हरियाणा के 8 जिलों में जहरीली हुई हवा:खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI, सुप्रीम कोर्ट ने डीसी से मांगा जवाब

हरियाणा में सुबह स्मॉग की चादर देखी जा सकती है। बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा जहरीली हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन के हिसाब से हरियाणा के 8 जिलों में प्रदूषण खराब स्थिति में पहुंच गया है यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 से ऊपर दर्ज किया गया है। बढ़ते स्मॉग के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। अस्पतालों के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रदेश में सोनीपत का AQI सबसे अधिक 249 दर्ज किया गया है। इसके अलावा भिवानी में AQI 233 रहा। वहीं हिसार, चरखी दादरी, गुरुग्राम, कुरूक्षेत्र, पानीपत, रोहतक में भी हवा की क्वालिटी काफी खराब रही। हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गहरी चिंता जताई है। प्रदेश में दूषित होती हवा का बड़ा कारण पराली जलाने के मामलों को माना जा रहा है। राज्य में अभी तक पराली जलाने का आंकड़ा करीब 600 के पार पहुंच गया है। कृषि विभाग के साथ साथ प्रशासन भी लगातार किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई जाए । पीसीबी ने बुलाई थी बैठक, नहीं दिखा असर हरियाणा में वायु प्रदूषण को लेकर कई जिलों के उपनिदेशकों, डीडीए की बैठक भी बुलाई गई थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आगजनी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों को सख्त आदेश दिए थे मगर इसका असर धरातल पर नजर नहीं आ रहा। कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल में तो पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जिसकी वजह से कोर्ट ने कैथल और कुरुक्षेत्र के डीसी से जवाब मांगा है। उधर कृषि विभाग के अनुसार किसानों के लिए लगातार जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं, जिससे पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। कोर्ट ने कैथल और कुरूक्षेत्र डीसी से मांगा है जवाब पराली जलने की सबसे ज्यादा घटनाएं कुरुक्षेत्र और कैथल जिले में हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला उपायुक्त को नोटिस जारी कर 23 अक्टूबर को जवाब देने का आदेश दिया है। कैथल कृषि विभाग के उपनिदेशक बाबूराम के अनुसार कैथल में अब तक पराली जलाने के 123 मामले सामने आ चुके है। इनमें से 63 किसानों पर जुर्माना लगा कर 1 लाख 57 हजार रुपए वसूले गए हैं। पराली जलाने वाले 11 किसानों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 11 एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं। डीसी बोले- सुप्रीम कोर्ट के नहीं मिले आदेश कैथल डीसी विवेक भारती ने रविवार को बताया था कि चीफ सेक्रेटरी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग ली गई थी। जिसमें आदेश मिले कि पराली जलाने के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है। ताकि बढ़ रहे मामलों पर रोक लगाई जा सके। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए गए आदेशों पर उन्होंने बताया था कि उनके पास अभी कोई लिखित में आदेश नहीं आए हैं। न्यूज पेपर के माध्यम से उन्हें इसकी सूचना मिली है। पराली जलाने पर 2 लोग हो चुके गिरफ्तार कैथल के डीएसपी वीरभान ने रविवार को बताया कि सरकार के आदेश अनुसार उन्होंने संबंधित थाना प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि जिन किसानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, उनकी आज ही गिरफ्तारी की जाए। जिसके बाद कैथल के ढांड थाना में दो किसानों को गिरफ्तार किया गया, जिनको पुलिस ने बेल पर रिहा कर दिया था। थाना प्रबंधक राजेंद्र ने बताया था कि पहले पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ डीडीआर दर्ज की हुई थी। दो किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। वहीं पुंडरी थाना प्रबंधक इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि उनके थाने में अब तक पराली जलाने को लेकर 6 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

Oct 21, 2024 - 06:55
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हरियाणा के 8 जिलों में जहरीली हुई हवा:खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI, सुप्रीम कोर्ट ने डीसी से मांगा जवाब
हरियाणा में सुबह स्मॉग की चादर देखी जा सकती है। बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा जहरीली हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन के हिसाब से हरियाणा के 8 जिलों में प्रदूषण खराब स्थिति में पहुंच गया है यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 से ऊपर दर्ज किया गया है। बढ़ते स्मॉग के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। अस्पतालों के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रदेश में सोनीपत का AQI सबसे अधिक 249 दर्ज किया गया है। इसके अलावा भिवानी में AQI 233 रहा। वहीं हिसार, चरखी दादरी, गुरुग्राम, कुरूक्षेत्र, पानीपत, रोहतक में भी हवा की क्वालिटी काफी खराब रही। हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गहरी चिंता जताई है। प्रदेश में दूषित होती हवा का बड़ा कारण पराली जलाने के मामलों को माना जा रहा है। राज्य में अभी तक पराली जलाने का आंकड़ा करीब 600 के पार पहुंच गया है। कृषि विभाग के साथ साथ प्रशासन भी लगातार किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई जाए । पीसीबी ने बुलाई थी बैठक, नहीं दिखा असर हरियाणा में वायु प्रदूषण को लेकर कई जिलों के उपनिदेशकों, डीडीए की बैठक भी बुलाई गई थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आगजनी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अधिकारियों को सख्त आदेश दिए थे मगर इसका असर धरातल पर नजर नहीं आ रहा। कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल में तो पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जिसकी वजह से कोर्ट ने कैथल और कुरुक्षेत्र के डीसी से जवाब मांगा है। उधर कृषि विभाग के अनुसार किसानों के लिए लगातार जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं, जिससे पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। कोर्ट ने कैथल और कुरूक्षेत्र डीसी से मांगा है जवाब पराली जलने की सबसे ज्यादा घटनाएं कुरुक्षेत्र और कैथल जिले में हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला उपायुक्त को नोटिस जारी कर 23 अक्टूबर को जवाब देने का आदेश दिया है। कैथल कृषि विभाग के उपनिदेशक बाबूराम के अनुसार कैथल में अब तक पराली जलाने के 123 मामले सामने आ चुके है। इनमें से 63 किसानों पर जुर्माना लगा कर 1 लाख 57 हजार रुपए वसूले गए हैं। पराली जलाने वाले 11 किसानों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 11 एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं। डीसी बोले- सुप्रीम कोर्ट के नहीं मिले आदेश कैथल डीसी विवेक भारती ने रविवार को बताया था कि चीफ सेक्रेटरी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग ली गई थी। जिसमें आदेश मिले कि पराली जलाने के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है। ताकि बढ़ रहे मामलों पर रोक लगाई जा सके। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए गए आदेशों पर उन्होंने बताया था कि उनके पास अभी कोई लिखित में आदेश नहीं आए हैं। न्यूज पेपर के माध्यम से उन्हें इसकी सूचना मिली है। पराली जलाने पर 2 लोग हो चुके गिरफ्तार कैथल के डीएसपी वीरभान ने रविवार को बताया कि सरकार के आदेश अनुसार उन्होंने संबंधित थाना प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि जिन किसानों पर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, उनकी आज ही गिरफ्तारी की जाए। जिसके बाद कैथल के ढांड थाना में दो किसानों को गिरफ्तार किया गया, जिनको पुलिस ने बेल पर रिहा कर दिया था। थाना प्रबंधक राजेंद्र ने बताया था कि पहले पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ डीडीआर दर्ज की हुई थी। दो किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। वहीं पुंडरी थाना प्रबंधक इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि उनके थाने में अब तक पराली जलाने को लेकर 6 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

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