3DM और 3CEO बनाएंगे वेस्ट यूपी ग्रोथ इंजन के रास्ते:न्यू नोएडा की कनेक्टिविटी के लिए बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद के डीएम को भेजा फाइल ड्राफ्ट

प्राधिकरण ने नया शहर बसाने की कवायद तेज की है। ये नया शहर दादरी नोएडा गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन है। ये शहर वैस्ट यूपी का सबसे बड़ा ग्रोथ इंजन होगा। रोजगार के साथ सरकार को बड़ा राजस्व देगा। इसलिए आसपास के शहरों से नए शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा। यहां पहुंचने के लिए चौड़ी सड़क, बेहतर ट्रांसपोर्ट के साधन होंगे। आगामी 50 सालों के लिए इसका रोड इंफ्रा तैयार होगा। इसकी जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की है। अब प्राधिकरण ने नए शहर की सीमा को जोड़ने वाले बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़ के डीम और ग्रेटरनोएडा , यमुना एक्सप्रेस वे के सीईओ को डीएनजीआईआर का फाइनल ड्राफ्ट भेजा है। इस ड्राफ्ट के जरिए सभी जिलों के प्रमुख नए शहर से बेस्ट कनेक्टिविटी के सुझाव प्राधिकरण को देंगे। साथ ही नए विकल्प भी बताएंगे। इस मोबिलिटी प्लान को लेकर सभी शहर के प्रमुख के साथ बैठक होगी। जिसके बाद इसे धरातल पर उतारा जाएगा। प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि न्यू नोएडा या डीएनजीआईआर एक इन्वेस्टमेंट रीजन है। जिससे पश्चिमी यूपी की इंडस्ट्री को ग्रोथ मिलेगी। इसका असर गाजियाबाद, बुलंदशहर , नोएडा, ग्रेटरनोएडा के अलावा आसपास के जिलों तक होगा। लोग यहां नौकरी करने के लिए इन्ही शहरों से अप डाउन करेंगे। ऐसे में ट्रांसपोर्ट का बेहतर विकल्प यहां होना चाहिए। इसलिए मास्टर प्लान के फाइनल ड्राफ्ट सभी प्रमुख शहर के डीएम और सीईओ को भेजे गए है। उनसे कनेक्टिविटी के लिए सुझाव मांगे गए है। इसी शहर को जोड़ेगा CMP उन्होंने बताया कि जिस कांप्रेंहेंसिव मोबिलिटी प्लान की बात हम कर रहे है। ये प्लान भी इसी शहर के लिए है। ताकि दिल्ली से इस नए शहर को कैसे कनेक्ट किया जाए। इसके लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जा रहा है। 80 की बजाए 84 गांवों से मिलकर बनेगा DNGIR DNGIR में पहले 80 गांव को शामिल किया गया था। अब इसका दायरा बढ़ाकर 4 और गांवों को इसमें शामिल किया गया है। ऐसे में 84 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। चार गांवों का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। वहां से अप्रूवल मिलते ही इन चारों गांव को भी DNGIR में शामिल किया जाएगा। 209.11 वर्गकिमी में बसेगा नया शहर न्यू नोएडा 209.11 वर्ग किमी में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण नीति क्या होगी। इसके लिए शासन स्तर पर गाइड लाइन जारी की जाएगी। 6 लाख की आबादी 209 वर्ग किमी में न्यू नोएडा को बसाया जाना है। मास्टर प्लान 2041 DNGIR में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक , 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रीक्रिएशन एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। DNGIR को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है। इस शहर की आबादी 6 लाख के आसपास होगी। इस शहर का मास्टर प्लान के अनुसार क्या किया गया ब्रेकअप 1 हजार करोड़ जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व प्राधिकरण ने 213 वीं बोर्ड में करीब 1 हजार करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण के रिजर्व किए हुए है। जिनका पूरे वित्त वर्ष में उपयोग नहीं हो सका। ये पैसा यहां पहले फेज में जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व किया गया है। अधिग्रहण आबादी नियमावली 2013 यानी आपसी सहमति के आधार पर या लैंड पूल के जरिए की जाएगी। इसके लिए शासन से गाइड लाइन जारी की जाएगी।

