अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड बोलीं-भारत में PAK समर्थित हमले इस्लामी आतंक:इससे अमेरिका समेत कई देशों को खतरा, ट्रम्प इससे लड़ रहे

अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की हेड तुलसी गबार्ड ने भारत में लगातार हो रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमलों को इस्लामी आतंक बताया है। सोमवार को न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा- ये आतंक भारत और अमेरिका समेत कई मिडिल ईस्ट देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मुस्लिम आतंकवाद से निपटने के अपने वादे पर कायम हैं। तुलसी रायसीना डायलॉग में शामिल होने के लिए भारत आई हैं। तुलसी बोलीं- इस्लामी आतंक से अमेरिका को भी खतरा तुलसी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस्लामी आतंक से लड़ने के अपने वादे को लेकर बहुत क्लियर हैं। इस आतंक ने हमें घेर लिया है और लगातार अमेरिकी लोगों पर खतरा बना हुआ है। ये भारत, बांग्लादेश में लोगों को प्रभावित करता रहा है और मौजूदा समय में सीरिया, इजराइल और मिडिल ईस्ट के कई देशों में लोगों पर असर डाल रहा है। मुझे पता है पीएम मोदी इस खतरे को बहुत गंभीरता से लेते हैं। दोनों नेता इस खतरे को पहचानने और इसे हराने के लिए मिलकर काम करेंगे। अध्यात्म, गीता और भारत पर तुलसी की 3 मुख्य बातें… अमेरिका की पहली हिंदू सांसद रही हैं तुलसी गबार्ड तुलसी गबार्ड अमेरिका की पहली हिंदू सांसद रही हैं। गबार्ड ने 22 साल की उम्र में हवाई से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह 4 बार डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद रहीं। तुलसी पहले बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता थीं। उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिपब्लिकन पार्टी जॉइन कर ली थी। चुनाव जीतने के बाद ट्रम्प ने उन्हें नेशनल इंटेलिजेंस की चीफ बनाया। वो CIA समेत 18 सीक्रेट एजेंसियों की हेड हैं। राजनीति छोड़ न्यूज चैनल जॉइन कर लिया था राजनीति छोड़ न्यूज चैनल का हिस्सा बनीं तुलसी 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं। बाद में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन की जगह बर्नी सेंडर्स का समर्थन किया था। वह 2020 में भी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी की दौड़ में शामिल रहीं। बाद में उन्होंने बाइडेन का साथ दिया। 2022 में पार्टी छोड़ने के बाद तुलसी ने फॉक्स न्यूज को जॉइन कर लिया था। वह वहां कई शो में को-होस्ट के तौर पर नजर आईं। तुलसी ने 2022 के चुनाव में कई रिपब्लिकन उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। भारतवंशी नहीं हैं तुलसी गबार्ड तुलसी को उनके नाम की वजह से कई बार भारतवंशी कहा जाता है। हालांकि वे भारतवंशी नहीं हैं। वे खुद कई बार ऐसा कह चुकी हैं। तुलसी का जन्म एक समोअन अमेरिकी परिवार में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक थे। मां भी ईसाई थी जिन्होंने बाद में हिंदू धर्म अपना लिया। तुलसी भी पहले ईसाई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर मोदी का पॉडकास्ट शेयर किया:मोदी ने इंटरव्यू में कहा था- ट्रम्प ने मेरे लिए प्रोटोकॉल तोड़े, हमारे बीच अटूट भरोसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर भारत के पीएम मोदी का पॉडकास्ट इंटरव्यू शेयर किया है। ये इंटरव्यू अमेरिकन यूट्यूबर लेक्स फ्रिडमैन ने लिया था। इसे रविवार को लाइव किया गया। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ट्रम्प की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि ट्रम्प और मेरे बीच विश्वास का अटूट रिश्ता है। हम आमने सामने भले ही न मिलें पर हमारा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कनेक्शन होता रहता है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 17, 2025 - 20:59
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अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड बोलीं-भारत में PAK समर्थित हमले इस्लामी आतंक:इससे अमेरिका समेत कई देशों को खतरा, ट्रम्प इससे लड़ रहे
अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की हेड तुलसी गबार्ड ने भारत में लगातार हो रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकी

अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड बोलीं - भारत में PAK समर्थित हमले इस्लामी आतंक: इससे अमेरिका समेत कई देशों को खतरा, ट्रम्प इससे लड़ रहे

भारत में पाकिस्तान समर्थित हमलों पर अमेरिकी इंटेलिजेंस के प्रमुख की टिप्पणी ने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को एक नया मोड़ दिया है। यह बयान इस्लामी आतंकवाद के बढ़ते खतरे और इसके वैश्विक प्रभाव का संकेत देता है। अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड ने स्पष्ट किया कि इन हमलों का अमेरिका समेत अनेक देशों पर संभावित नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इस्लामी आतंकवाद का बढ़ता खतरा

इस्लामी आतंकवाद ने पिछले कुछ वर्षों में भारत और अन्य देशों में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस खतरे का मुकाबला करने के लिए अपनी नीतियों को लागू कर रहे हैं। अमेरिका का उद्देश्य न केवल अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, बल्कि अन्य देशों को भी इस जटिल समस्या के समाधान में मदद करना है।

भारत और अमेरिका के संबंध

भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंधों की मजबूती इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के लिए यह जरूरी है कि वे मिलकर आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखें। अमेरिका द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा सहायता हिंदुस्तान के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर सकती है। इसके अलावा, यह सहयोग दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा।

सबसे महत्वपूर्ण बातें

अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड ने ऐसे समय में यह बयान दिया है जब दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। PAK समर्थित आतंकी गतिविधियाँ न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय हैं। ट्रम्प प्रशासन ने ऐसी चुनौतियों का सामना करना सीखा है और वह इसे गंभीरता से ले रहा है।

इस संदर्भ में, भारत को चाहिए कि वह अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करे और अमेरिका के साथ सहयोग में और अधिक सक्रियता दिखाए।

इसके साथ ही, भारत को चाहिए कि वह आतंकवाद के इस खतरे के खिलाफ अपने पड़ोसी देशों के साथ भी संवाद बढ़ाए।

निष्कर्ष

अमेरिकी इंटेलिजेंस और भारत के सुरक्षा बलों का सहयोग इस क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है। इनके बीच आपसी समझ और प्रयासों से वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार किया जा सकता है।

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