41 लाख लूट मामले में फर्जी OSD अरेस्ट:वाराणसी पुलिस ने महाराष्ट्र से पकड़ा, ट्रांजिट रिमांड पर ला रही
वाराणसी के कैंट थाने की पुलिस ने 41 लाख रुपये की लूट के मुख्य आरोपी छीतमपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी को वाराणसी लेकर आ रही है। धर्मेंद्र से पूछताछ के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा। 7 नवंबर को रुद्रा हाइट्स में हुई थी वारदात वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में 7 नवंबर की आधी रात के बाद निलंबित इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता अपने दोस्त के साथ पहुंचा था। आरोप है कि धर्मेंद्र ने खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताया। इसके बाद दोनों ने वहां जुआ खेल रहे व्यापारियों को कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर 41 लाख रुपये दो बैग में भरकर ले लिए। सीसीटीवी फुटेज से हुई थी पहचान घटना के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में इंस्पेक्टर और उसके दोस्त की मौजूदगी देखी गई। पुलिस आयुक्त ने मामले को गंभीर मानते हुए तत्कालीन सारनाथ थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता को प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया। अब जानिए रुद्रा हाइट्स में 7 नवंबर की रात क्या हुआ था... डरा-धमकाकर ले लिया रुपया इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता ने 7 नवंबर को एक अपार्टमेंट पर छापा मारकर 40 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया। उनके साथ सिविल ड्रेस में एक युवक धर्मेंद्र चौबे भी था, जिसने गार्ड से खुद को CM योगी का OSD बताया। अपार्टमेंट में शहर के बड़े कारोबारी जुआ खेल रहे थे, सभी को डरा-धमकाकर रकम वसूली। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने जुए की फड़ पर रखे 40-41 लाख रुपए दो बैग में भर लिए। एक CCTV भी सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि इंस्पेक्टर लिफ्ट से उतर रहे हैं, उनके साथ का युवक हाथ में दो बैग पकड़े हुए है। इसके बाद एक फोटो सामने आयी जिसमें चौबेपुर निवासी धर्मेंद्र चौबे अपने घर में एक बैग लेकर चढ़ते दिखाई दे रहा है। कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को किया सस्पेंड घटना का CCTV वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता को पहले लाइन हाजिर, फिर सस्पेंड कर दिया। डीसीपी वरूणा चंद्रकांत मीना ने जांच एडीसीपी को दी, जिसमें पूरा मामला साफ हो गया। नवागत इंस्पेक्टर ने दर्ज कराई FIR परमहंस गुप्ता की जगह चार्ज लेने वाले एसओ सारनाथ विवेक त्रिपाठी ने तहरीर देकर अपनी ओर से सूचनाओं को आधार बनाकर इस मामले में केस दर्ज किया। सारनाथ एसओ ने पूर्व एसएचओ और उनके साथ फर्जी ओएसडी बनकर लाखों की नगदी पार करने के आरोप में केस दर्ज कराया। इंस्पेक्टर के खिलाफ पुलिस केस में शामिल सीएम के फर्जी ओएसडी धर्मेंद्र चौबे को नामजद किया गया था । एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद इंस्पेक्टर और धर्मेंद्र चौबे अंडरग्राउंड हो गया था। वहीं अपार्टमेंट में जुआ खिलाने में रुद्रा हाइट्स के मालिक और अन्य अज्ञात के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था। विवेचना और कार्रवाई के लिए इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत जुटाए और पुलिस की एक टीम ने महाराष्ट्र से धर्मेंद्र चौबे को गिरफ्तार कर लिया। बता दें धर्मेंद्र चौबे की ससुराल महाराष्ट्र में है।
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