हिमाचल में 18 कमरों का मकान जलकर राख:5 भाईयों का संयुक्त परिवार बेघर; बच्चों की चीख पुकार से दहला इलाका

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीती शाम को आग की एक घटना में 18 कमरों का मकान जलकर राख हो गया। यह घटना सराज घाटी के बालीचौकी क्षेत्र की कशौड़ पंचायत के टीटरी गांव में पेश आई। इससे पांच भाईयों का संयुक्त परिवार बेघर हो गया है। सूचना के अनुसार, यह आग शॉर्ट सर्किट से लगी। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों ने पहले उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। मगर, घर में रखे गहने, नगदी और अन्य कीमती सामान को नहीं बचाया जा सका। इससे लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश जरूर की। मगर भीषण लपटों पर काबू नहीं पाया जा सका। फायर ब्रिगेड भी समय पर नहीं पहुंच पाई। इससे मकान को नहीं बनाया जा सका। इन भाईयों का परिवार बेघर हुआ बेघर हुए 5 भाइयों में नंदलाल, मेघ सिंह, मोती राम, लाल सिंह और खेम सिंह शामिल है। पंचायत के उप प्रधान गुरदेव ने सरकार से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है। हलका के पटवारी मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रहे है।

Feb 15, 2025 - 09:59
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हिमाचल में 18 कमरों का मकान जलकर राख:5 भाईयों का संयुक्त परिवार बेघर; बच्चों की चीख पुकार से दहला इलाका
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीती शाम को आग की एक घटना में 18 कमरों का मकान जलकर राख हो गया। यह घटन

हिमाचल में 18 कमरों का मकान जलकर राख: 5 भाईयों का संयुक्त परिवार बेघर; बच्चों की चीख पुकार से दहला इलाका

हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक दुखद घटना घटी, जहां 18 कमरों का एक मकान आग के कारण पूरी तरह से जलकर राख हो गया। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, खासकर बच्चों की चीख पुकार ने स्थानीय निवासियों की संवेदनाओं को छू लिया। परिवार के पांच भाईयों का संयुक्त परिवार अब बेघर हो गया है, और उनके जीवन का अस्तित्व एक चुनौती बन गया है। इस त्रासदी ने न केवल एक परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समुदाय पर भी इसका गहरा असर पड़ा है।

आग कैसे लगी और स्थिति का प्रभाव

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, आग शायद एक शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, लेकिन इसकी सही वजहों का पता अभी नहीं चल पाया है। इससे परिवार के सभी सदस्य जीवनभर की मेहनत से बनाए गए अपने घर को खो चुके हैं। गांव के अन्य निवासियों ने तुरंत मदद की पेशकश की, और स्थानीय प्रशासन भी स्थिति को संभालने में सक्रिय है। हालांकि, इस हालात में बच्चों की स्थिति और भयानक है, जो इस त्रासदी को समझने में असमर्थ हैं। उनके रोने-चीखने से पूरे गांव में दहशत फैल गई।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई

स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवार को आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि वे जल्द ही पीड़ित परिवार के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था करेंगे और पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। इसके साथ ही, इस घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

समुदाय की प्रतिक्रिया और समर्थन

गांव के लोग एकजुट होकर इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने के लिए खड़े हैं। कई स्थानीय संगठनों ने पीड़ित परिवार की मदद के लिए राहत सामग्री जुटाई है। यह समय स्थानीय लोगों द्वारा दिखाई गई एकजुटता का प्रतीक बन गया है, जो संकट के समय एक-दूसरे के समर्थन के लिए तैयार हैं।

दुखद स्थिति के बावजूद, इस घटना ने समुदाय को एकजुट करने का कार्य किया है। ऐसे समय में जब कठिनाइयां सामने आती हैं, समाज का सहयोग प्रभावित परिवारों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आता है।

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