साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश:फर्जी QR कोड से भुगतान कर ठगी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो के पास से अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं। पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी स्विफ्ट कार से घूम-घूमकर पेट्रोल पंप और दुकानों पर फर्जी QR कोड और स्क्रीनशॉट के माध्यम से ठगी करते थे। 30 दिसंबर 2024 को रात 1:36 बजे एक पेट्रोल पंप पर UP82PE4248 नंबर की स्विफ्ट कार से आए लोगों ने 3,189 रुपये का पेट्रोल भरवाया और फर्जी पेमेंट का मैसेज दिखाकर फरार हो गए।इसी तरह की घटनाएं उतरौला में एक कपड़े की दुकान पर हुई। जहां आरोपियों ने 2,000 रुपये की जैकेट खरीदी और फर्जी भुगतान कर फरार हो गए। ललिया में भी एक दुकान से 14,000 रुपये की ल्यूमिनस बैटरी खरीदकर फर्जी पेमेंट का मैसेज दिखाकर धोखाधड़ी की। धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया एसओजी और सर्विलांस टीम ने फुलवरिया बाइपास रोड के नरकटिया मोड़ से चंद्र प्रकाश यादव उर्फ राजन यादव, पंकज यादव, प्रियांशु गुप्ता और राजेश श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया। चंद्र प्रकाश यादव के पास से एक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस (32 बोर) तथा पंकज यादव के पास से एक कट्टा और एक जिंदा कारतूस (312 बोर) बरामद किया गया। सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Jan 15, 2025 - 16:45
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साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश:फर्जी QR कोड से भुगतान कर ठगी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार
बलरामपुर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को
साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश: फर्जी QR कोड से भुगतान कर ठगी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार News by indiatwoday.com

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा

भारत में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जहां ठग नई तकनीकों का उपयोग कर नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में, एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है जो फर्जी QR कोड के माध्यम से लोगों से पैसे ठगने में लिप्त था। इस गिरोह ने कई मामलों में लोगों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें वित्तीय नुकसान पहुंचाया।

पुलिस की कार्यवाही

दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में शामिल हैं; तीन पुरुष और एक महिला, जो इस आपराधिक गतिविधि के लिए नेटवर्क का हिस्सा थे। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों ने मिलकर एक योजना बनाई थी जिसमें फर्जी QR कोड बनाकर लोगों से धन उगाही की जाती थी।

फर्जी QR कोड का इस्तेमाल

फर्जी QR कोड का उपयोग करके, ये ठग लोगों को नकली सेवाएं या उत्पाद प्रदान करने का झांसा देते थे। जब व्यक्ति इस QR कोड को स्कैन करता था, तो पैसे सीधे इन ठगों के खाते में जा रहे थे। इस प्रक्रिया ने उन्हें अवैध रूप से समृद्ध होने का अवसर प्रदान किया। पुलिस द्वारा की गई जाँच में काफी सबूत एकत्रित किए गए हैं, जो इन अपराधियों की गतिविधियों को उजागर करते हैं।

साइबर सुरक्षा और जागरूकता

इस घटना ने एक बार फिर से साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है। लोगों को सावधान रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन के लिए उचित सतर्कता बरतनी चाहिए। फर्जी QR कोड से धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिकों को जागरूक रहना चाहिए और हमेशा विश्वसनीय स्रोतों का ही उपयोग करना चाहिए।

आगे की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है जो इस तरह के अपराध में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, लोगों को इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए उचित मार्गदर्शन और जानकारी दी जा रही है।

निष्कर्ष

साइबर सुरक्षा से जुड़ी जागरुकता बेहद आवश्यक है ताकि नागरिक ठगी के शिकार होने से बच सकें। हाल की कार्रवाई एक साहसिक कदम है, लेकिन समाज को भी इस दिशा में जागरूक रहना होगा। Keywords: साइबर ठगी, फर्जी QR कोड, ठगी के मामले, दिल्ली पुलिस, साइबर सुरक्षा, ठगों की गिरफ्तारी, नागरिक जागरूकता, फर्जी भुगतान, वित्तीय नुकसान, साइबर अपराध, QR कोड धोखाधड़ी.

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