Oct 22, 2024 - 06:25
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3DM और 3CEO बनाएंगे वेस्ट यूपी ग्रोथ इंजन के रास्ते:न्यू नोएडा की कनेक्टिविटी के लिए बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद के डीएम को भेजा फाइल ड्राफ्ट
प्राधिकरण ने नया शहर बसाने की कवायद तेज की है। ये नया शहर दादरी नोएडा गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन है। ये शहर वैस्ट यूपी का सबसे बड़ा ग्रोथ इंजन होगा। रोजगार के साथ सरकार को बड़ा राजस्व देगा। इसलिए आसपास के शहरों से नए शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा। यहां पहुंचने के लिए चौड़ी सड़क, बेहतर ट्रांसपोर्ट के साधन होंगे। आगामी 50 सालों के लिए इसका रोड इंफ्रा तैयार होगा। इसकी जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की है। अब प्राधिकरण ने नए शहर की सीमा को जोड़ने वाले बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़ के डीम और ग्रेटरनोएडा , यमुना एक्सप्रेस वे के सीईओ को डीएनजीआईआर का फाइनल ड्राफ्ट भेजा है। इस ड्राफ्ट के जरिए सभी जिलों के प्रमुख नए शहर से बेस्ट कनेक्टिविटी के सुझाव प्राधिकरण को देंगे। साथ ही नए विकल्प भी बताएंगे। इस मोबिलिटी प्लान को लेकर सभी शहर के प्रमुख के साथ बैठक होगी। जिसके बाद इसे धरातल पर उतारा जाएगा। प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि न्यू नोएडा या डीएनजीआईआर एक इन्वेस्टमेंट रीजन है। जिससे पश्चिमी यूपी की इंडस्ट्री को ग्रोथ मिलेगी। इसका असर गाजियाबाद, बुलंदशहर , नोएडा, ग्रेटरनोएडा के अलावा आसपास के जिलों तक होगा। लोग यहां नौकरी करने के लिए इन्ही शहरों से अप डाउन करेंगे। ऐसे में ट्रांसपोर्ट का बेहतर विकल्प यहां होना चाहिए। इसलिए मास्टर प्लान के फाइनल ड्राफ्ट सभी प्रमुख शहर के डीएम और सीईओ को भेजे गए है। उनसे कनेक्टिविटी के लिए सुझाव मांगे गए है। इसी शहर को जोड़ेगा CMP उन्होंने बताया कि जिस कांप्रेंहेंसिव मोबिलिटी प्लान की बात हम कर रहे है। ये प्लान भी इसी शहर के लिए है। ताकि दिल्ली से इस नए शहर को कैसे कनेक्ट किया जाए। इसके लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जा रहा है। 80 की बजाए 84 गांवों से मिलकर बनेगा DNGIR DNGIR में पहले 80 गांव को शामिल किया गया था। अब इसका दायरा बढ़ाकर 4 और गांवों को इसमें शामिल किया गया है। ऐसे में 84 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। चार गांवों का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। वहां से अप्रूवल मिलते ही इन चारों गांव को भी DNGIR में शामिल किया जाएगा। 209.11 वर्गकिमी में बसेगा नया शहर न्यू नोएडा 209.11 वर्ग किमी में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण नीति क्या होगी। इसके लिए शासन स्तर पर गाइड लाइन जारी की जाएगी। 6 लाख की आबादी 209 वर्ग किमी में न्यू नोएडा को बसाया जाना है। मास्टर प्लान 2041 DNGIR में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक , 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रीक्रिएशन एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। DNGIR को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है। इस शहर की आबादी 6 लाख के आसपास होगी। इस शहर का मास्टर प्लान के अनुसार क्या किया गया ब्रेकअप 1 हजार करोड़ जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व प्राधिकरण ने 213 वीं बोर्ड में करीब 1 हजार करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण के रिजर्व किए हुए है। जिनका पूरे वित्त वर्ष में उपयोग नहीं हो सका। ये पैसा यहां पहले फेज में जमीन अधिग्रहण के लिए रिजर्व किया गया है। अधिग्रहण आबादी नियमावली 2013 यानी आपसी सहमति के आधार पर या लैंड पूल के जरिए की जाएगी। इसके लिए शासन से गाइड लाइन जारी की जाएगी।

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