BHU के नवनियुक्त शिक्षकों को VC ने दिया टिप्स:बोले - शिक्षकों के प्रोफेशलन डिवेलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध,धन की कमी नहीं आएगी आड़े
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने नवनियुक्त संकाय सदस्यों से आह्वान किया है कि वे शिक्षण व शोध के साथ साथ सेवा हेतु भी तत्पर रहें तथा संस्थान की उन्नति में योगदान करें। मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में हाल ही में नियुक्त शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए कुलपति ने कहा कि एक प्रतिष्ठित संस्थान के संकाय सदस्य के रूप में उत्कृष्ट शिक्षण व अनुसंधान के साथ साथ उन्हें सामुदायिक सेवा के लिए भी उत्साह व ऊर्जा के साथ काम करना होगा। शिक्षण व शोध के साथ साथ सेवा हेतु भी करें योगदान कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की भी नवनियुक्त संकाय सदस्यों के काफी अपेक्षाएं व आकांक्षाएं हैं और शिक्षकों को उन पर खरा उतरने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि नए सदस्य आपसी संवाद व निरंतर सम्पर्क के माध्यम से न सिर्फ एक दूसरे की प्रगति में सहयोग करें बल्कि एक समुदाय की भावना विकसित कर पारस्परिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करें। प्रो. जैन ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की अपेक्षा है कि उसके शिक्षक आकांक्षी हों और उत्कृष्टता के लिए जाने जाएं। इसके लिए विश्वविद्यालय क्षमता निर्माण व नए अवसरों के सृजन हेतु अनेक पहल कर रहा है। शिक्षकों के प्रोफेशलन डिवेलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध कुलपति ने बताया कि नए संकाय सदस्यों के प्रोफेशनल डिवेलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई योजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने संकाय सदस्यों को उत्कृष्ट शोध परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सभी संकायों में एक वरिष्ठ आचार्य को नए शिक्षकों के मार्गदर्शन व मेन्टरिंग के लिए विशेष रूप से अनुरोध किया गया है। कुलपति ने बताया कि नए संकाय सदस्यों को नई व्यवस्था को अपनाने में सहूलियत के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की कोशिश है कि संकाय सदस्यों को विभिन्न प्रक्रियागत कारणों व प्रशासनिक कार्यों के लिए इधर-उधर चक्कर न काटने पड़ें। ईज़ ऑफ लिविंग पर विवि कर रहा काम इस दौरान कुलपति ने संकाय सदस्यों के विचार भी जाने और ये समझना चाहा कि उन्हें किस प्रकार की चुनौतियां आ रही है। उन्होंने शिक्षकों से सुझाव भी मांगे ताकि विश्वविद्यालय में ईज़ ऑफ लिविंग के विचार को साकार किया जा सके। कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह बताया कि विश्वविद्यालय कई नई पहलों पर काम कर रहा है, जिससे संकाय सदस्यों का बहुमूल्य समय प्रक्रियाओं में उलझ कर व्यर्थन जाए।
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