सिद्धार्थनगर में बन रहा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय:3.42 करोड़ की लागत से निर्माण, अप्रैल 2025 से शुरू होगी पढ़ाई
सिद्धार्थनगर के भनवापुर ब्लॉक में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के लिए एक नई उम्मीद जगी है। यहां कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जो रमवापुर जगतराम में स्थित है। 3 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत से बन रहे इस विद्यालय में अप्रैल 2025 से कक्षा 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। वर्तमान में, भनवापुर ब्लॉक के शाहपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित है, जहां कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाती है। नए विद्यालय के निर्माण से उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सकेगी। यह क्षेत्र बलरामपुर जिले की सीमा पर स्थित है, जहां महिला शिक्षा का स्तर काफी कम है। खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को मार्च 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। विद्यालय में छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ रहने, खाने, वर्दी जैसी सभी सुविधाएं नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी। यह पहल क्षेत्र की गरीब बेटियों के लिए उच्च शिक्षा का द्वार खोलेगी और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सिद्धार्थनगर में बन रहा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय
सिद्धार्थनगर की शिक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति आ रही है, जहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस विद्यालय का निर्माण 3.42 करोड़ की लागत से हो रहा है और यह अप्रैल 2025 से अपनी शिक्षण गतिविधियों की शुरुआत करेगा। यह विद्यालय विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया जा रहा है, और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की विशेषताएँ
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एक विशिष्ट शिक्षण संस्थान होगा, जो छात्राओं को न केवल गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें अन्य गतिविधियों में भी शामिल करेगा। विद्यालय में अत्याधुनिक सुविधाएँ और संसाधन उपलब्ध होंगे, जिससे छात्रों का समग्र विकास संभव हो सके। विद्यालय में शिक्षकों की अनुभवी टीम कार्यरत होगी, जो छात्रों को उनके लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करेगी।
निर्माण प्रक्रियाएँ और टाइमलाइन
निर्माणकार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि ये सभी कार्य तय समय पर समाप्त होंगे। विद्यालय का उद्घाटन स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षा अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा। इससे न केवल सिद्धार्थनगर की शिक्षा में सुधार होगा बल्कि यह अन्य क्षेत्रीय विद्यालयों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह विद्यालय?
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की आवश्यकता इस कारण से भी है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा अक्सर बाधित रहती है। यह विद्यालय न केवल शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि लड़कियों के आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देगा। इससे लड़कियों को समाज में अपनी पहचान बनाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने में मदद मिलेगी।
उसके अलावा, यह विद्यालय शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी एक मंच प्रदान करेगा। विद्यालय में खेल-कूद, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्राओं का व्यक्तित्व निखरेगा।
अंत में, सिद्धार्थनगर का कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय लड़कियों की शिक्षा को एक नई दिशा देने में मदद करेगा। यह न केवल स्थानीय क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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