26 जनवरी से नो हेलमेट, नो फ्यूल:पेट्रोल पंप पर लगेंगे CCTV कैमरे, चलाने और बैठने वाले को लगाना होगा हेलमेट
अमेठी में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डीएम निशा अनंत के निर्देश पर 26 जनवरी से जिले में 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नियम लागू किया जा रहा है। इस नियम के तहत, दोपहिया वाहन चालक और उनके साथ बैठने वाले यात्री को अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना होगा, अन्यथा उन्हें पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा। सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने परिसर में बड़े होर्डिंग लगाएं और सीसीटीवी कैमरे स्थापित करें। किसी विवाद की स्थिति में सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से मामले का निपटारा किया जाएगा। यह कदम मुख्यमंत्री के निर्देश पर उठाया गया है, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने बढ़ती संख्या पर जताई थी चिंता डीएम ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 और उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के नियम 201 के अनुसार, सभी मोटरसाइकिल चालकों और सवारियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित हेलमेट पहनना पहले से ही अनिवार्य है। यह नई पहल न केवल हेलमेट पहनने को सुनिश्चित करेगी, बल्कि लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगी। भारत सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

26 जनवरी से नो हेलमेट, नो फ्यूल: पेट्रोल पंप पर लगेंगे CCTV कैमरे
News by indiatwoday.com
नई सुरक्षा नियमों की शुरुआत
देशभर में सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने नए सुरक्षा नियम लागू करने का निर्णय लिया है। 26 जनवरी से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नीति का पालन करना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि अगर किसी भी वाहन चालक या यात्री ने हेलमेट नहीं पहना है, तो उन्हें पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा।
CCTV कैमरों का स्थापना
पेट्रोल पंप पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। यह कदम न केवल नियमों का पालन करने में मदद करेगा, बल्कि दुर्घटनाओं के मामलों में साक्ष्यों को इकट्ठा करने में भी सहायक होगा। हर पेट्रोल पंप पर हेलमेट न पहनने वालों को पहचानना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।
स्वास्थ्य व सुरक्षा पर जोर
यह नई नीति सड़क पर हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई है। हेलमेट पहनने से सिर की चोटों के कम होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, और इससे जीवन की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
अवश्यकता को समझें
सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह युवा ड्राइवरों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने में भी मददगार साबित होगा। हेलमेट पहनना अब एक जरूरी हिस्सा बन गया है और इस नीति से वाहन चालकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
अंत में
इन नए नियमों को लागू करने का उद्देश्य सड़क पर सुरक्षा को बढ़ाना है। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है, और सभी नागरिकों को इसका पालन करना चाहिए। यह सब मिलकर ही सड़क पर सुरक्षा का स्तर बढ़ाते हैं।
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