IPL ऑक्शनः सबसे युवा वैभव समेत बिहार के 4 खिलाड़ी:साकिब की धोनी कर चुके हैं तारीफ; बिपिन ने एकेडमी की फीस के लिए घास काटी

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का ऑक्शन 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में होगा। इस बार का IPL बिहार के लिए खास होने वाला है। बिहार के 4 खिलाड़ियों पर बोली लगाई जाएगी। राज्य के चार प्लेयर IPL 2025 में नजर आ सकते हैं। इसमें विस्फोटक बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी, लेग स्पिनर हिमांशु सिंह, विकेटकीपर बल्लेबाज बिपिन सौरभ और तेज गेंदबाज शाकिब हुसैन का नाम शामिल हैं। वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने सचिन से भी कम उम्र में रणजी में डेब्यू किया था। वहीं, गोपालगंज के साकिब हुसैन के क्रिकेट खेलने के लिए उनकी मां ने अपने गहने गिरवी रख दिए थे। अपनी एकेडमी की फीस भरने के लिए जिस मैदान में बिपिन सौरभ प्रैक्टिस करते थे, उसी में काम करना शुरू किया। यहां तक की उन्होंने ग्राउंड की घास भी काटी। वहीं, हिमांशु सिंह ने अपना पहला बैट दिल्ली के सरोजिनी मार्केट से 1500 रुपए में खरीदा था। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए IPL ऑक्शन तक पहुंचे बिहार के 4 खिलाड़ियों की कहानी... IPL ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी वैभव बिहार के समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वैभव अभी सिर्फ 13 साल के हैं। वे रणजी ट्रॉफी, हेमन ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी खेल चुके हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वैभव का चयन जूनियर इंडियन क्रिकेट टीम में हो चुका है। वे इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 सीरीज में टीम का हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने महज 58 गेंदों में ही शतक जड़ दिया था। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए थे। इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज बाबर आजम और बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शांतो का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। शांतो ने 14 साल 241 दिन की उम्र में सिलहट में श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ यूथ वनडे क्रिकेट में सेंचुरी जड़ी थी। वहीं, पाकिस्तान के बाबर आजम ने 15 साल 48 दिन में दांबुला में शतक जड़ा था। सचिन से भी कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हाल ही में वैभव ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्राफी में डेब्यू किया था। तब उनकी उम्र सिर्फ 12 साल 9 महीने 14 दिन की थी। वैभव सबसे कम उम्र में रणजी में डेब्यू करने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे कम उम्र में अलीमुद्दीन ने (12 साल, 2 महीने 18 दिन) डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 7 महीने 22 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। 5 साल की उम्र से शुरू किया क्रिकेट खेलना वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि ‘उसका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उसने 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलता रहा। 7 साल की उम्र में मैं उसे समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में ले गया। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर हम उसे पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में भी रन बनाने शुरू कर दिए।’ गर्मी की चिलचिलाती धूप में रोज करता था प्रैक्टिस वैभव समस्तीपुर के पटेल मैदान में प्रैक्टिस करता था। उसके कोच ब्रजेश ने बताया कि ‘वैभव काफी मेहनत करता था। उसका एकेडमी में 5 से 6 घंटे स्पेशल टाइम रहता था। इस दौरान सीनियर भी उसके साथ प्रैक्टिस करते थे। गर्मी के महीने में भी सुबह 10 बजे से शाम 3:30 बजे तक वह अपने सेशन में प्रैक्टिस करता था, जिसका रिजल्ट आज हमें देखने को मिल रहा है। वह जल्दी रेस्ट करते नहीं दिखेगा। हमेशा वह अपने आप को प्रैक्टिस में रखता है।’ अब बात 20 साल के साकिब हुसैन की IPL 2025 ऑक्शन की लिस्ट में 20 साल के बिहार के गोपालगंज के साकिब हुसैन का भी नाम शामिल है। साकिब दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। चेन्नई सुपर किंग में नेट बॉलर के रूप में पहले से चयनित साकिब का बेस प्राइस 30 लाख रुपए है। पिछले साल साकिब हुसैन को IPL टीम KKR ने 20 लाख रुपए में खरीदा था। खेलने के लिए मां ने गिरवी रखे थे अपने गहने साकिब सदर प्रखंड के दरगाह मोहल्ले में रहते हैं। उनके पिता अली अहमद हुसैन पेशे से मजदूर हैं। साकिब बताते हैं कि ‘घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मेरे पास गेंदबाजी करने के लिए खास जूते तक नहीं थे। तब खेलने के लिए मां ने अपने गहने गिरवी रखे थे। शुरुआती दिनों में मेरा सपना क्रिकेट नहीं, बल्कि आर्मी में जाने का था। शहर के मिंज स्टेडियम में मैं दौड़ने जाता था, जहां खिलाड़ियों को देखकर मेरा भी मन क्रिकेट खेलने की तमन्ना जागी।’ इंटर तक पढ़ाई करने के बाद साकिब ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए। गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में देवधारी गिरी टूर्नामेंट में उन्हें खेलने का मौका भी मिला। इसमें उनका बॉलिंग के लिए चयन हुआ। इसके बाद 2021 में पटना में होने वाले बिहार क्रिकेट लीग में शामिल हुए। फिर अंडर-19 खेलने चंडीगढ़ चले गए, जिसमें वह हाईएस्ट विकेट टेकर रहे। धोनी ने की थी साकिब की तारीफ साकिब चेन्नई सुपर किंग्स के नेट बॉलर भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें महेंद्र सिंह धोनी से मिलने का मौका मिला। साकिब ने अपनी बॉलिंग को लेकर धोनी से राय ली। इस पर धोनी ने कहा, ‘अच्छा हो रहा है, तुम में अच्छा टैलेंट है। तुम ऐसे ही करते रहो। बस मेहनत करते रहो, सिलेक्शन तुम्हारे हाथ में नहीं है।’ साकिब धोनी को अपना आइडल भी मानते हैं। अब पढ़िए औरंगाबाद के 25 साल के बिपिन सौरभ की कहानी औरंगाबाद के सत्येंद्र नगर में जन्मे बिपिन सौरभ भी ऑक्शन की लिस्ट में शामिल हैं। रणजी टीम में बेहतर करते ही बिपिन सौरभ के लिए IPL का दरवाजा खुल गया। बिपिन सौरभ विकेटकीपर और बैट्समैन हैं। मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले बिपिन के पिता संतोष कुमार सिंह निजी स्कूल चलाते हैं। वहीं, मां शिव कुमारी देवी गृहिणी हैं। 25 साल के बिपिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत आज से 11 साल पहले की थी। खेलने वाले बच्चों को मिलती थी ज्यादा इज्जत बिपिन ने बताया कि ‘मेरे पापा क

Nov 24, 2024 - 12:10
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IPL ऑक्शनः सबसे युवा वैभव समेत बिहार के 4 खिलाड़ी:साकिब की धोनी कर चुके हैं तारीफ; बिपिन ने एकेडमी की फीस के लिए घास काटी
