CM सुक्खू ने राधा-स्वामी हॉस्पिटल मुद्दे पर बुलाई बैठक:प्रबंधन ने की अस्पताल को बंद करने की घोषणा, प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण

हमीरपुर जिले में के भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल के मुद्दे को लेकर रविवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम सूक्खू ने बैठक के लिए राधा स्वामी सत्संग व्यास प्रबंधन के पदाधिकारियों सहित जिले के कई अन्य नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया है। यह बैठक 2 बजे सीएम सुक्खू के सरकारी आवास ओक ओवर में होगी। बता दें कि भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल अब बंद होने की कगार पर जिसको लेकर पिछले दिनों से आसपास की पंचायतों के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। इस प्रदर्शन में बीजेपी के विधायक भी शामिल है। क्या है पूरा मामला हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी सत्संग व्यास अस्पताल है, प्रबंधन इसको अपग्रेड करना चाहता है। लेकिन उपकरण खरीदने के लिए भारी भरकम GST चुकाना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में हिमाचल सरकार अब लैंड सीलिंग एक्ट 1972 आड़े आ रहा है। जानकारी के अनुसार राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की जमीन को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को ट्रांसफर करना चाहती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें हर साल 2 करोड़ रुपए जीएसटी देना पड़ रहा है। जबकि वह मुफ्त में लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन चाहता है कि जमीन को उनकी सिस्टर कन्सर्न संस्था को ट्रांसफर कर दिया जाए। 5 दिनों से प्रदर्शन लोग कर रहे प्रदर्शन डेरा प्रबंधन द्वारा अस्पताल को बंद करने की घोषणा के बाद आस-पास की पंचायतों के ग्रामीण सड़क पर उतर गए है। लोग हर दिन चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बाहर पहुंच रहे और नेशनल हाई-वे पर चक्का जाम कर नारेबाजी कर रहे है। बता दें कि क्षेत्र में डेरा स्वामी की काफी लोकप्रियता है, उनके समर्थकों की काफी संख्या है। बता दें कि भाजपा ने मामले पर समर्थन किया है। भाजपा के कई विधायक इसमें शामिल हो रहे है। भाजपा विधायकों ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना बता दें कि बीते दिनों प्रदर्शन में पहुंचे हमीरपुर जिले से भाजपा विधायक प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार घेरने की कोशिश की। हमीरपुर के बड़सर विधानसभा से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के चलते लोग अब सड़कों पर उतरे है और सीएम सुक्खू को चाहिए कि विवाद को सुलझाने के लिए जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए। ताकि समस्या हल हो सके। हमीरपुर सदर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि पिछले 24 साल से अस्पताल चल रहा है और सीआईडी ने यह जानकारी सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जब तक लोग सड़कों में ना आए। तब तक सीएम कुछ नहीं करेंगे। सीएम सुक्खू अगर लिख कर दो लाइनें संस्थान को दे देते हैं कि आगामी सत्र में संशोधन किया जाएगा तो अस्पताल बंद होने से बच जाएगा। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जनता के विरोध का बीजेपी पूर्ण रूप से समर्थन करती है और अस्पताल प्रबंधन की मांग जायज है। कितनी जमीन है संस्था के पास राधा स्वामी सत्संग ब्यास के पास हिमाचल में 6000 बीघा से ज्यादा की लैंड होल्डिंग है। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के समय 2014 में इन्हें लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दी गई थी। तब भारत सरकार ने एक राइडर लगा दिया था कि लैंड सीलिंग की सीमा से बाहर की जमीन को ये सेल, लीज, गिफ्ट, विल, मॉर्टगेज या किसी अन्य तरीके से ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। इसी राइडर की बाधा को अब हटाया जा रहा है। हिमाचल निर्माता ने दिया था हिमाचल को सुरक्षा कवच हिमाचल प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया था। ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। इस एक्ट की धारा-5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों तथा जल विद्युत परियोजनाओं की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। लेकिन अब संशोधन से जो छूट राधा स्वामी सत्संग ब्यास को दी जा रही है, वह किसी अन्य को उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार की अनुमति पर ही लागू होगा ऑर्डिनेंस स्वामी सत्संग ब्यास ने एक अन्य सोसाइटी को हमीरपुर के भोटा स्थित अस्पताल परिसर की लैंड ट्रांसफर करने का आवेदन किया है। यदि ऐसा न हुआ तो अस्पताल को बंद करने का नोटिस भी सरकार को दिया है। वहीं प्रदेश सरकार ने चैरिटेबल संस्था को देखते हुए बीते दिनों सीएम सुक्खू ने संस्था को छूट देने की बात कही थी। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अध्यादेश लाकर में वन टाइम छूट के तहत 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके बदले हस्तांतरण शुल्क भी मार्केट वैल्यू के फार्मूले से प्रस्तावित किया जा रहा है। हालांकि यह अध्यादेश तभी प्रख्यापित या घोषित होगा, जब इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी भारत सरकार से आ जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य के हित का ध्यान रखा जाएगा। सीएम सुक्खू ने पहले ही कहा है कि पहले सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार फैसला करेगी।

