी रहूंगी। गांव पहुंचा शव तो सब रो पड़े शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद सिपाही बेटी के शव को लेकर सीधे गोपीगंज भदोही रवाना हो गए। वहां पर रविवार को उन्होंने बेटी का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान ग्रामीण उनके घर पर इकट्ठा रहे और दुखी परिवार को ढांढस बंधाते रहे। मोबाइल नम्बर से आरोपी तक पहुंचने का प्रयास छात्रा ने जो दो मोबाइल नम्बर पुलिस को दिए थे। उसके जरिए पुलिस उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। एसीपी कल्याणपुर के मुताबिक नम्बरों की सीडीआर निकलवाई गई है। इसके अलावा इसकी आईडी पर भी काम किया जा रहा है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि छात्रा की तहरीर पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 308(2) (जबरन वसूली) और आईटी एक्ट की धारा 67 (डिजिटल फार्म में अश्लील सामग्री प्रचारित या प्रसारित करना) में एफआईआर दर्ज कर ली थी। मामले में जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

साइबर बुलींग के कारण छात्रा के खुदकुशी करने का मामला
हाल ही में एक श्रमणिय घटना सामने आई है जिसमें साइबर बुलींग के कारण एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यह घटना मीडिया में काफी चर्चित है और इसके पीछे की न्यायिक प्रक्रिया पर सबकी नजर है। छात्रा द्वारा अपनी जान लेने का कदम विशेष रूप से उस दिन उठाया गया जब एफआईआर दर्ज की गई थी। इस tragik घटना ने न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है।
घटना का विवरण
जैसा कि रिपोर्ट किया गया है, छात्रों के बीच भेदभाव और साइबर बुलींग की वजह से छात्रा पर मानसिक दबाव बढ़ गया था। वह लगातार सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर तिरस्कार और गालियों का शिकार बन रही थी। इस समस्या से चिंतित होकर परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन दुख की बात है कि उसी दिन छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान ले ली।
पुलिस की जांच
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, यह भी देखने की आवश्यकता है कि छात्रों के बीच साइबर बुलींग के मामलों को कैसे रोका जा सकता है।
साइबर बुलींग का प्रभाव
साइबर बुलींग समाज में बढ़ते हुए मुद्दों में से एक है और इससे न केवल मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है, बल्कि यह गंभीर परिणाम भी ला सकता है। छात्राएं और युवा इस समस्या से जूझ रहे हैं, जिसमें उन्हें खुद को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस प्रकार हम एक सुरक्षित और सहिष्णु समाज का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए जागरूकता बढ़ाना और उचित कदम उठाना जरूरी है।
इस संदर्भ में, जो भी जानकारी उपलब्ध होगी, वह महत्वपूर्ण होगी, इसलिए सबको इससे जुड़े मामलों की जानकारी रखनी चाहिए।
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