CSK के कोच बोले- धोनी का घुटना-शरीर पहले जैसा नहीं:उनका 10 ओवर बैटिंग करना मुश्किल, इसलिए निचले ऑर्डर पर बैटिंग कर रहे
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में महेंद्र सिंह धोनी 8-9 नंबर पर बैटिंग करने उतर रहे हैं। इस पर कई क्रिकेट एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इतने निचले क्रम पर बल्लेबाजी का टीम को क्या फायदा है। इस सवाल पर चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा कि धोनी की बॉडी और घुटना अब वैसा नहीं है, जैसा पहले हुआ करता था। उनके लिए 10 ओवर बल्लेबाजी करना मुश्किल है। फ्लेमिंग ने कहा कि यह समय की बात है। धोनी खुद इस बात का फैसला करते हैं। धोनी ठीक तरह से चल रहे हैं, लेकिन नुकसान की गुंजाइश अभी भी है। फ्लेमिंग बोले- ज्यादा लंबी बल्लेबाजी नहीं दिखाई देगी स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा, "जिस दिन मैच होता है, धोनी ही यह अंदाजा लगाते हैं कि वे टीम के लिए क्या कर सकते हैं। अगर मैच बैलेंस है तो धोनी थोड़ा जल्दी बैटिंग के लिए उतर सकते हैं। जब भी मौका मिलता है वे दूसरे खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं। इस तरह से धोनी बैलेंस कर रहे हैं। मैंने पिछले साल भी कहा था कि वह हमारे लिए बेशकीमती हैं। टीम के लिए विकेटकीपिंग करने के साथ उनका 9-10 ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतरना ठीक नहीं है।" 2023 में IPL फाइनल के बाद हुई थी घुटने की सर्जरी चेन्नई लगातार दो मैचों में चेज करते हुए हारी चेन्नई को इस सीजन में चेज करते हुए लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा। दोनों ही मैचों में धोनी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए। सीजन के पहले मैच में चेन्नई ने मुंबई को 4 विकेट से हराया था। इस मैच में भी धोनी आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। 30 मार्च को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में चेन्नई को 6 रनों से हार का सामना करना पड़ा। धोनी इस मैच में भी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए और 11 गेंदों में 16 रन बनाकर आउट हो गए। अपनी पारी के दौरान उन्होंने एक चौका और एक छक्का भी लगाया। चेपॉक में 28 मार्च को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ चेन्नई को 17 साल बाद घर पर हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में टीम 197 रनों का पीछा कर रही थी। इस बार धोनी 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए थे। धोनी 16 गेंदों पर 30 रन बनाकर नाबाद रहे थे। 2023 से पहले धोनी नंबर-3 और 4 पर आते थे बल्लेबाजी करने 2023 से पहले धोनी नंबर-3 और 4 पर बल्लेबाजी करने आते थे, लेकिन 2023 में IPL के शुरुआत से पहले ही घुटने में चोट लगने से वह निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के लिए आने लगे। 2023 से लेकर अब तक खेले गए मैचों में CSK ने रन चेज करते हुए जितने भी मैच जीते हैं, उनमें धोनी की बल्लेबाजी का योगदान न के बराबर रहा है। चेज के दौरान CSK की ओर से जीते गए तीन मैचों में धोनी का योगदान सिर्फ तीन रन है। इन मैचों में धोनी ने तीन पारियों में 9 गेंदों का सामना करते हुए तीन ही रन बनाए। ____________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें... IPL मैच एनालिसिस आखिरी 30 गेंदों में CSK की बैटिंग हुई फेल:धोनी-जडेजा की धीमी बल्लेबाजी पड़ी टीम पर भारी, राजस्थान ने 6 रन से जीता मैच डेथ ओवर्स में खराब बैटिंग के कारण CSK को IPL के 18वें सीजन में लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा। टीम को राजस्थान रॉयल्स ने रविवार को गुवाहाटी में 6 रन के करीबी अंतर से हरा दिया। वनिंदू हसरंगा ने 4 विकेट लिए। वहीं नीतीश राणा ने महज 36 गेंद पर 81 रन की पारी खेली। पूरी खबर

CSK के कोच बोले- धोनी का घुटना-शरीर पहले जैसा नहीं: उनका 10 ओवर बैटिंग करना मुश्किल, इसलिए निचले ऑर्डर पर बैटिंग कर रहे
भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के बारे में हाल ही में चौंकाने वाला बयान दिया है सीएसके के कोच ने। उनका कहना है कि धोनी का घुटना और शरीर पहले के मुकाबले उतना दुरुस्त नहीं रहा। इस कारण से धोनी अब 10 ओवर बैटिंग करना मुश्किल समझते हैं और इसलिए उन्होंने निचले ऑर्डर पर बैटिंग करने का निर्णय लिया है। यह एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर धोनी के फैंस के लिए जो हमेशा उन्हें मैदान पर देखने के लिए उत्सुक रहते हैं।
धोनी का शारीरिक स्थिति पर प्रभाव
धोनी के लंबे करियर में कई चोटें आई हैं, जिनका असर उनके खेल पर पड़ा है। कोच ने बताया कि धोनी का घुटना उन्हें सीमित करता है, जिससे उन्हें अपने प्रदर्शन में वैसा जोर नहीं लगाना पड़ता जैसा पहले लगता था। इसके चलते, उन्होंने रन बनाने की अपनी रणनीति को बदलने का निर्णय लिया। अब वे टी20 मुकाबलों में निचले ऑर्डर पर आकर खेलेंगे ताकि टीम को अंत के ओवरों में मजबूत स्थिति में ला सकें।
टीम पर प्रभाव
धोनी का यह निर्णय सीएसके के लिए चिंता का विषय हो सकता है। उनकी बेहद खास भूमिका और अनुभव को ध्यान में रखते हुए, यह टीम को अपने प्रतिस्पर्धी खेलने की शैली में परिवर्तन करने के लिए मजबूर करेगा। हालांकि, धोनी की उपस्थिति और मार्गदर्शन हमेशा टीम को प्रेरित करती है। उनके दिमागी खेल कौशल से न केवल युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि वे अधिक तेज़ी से सीख सकेंगे।
भविष्य की उम्मीदें
जबकि धोनी का शरीर पहले जैसा नहीं रहा, उनकी खेल भावना और रणनीति में कोई कमी नहीं आई है। फैंस और टीम दोनों की नजरें इस ओर हैं कि वह इस बदलाव को किस तरह से मैनेज करेंगे और आने वाले मैचों में कितना प्रभाव डालेंगे। धोनी ने हमेशा कठिन समय में टीम को आगे बढ़ाने का काम किया है, और आशा है कि वे इस बार भी ऐसा करेंगे।
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