10 तस्वीरों में देखिए उन्नाव में कार्तिक पूर्णिमा:लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, भोर से ही उमड़ा तांता
उन्नाव में इस बार की कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था की डुबकी लगाई। हर साल की तरह इस साल भी कार्तिक पूर्णिमा का पर्व विशेष महत्व रखता है, जब श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिए उमड़ पड़े। इस दिन का धार्मिक महत्व और गंगा तट पर स्नान करने की परंपरा इसे खास बनाती है। भोर से जारी रहा स्नान का सिलसिला सुबह के पहले पहर से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर आकर स्नान करने और पूजा-अर्चना में जुट गए थे। यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहेगा। पूरे दिन गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही, जिन्होंने अपनी आस्था और श्रद्धा से गंगा में डुबकी लगाई। गंगा तट पर श्रद्धालुओं का तांता कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर उन्नाव सहित आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, अचलगंज, बीघापुर, मौरांवा, पुरवा, असोहा, नवाबगंज जैसे दूर-दराज के इलाकों से लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु घरों से निकलकर गंगा के किनारे पहुंचे और पूरी श्रद्धा के साथ स्नान किया। स्नान के बाद दान और पूजा गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तट पर बैठे पंडों को दान-दक्षिणा दी और पुण्य की प्राप्ति की। इसके साथ ही, कई श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर भगवान सत्यनारायण की कथा का श्रवण भी किया। विशेष रूप से गंगा स्नान का धार्मिक महत्व इस दिन को बेहद पवित्र बनाता है। गंगा तट पर लगा मेला स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर आयोजित विशाल मेले का आनंद लिया। जहां झूलों, सर्कस, नाटकों और विभिन्न दुकानों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। खासकर, बच्चों और युवाओं के लिए झूलों और सर्कस के आयोजन ने उन्हें खास आकर्षित किया। वहीं, मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ खिलौने और अन्य सामग्रियों की दुकानों ने श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचा। देखें 10 तस्वीरें... सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने घाटों और आसपास के प्रमुख स्थानों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की थी। खासतौर से चौपाहिया वाहनों को गंगा तट तक जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। केवल दो पहिया वाहनों को तट के पास बनाए गए स्टैंड तक जाने की अनुमति दी गई थी। इससे गंगा घाट और आसपास के इलाके में सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिली और श्रद्धालुओं को वाहनों से कोई असुविधा नहीं हुई। डीएम-एसपी ने किया निरीक्षण प्रशासन की सतर्कता के कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं होने पाई। जिलाधिकारी गौरांग राठी और पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने सुबह से ही गंगा घाटों का निरीक्षण किया। क्षेत्राधिकारी सोनम सिंह भी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करने के लिए घाटों पर मौजूद थीं। डीएम और एसपी ने मिश्रा कॉलोनी घाट, गंगा विशुन घाट और आनंद घाट का निरीक्षण किया और वहां तैनात पुलिसकर्मियों को श्रद्धालुओं के लिए पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। तुलसी की विदाई गंगा स्नान के साथ-साथ इस दिन गंगाघाट क्षेत्र के अधिकांश घरों और मंदिरों में तुलसी की विदाई की गई। यह एक पुरानी धार्मिक परंपरा है, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े धूमधाम से निभाई जाती है। श्रद्धालु तुलसी के पौधे को श्रद्धा से विदा करके घरों में पूजा अर्चना करते हैं, और गंगा स्नान के पुण्य को अपने जीवन में समेटने का प्रयास करते हैं।
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