Dec 1, 2024 - 13:25
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CM सुक्खू ने राधा-स्वामी हॉस्पिटल मुद्दे पर बुलाई बैठक:प्रबंधन ने की अस्पताल को बंद करने की घोषणा, प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण
हमीरपुर जिले में के भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल के मुद्दे को लेकर रविवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम सूक्खू ने बैठक के लिए राधा स्वामी सत्संग व्यास प्रबंधन के पदाधिकारियों सहित जिले के कई अन्य नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया है। यह बैठक 2 बजे सीएम सुक्खू के सरकारी आवास ओक ओवर में होगी। बता दें कि भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल अब बंद होने की कगार पर जिसको लेकर पिछले दिनों से आसपास की पंचायतों के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। इस प्रदर्शन में बीजेपी के विधायक भी शामिल है। क्या है पूरा मामला हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी सत्संग व्यास अस्पताल है, प्रबंधन इसको अपग्रेड करना चाहता है। लेकिन उपकरण खरीदने के लिए भारी भरकम GST चुकाना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में हिमाचल सरकार अब लैंड सीलिंग एक्ट 1972 आड़े आ रहा है। जानकारी के अनुसार राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की जमीन को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को ट्रांसफर करना चाहती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें हर साल 2 करोड़ रुपए जीएसटी देना पड़ रहा है। जबकि वह मुफ्त में लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन चाहता है कि जमीन को उनकी सिस्टर कन्सर्न संस्था को ट्रांसफर कर दिया जाए। 5 दिनों से प्रदर्शन लोग कर रहे प्रदर्शन डेरा प्रबंधन द्वारा अस्पताल को बंद करने की घोषणा के बाद आस-पास की पंचायतों के ग्रामीण सड़क पर उतर गए है। लोग हर दिन चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बाहर पहुंच रहे और नेशनल हाई-वे पर चक्का जाम कर नारेबाजी कर रहे है। बता दें कि क्षेत्र में डेरा स्वामी की काफी लोकप्रियता है, उनके समर्थकों की काफी संख्या है। बता दें कि भाजपा ने मामले पर समर्थन किया है। भाजपा के कई विधायक इसमें शामिल हो रहे है। भाजपा विधायकों ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना बता दें कि बीते दिनों प्रदर्शन में पहुंचे हमीरपुर जिले से भाजपा विधायक प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार घेरने की कोशिश की। हमीरपुर के बड़सर विधानसभा से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के चलते लोग अब सड़कों पर उतरे है और सीएम सुक्खू को चाहिए कि विवाद को सुलझाने के लिए जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए। ताकि समस्या हल हो सके। हमीरपुर सदर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि पिछले 24 साल से अस्पताल चल रहा है और सीआईडी ने यह जानकारी सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जब तक लोग सड़कों में ना आए। तब तक सीएम कुछ नहीं करेंगे। सीएम सुक्खू अगर लिख कर दो लाइनें संस्थान को दे देते हैं कि आगामी सत्र में संशोधन किया जाएगा तो अस्पताल बंद होने से बच जाएगा। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जनता के विरोध का बीजेपी पूर्ण रूप से समर्थन करती है और अस्पताल प्रबंधन की मांग जायज है। कितनी जमीन है संस्था के पास राधा स्वामी सत्संग ब्यास के पास हिमाचल में 6000 बीघा से ज्यादा की लैंड होल्डिंग है। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के समय 2014 में इन्हें लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दी गई थी। तब भारत सरकार ने एक राइडर लगा दिया था कि लैंड सीलिंग की सीमा से बाहर की जमीन को ये सेल, लीज, गिफ्ट, विल, मॉर्टगेज या किसी अन्य तरीके से ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। इसी राइडर की बाधा को अब हटाया जा रहा है। हिमाचल निर्माता ने दिया था हिमाचल को सुरक्षा कवच हिमाचल प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया था। ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। इस एक्ट की धारा-5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों तथा जल विद्युत परियोजनाओं की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। लेकिन अब संशोधन से जो छूट राधा स्वामी सत्संग ब्यास को दी जा रही है, वह किसी अन्य को उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार की अनुमति पर ही लागू होगा ऑर्डिनेंस स्वामी सत्संग ब्यास ने एक अन्य सोसाइटी को हमीरपुर के भोटा स्थित अस्पताल परिसर की लैंड ट्रांसफर करने का आवेदन किया है। यदि ऐसा न हुआ तो अस्पताल को बंद करने का नोटिस भी सरकार को दिया है। वहीं प्रदेश सरकार ने चैरिटेबल संस्था को देखते हुए बीते दिनों सीएम सुक्खू ने संस्था को छूट देने की बात कही थी। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अध्यादेश लाकर में वन टाइम छूट के तहत 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके बदले हस्तांतरण शुल्क भी मार्केट वैल्यू के फार्मूले से प्रस्तावित किया जा रहा है। हालांकि यह अध्यादेश तभी प्रख्यापित या घोषित होगा, जब इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी भारत सरकार से आ जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य के हित का ध्यान रखा जाएगा। सीएम सुक्खू ने पहले ही कहा है कि पहले सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार फैसला करेगी।

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