चंडीगढ़ पीजीआई का डेटा ऑपरेटर गिरफ्तार:आयुष्मान योजना में करोड़ों का घोटाला, हिमकेयर तक पहुंची जांच, पहले भी हुई थी एक की गिरफ्तारी

चंडीगढ़ पीजीआई में आयुष्मान योजना के कैशलेस इलाज में हुए करोड़ों के घोटाले और धोखाधड़ी की जांच अब हिमकेयर योजना तक पहुंच गई है। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने इस मामले में हिमकेयर के डेटा ऑपरेटर कपिल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने बलराम नामक आरोपी को पकड़ा था, जिसकी गिरफ्तारी के बाद केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था। शुरुआत में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा कर दवाएं और सर्जिकल सामान निकालने का मामला सामने आया था। हिमकेयर का डेटा ऑपरेटर भी घोटाले में शामिल बलराम ने कहा घोटाले में हिमकेयर का डेटा ऑपरेटर कपिल भी शामिल था। अगर हिमकेयर योजना में भी घोटाले की पुष्टि होती है, तो हिमाचल प्रदेश सरकार को इस योजना के मॉड्यूल में बदलाव करना पड़ सकता है। पहली बार पीजीआई कर्मचारी की भूमिका आई सामने पुलिस जांच में सामने आया कि कपिल नेहरू अस्पताल में हिमकेयर योजना के काउंटर पर बतौर डेटा ऑपरेटर काम करता था। यह पहली बार है जब पीजीआई के अंदर काम करने वाले कर्मचारी की इस घोटाले में संलिप्तता सामने आई है। इससे पहले गिरफ्तार किया गया आरोपी बलराम पीजीआई का कर्मचारी नहीं था। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस जांच कर रही है कि कपिल और बलराम सिर्फ आयुष्मान योजना में गड़बड़ी कर रहे थे या हिमकेयर योजना में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। क्राइम ब्रांच यह भी पता लगा रही है कि इस पूरे रैकेट में कितने का घोटाला हुआ और कपिल किस तरह बलराम की मदद करता था।

Mar 17, 2025 - 14:00
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चंडीगढ़ पीजीआई का डेटा ऑपरेटर गिरफ्तार:आयुष्मान योजना में करोड़ों का घोटाला, हिमकेयर तक पहुंची जांच, पहले भी हुई थी एक की गिरफ्तारी
चंडीगढ़ पीजीआई में आयुष्मान योजना के कैशलेस इलाज में हुए करोड़ों के घोटाले और धोखाधड़ी की जांच अ

चंडीगढ़ पीजीआई का डेटा ऑपरेटर गिरफ्तार: आयुष्मान योजना में करोड़ों का घोटाला

चंडीगढ़ पीजीआई का एक डेटा ऑपरेटर हाल ही में आयुष्मान योजना में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब जांच एजेंसियों ने हिमकेयर तक पहुंचकर इस घोटाले की गहराई का पता लगाने का निर्णय लिया। इस घोटाले से जुड़ा पहला मामला पहले भी सामने आया था, जिसमें एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई थी। यह मामले स्वास्थ्य विभाग के भीतर गहनतम जांच के लिए एक संकेत है।

घोटाले का विवरण

आयुष्मान भारत योजना, जो भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है, अब गंभीर धोखाधड़ी के मामले में शामिल हो गई है। जांच में सामने आया है कि डेटा ऑपरेटर ने अस्पतालों से जुड़े फर्जी दस्तावेजों का निर्माण किया था, जिससे कई लाभार्थियों को धोखे से आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। यह योजना गरीब और असमर्थ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाई गई थी, और अब इस मामले ने इसकी विश्वसनीयता को सवालों के घेरे में ला दिया है।

जांच एजेंसियों की कार्रवाई

हिमकेयर द्वारा जांच शुरू होने के बाद से कई अन्य संदिग्धों की पहचान की गई है। चंडीगढ़ पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई की है। डेटा ऑपरेटर की गिरफ्तारी से यह भी साबित होता है कि प्रशासन किसी भी प्रकार की अनियमितता को सहन नहीं करेगा। अधिकारियों ने बयान दिया है कि जांच को जल्द से जल्द समाप्त करके न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

पहले की गिरफ्तारी का असर

इससे पहले हुई गिरफ्तारी ने सबको चौका दिया था, और इस नए गिरफ्तार व्यक्ति की गिरफ्तारी ने अनियमितताओं के अन्य मामलों को भी उजागर किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस घोटाले की गंभीरता को समझते हुए अन्य संदिग्धों का भी स्कैन करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार की घटनाएं स्वास्थ्य क्षेत्र में सिस्टम की मजबूती के लिए एक आवश्यक जरूरत हैं।

समापन विचार

यह मामला न केवल चंडीगढ़ क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता पर प्रश्न उठाता है। आयुष्मान योजना का पूरा उद्देश्य ही गरीबों को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना था, और यह घोटाला इस उद्देश्य को गंभीर रूप से कमजोर करता है। हम सभी को इस प्रकार के मामलों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए ताकि समाज में बीमारी, धोखाधड़ी और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रह सके।

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