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का ऑक्शन 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में होगा। इस बार का IPL बिहार के लिए खास होने वाला है। बिहार के 4 खिलाड़ियों पर बोली लगाई जाएगी। राज्य के चार प्लेयर IPL 2025 में नजर आ सकते हैं। इसमें विस्फोटक बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी, लेग स्पिनर हिमांशु सिंह, विकेटकीपर बल्लेबाज बिपिन सौरभ और तेज गेंदबाज शाकिब हुसैन का नाम शामिल हैं। वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्होंने सचिन से भी कम उम्र में रणजी में डेब्यू किया था। वहीं, गोपालगंज के साकिब हुसैन के क्रिकेट खेलने के लिए उनकी मां ने अपने गहने गिरवी रख दिए थे। अपनी एकेडमी की फीस भरने के लिए जिस मैदान में बिपिन सौरभ प्रैक्टिस करते थे, उसी में काम करना शुरू किया। यहां तक की उन्होंने ग्राउंड की घास भी काटी। वहीं, हिमांशु सिंह ने अपना पहला बैट दिल्ली के सरोजिनी मार्केट से 1500 रुपए में खरीदा था। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए IPL ऑक्शन तक पहुंचे बिहार के 4 खिलाड़ियों की कहानी... IPL ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी वैभव बिहार के समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी इस ऑक्शन में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वैभव अभी सिर्फ 13 साल के हैं। वे रणजी ट्रॉफी, हेमन ट्रॉफी और कूच बिहार ट्रॉफी खेल चुके हैं। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वैभव का चयन जूनियर इंडियन क्रिकेट टीम में हो चुका है। वे इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 सीरीज में टीम का हिस्सा थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने महज 58 गेंदों में ही शतक जड़ दिया था। इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए थे। इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान के ओपनर बल्लेबाज बाबर आजम और बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शांतो का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। शांतो ने 14 साल 241 दिन की उम्र में सिलहट में श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ यूथ वनडे क्रिकेट में सेंचुरी जड़ी थी। वहीं, पाकिस्तान के बाबर आजम ने 15 साल 48 दिन में दांबुला में शतक जड़ा था। सचिन से भी कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी हाल ही में वैभव ने पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्राफी में डेब्यू किया था। तब उनकी उम्र सिर्फ 12 साल 9 महीने 14 दिन की थी। वैभव सबसे कम उम्र में रणजी में डेब्यू करने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे कम उम्र में अलीमुद्दीन ने (12 साल, 2 महीने 18 दिन) डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 7 महीने 22 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। 5 साल की उम्र से शुरू किया क्रिकेट खेलना वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि ‘उसका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। उसने 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। घर पर ही 2 साल तक क्रिकेट खेलता रहा। 7 साल की उम्र में मैं उसे समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में ले गया। वैभव ने यहां 3 साल तक खेला। फिर हम उसे पटना के संपतचक स्थित जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव ने बड़े-बड़े मैच खेले और सीनियर मैच में भी रन बनाने शुरू कर दिए।’ गर्मी की चिलचिलाती धूप में रोज करता था प्रैक्टिस वैभव समस्तीपुर के पटेल मैदान में प्रैक्टिस करता था। उसके कोच ब्रजेश ने बताया कि ‘वैभव काफी मेहनत करता था। उसका एकेडमी में 5 से 6 घंटे स्पेशल टाइम रहता था। इस दौरान सीनियर भी उसके साथ प्रैक्टिस करते थे। गर्मी के महीने में भी सुबह 10 बजे से शाम 3:30 बजे तक वह अपने सेशन में प्रैक्टिस करता था, जिसका रिजल्ट आज हमें देखने को मिल रहा है। वह जल्दी रेस्ट करते नहीं दिखेगा। हमेशा वह अपने आप को प्रैक्टिस में रखता है।’ अब बात 20 साल के साकिब हुसैन की IPL 2025 ऑक्शन की लिस्ट में 20 साल के बिहार के गोपालगंज के साकिब हुसैन का भी नाम शामिल है। साकिब दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। चेन्नई सुपर किंग में नेट बॉलर के रूप में पहले से चयनित साकिब का बेस प्राइस 30 लाख रुपए है। पिछले साल साकिब हुसैन को IPL टीम KKR ने 20 लाख रुपए में खरीदा था। खेलने के लिए मां ने गिरवी रखे थे अपने गहने साकिब सदर प्रखंड के दरगाह मोहल्ले में रहते हैं। उनके पिता अली अहमद हुसैन पेशे से मजदूर हैं। साकिब बताते हैं कि ‘घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मेरे पास गेंदबाजी करने के लिए खास जूते तक नहीं थे। तब खेलने के लिए मां ने अपने गहने गिरवी रखे थे। शुरुआती दिनों में मेरा सपना क्रिकेट नहीं, बल्कि आर्मी में जाने का था। शहर के मिंज स्टेडियम में मैं दौड़ने जाता था, जहां खिलाड़ियों को देखकर मेरा भी मन क्रिकेट खेलने की तमन्ना जागी।’ इंटर तक पढ़ाई करने के बाद साकिब ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए। गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में देवधारी गिरी टूर्नामेंट में उन्हें खेलने का मौका भी मिला। इसमें उनका बॉलिंग के लिए चयन हुआ। इसके बाद 2021 में पटना में होने वाले बिहार क्रिकेट लीग में शामिल हुए। फिर अंडर-19 खेलने चंडीगढ़ चले गए, जिसमें वह हाईएस्ट विकेट टेकर रहे। धोनी ने की थी साकिब की तारीफ साकिब चेन्नई सुपर किंग्स के नेट बॉलर भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें महेंद्र सिंह धोनी से मिलने का मौका मिला। साकिब ने अपनी बॉलिंग को लेकर धोनी से राय ली। इस पर धोनी ने कहा, ‘अच्छा हो रहा है, तुम में अच्छा टैलेंट है। तुम ऐसे ही करते रहो। बस मेहनत करते रहो, सिलेक्शन तुम्हारे हाथ में नहीं है।’ साकिब धोनी को अपना आइडल भी मानते हैं। अब पढ़िए औरंगाबाद के 25 साल के बिपिन सौरभ की कहानी औरंगाबाद के सत्येंद्र नगर में जन्मे बिपिन सौरभ भी ऑक्शन की लिस्ट में शामिल हैं। रणजी टीम में बेहतर करते ही बिपिन सौरभ के लिए IPL का दरवाजा खुल गया। बिपिन सौरभ विकेटकीपर और बैट्समैन हैं। मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले बिपिन के पिता संतोष कुमार सिंह निजी स्कूल चलाते हैं। वहीं, मां शिव कुमारी देवी गृहिणी हैं। 25 साल के बिपिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत आज से 11 साल पहले की थी। खेलने वाले बच्चों को मिलती थी ज्यादा इज्जत बिपिन ने बताया कि ‘मेरे पापा के स्कूल में जिला लेवल के क्रिकेट खेलने वाले बच्चे भी पढ़ते थे। मैं देखता था कि खेलने वाले बच्चे, जो अच्छा करते थे उन्हें एक अलग रिस्पेक्ट मिलती थी। उन्हें अच्छी नजर से देखा जाता था। मुझे भी वो इज्जत चाहिए थी।’ बिपिन ने आगे बताया कि ‘मैं स्कूल के बच्चों के साथ ही मैदान में खेलता था। तभी से क्रिकेट की आदत लग गई। मैंने उनसे रिक्वेस्ट की थी कि मेरे क्रिकेट खेलने के लिए पापा को मना लें, ताकि मेरा क्रिकेट अकादमी में एडमिशन हो जाए। पापा ने कभी मुझे खेलने के लिए मना नहीं किया, लेकिन उन्होंने पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करने को कहा। उनका कहना था कि शाम में मैं जाकर खेल लूं और फिर आकर पढ़ाई करूं।’ बिपिन ने आगे बताया कि ‘जब मैं मैट्रिक के एग्जाम के करीब था, तब मेरी पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह से छूट गई थी, क्योंकि मेरा फोकस क्रिकेट पर ज्यादा हो गया था। उस वक्त पापा ने मुझे ध्यान देने को कहा, क्योंकि तब आर्थिक तंगी आ गई थी। मेरे पापा ने दूसरे को एक फ्रॉड केस में बचाने के लिए अपनी सेविंग्स खत्म कर दी थी। करीब 20 लाख रुपए का नुकसान हुआ था। इसके बाद पापा स्कूल तो चला रहे थे, लेकिन फाइनेंशली मजबूत नहीं हो पा रहे थे। उन्होंने घर की जमीन तक बेच दी थी।’ क्रिकेट में करियर बनाने के लिए निकल गए दिल्ली बिपिन मैट्रिक के एग्जाम से पहले ही 14 साल की उम्र में दिल्ली निकल गए थे। उन्होंने कहा कि मैं ‘अपना क्रिकेट में करियर बनाने के लिए पापा से रिक्वेस्ट करके दिल्ली चला गया, क्योंकि बिहार में क्रिकेट को लेकर उतना स्कोप नहीं था। जब मैं दिल्ली गया तो वहां भी पता चला कि बिना किसी के सपोर्ट के क्रिकेट नहीं खेल सकता। वहां लीग मैच खेलने के लिए भी 25 हजार रुपए देने पड़ते हैं। मेरे पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए मैंने लीग मैच नहीं खेला।’ एकेडमी फीस भरने के लिए काटी थी घास दिल्ली जाने के बाद बिपिन ने अलग-अलग एकेडमी और ग्राउंड पर प्रैक्टिस की। बिपिन ने बताया कि 'हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि एकेडमी की फीस भर पाए। एकेडमी की फीस देने के लिए जिस मैदान में प्रैक्टिस करते थे, उसी में काम करना शुरू किया। यहां हमने विकेट पर रोलिंग और घास काटने का भी काम किया। एक दिन दिग्गज क्रिकेटरों के फिटनेस ट्रेनर और थ्रो ऑर्मर रहे रामाशंकर की नजर हम पर पड़ी, उन्होंने अपना शिष्य बना लिया। इसके बाद बेहतरीन ट्रेनिंग मिलने लगी।' बिपिन रणजी मैच, हेमन ट्रॉफी मैच में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। पटना के हिमांशु को टीवी देखकर चढ़ा क्रिकेट का खुमार पटना के बिक्रम में जन्मे हिमांशु सिंह को टीवी देखकर क्रिकेट का खुमार चढ़ा। उन्होंने कहा कि ‘बचपन में टीवी पर क्रिकेट देखकर मुझे इसका जुनून छाया। मुझे क्रिकेट देखना काफी अच्छा लगता था। वीरेंद्र सहवाग मेरे मनपसंद प्लेयर हुआ करते थे। स्कूल में 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया। मैं जहां से आता हूं वहां क्रिकेट बहुत कम लोग खेलते हैं। इसलिए मुझे इसके बारे में सही दिशा दिखाने वाला कोई नहीं था। फिर एक दोस्त की नसीहत पर मैं बिहार से बाहर गया।’ दिल्ली के सरोजनी मार्केट से खरीदा अपना पहला क्रिकेट बैट हिमांशु ने आगे बताया कि ‘मैं दिल्ली में दोस्तों के साथ रूम लेकर रहा। खाना बनाना नहीं आता था तो वो भी सीखा। शुरुआत में एकेडमी ढूंढने में काफी परेशानी हुई। दिल्ली के सरोजनी मार्केट से मैंने अपना पहला क्रिकेट बैट 1500 रुपए में खरीदा था।’ ‘घर में किसी ने भी क्रिकेट खेलने के लिए मुझे मना नहीं किया। इसमें मुझे अपने बड़े भाई से काफी सपोर्ट मिला है। मेरे पापा सुदामा सिंह किसान हैं और मां हिमांती देवी गृहिणी हैं। मेरे दो बड़े भाई हैं, जो सरकारी टीचर हैं। हालांकि, आस-पड़ोस के लोग ताना जरूर मारते थे। वे कहते थे कि 'क्रिकेट खेलने गया है, लेकिन खेल थोड़ी लेगा। क्रिकेटर बनना इतना आसान नहीं है।' 2014 हिमांशु के जीवन का टर्निंग पॉइंट रहा, जब उन्होंने झारखंड से अपना पहला स्टेट मैच खेला था। --------------------- IPL ऑक्शन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... IPL मेगा ऑक्शन का आज पहला दिन:204 स्लॉट्स पर 577 प्लेयर बिकेंगे; राहुल-पंत पर लग सकती है सबसे बड़ी बोली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन से पहले आज और कल मेगा ऑक्शन होगा। सऊदी अरब के जेद्दा में इंडियन टाइमिंग के अनुसार दोपहर 3.00 बजे से नीलामी की शुरुआत होगी। घरेलू और इंटरनेशनल क्रिकेट के 574 प्लेयर्स पर IPL की 10 फ्रेंचाइजी टीमें बोली लगाएंगी। टीमों के पास कुल 204 प्लेयर्स के लिए जगह खाली हैं। प्लेयर्स रिटेंनशन के बाद 10 टीमों में पंजाब किंग्स के पर्स में सबसे ज्यादा पैसे बचे हैं। 10 सवालों में जानिए मेगा ऑक्शन के बारे में सब कुछ...पूरी खबर पढ़ें।

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