अलीगढ़ में बनी मूर्तियों ने चीन में बिखेरी चमक:चीन के बसंत उत्सव के लिए मिला था भगवान बुद्ध की मूर्तियों का ऑर्डर, 60 मूर्ति हुई थी एक्सपोर्ट
चीने के बसंत उत्सव में अलीगढ़ में तैयार की गई भगवान बुद्ध की मूर्तियां अपनी छठा बिखेरी। चीन से मिले ऑर्डर के बाद इसे अलीगढ़ में तैयार किया गया था और यहां से एक्सपोर्ट कर दिया गया है। जिसके बाद चीन में इसे काफी पसंद भी किया गया। बताया गया कि चीन में इन मूर्तियों की काफी डिमांड रहती है। अलीगढ़ के कारोबारी को इसके लिए ऑर्डर मिला था। जिसके बाद विशेष रूप से तैयार किया गया था। इन मूर्तियों को अष्टधातु औ पीतल से तैयार किया गया है, जिससे कि इनकी चमक और गुणवत्ता सबसे अलग रहे। यह मूर्तियां चीन के बसंत उत्सव (चीन का नव वर्ष) के लिए तैयार की गई थी। जो हर साल विशेष रूप से मनाया जाता है। चीने से मिला था 60 मूर्तियों का ऑर्डर अलीगढ़ के हार्डवेयर कारोबारी कोमल कटारा ने बताया कि चीन के बसंत उत्सव के लिए भगवान बुद्ध की मूर्तियों का ऑर्डर मिला था। यह बसंत उत्सव 29 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक मनाया गया था। इसके लिए विशेष रूप से 6 महीने पहले ऑर्डर मिला था। ऑर्डर मिलने के बाद अलीगढ़ में भगवान बुद्ध की 60 मूर्तियां तैयार की गई थी। इसमें अष्टधातु की 10 मूर्तियां बनाई गई थी, जिनकी ऊंचाई 2 फुट थी औन इनका वजन 22 किलो था। इसके अलावा 6.5 इंच की 50 छोटी मूर्तियां भी तैयार की गई थी। छोटी मूर्तियों को उत्सव में शामिल होने वाले अतिथियों को उपहार के रूप में दिया गया। पहली बार मंगाई थी बड़ी मूर्ति कारोबारी ने बताया कि चीन में भगवान बुद्ध की मूर्तियों की डिमांड हमेशा रहती है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि बड़े आकार की मूर्तियों का आर्डर मिला है। उन्होंने बताया कि इस ऑर्डर को अनुभवी कारीगरों से तैयार कराया गया था। जिससे कि भारत की अलग पहचान बनाई जा सके। भगवान बुद्ध की मूर्तियों को अष्टधातु से तैयार किया गया था। इसकी बेहतर फिनिशिंग के बाद ही इसमें विशेष चमक आती है, जो सबसे अलग होती है। इसीलिए स्पेशलिस्ट कारीगरों से इन मूर्तियों को तैयार करके चीन में भेजा गया। जिसके बाद वहां से काफी बेहतर रिस्पांस आया है। चीन का बसंत महोत्सव खत्म हो चुका है और इन मूर्तियों को वहां काफी सराहा गया।

अलीगढ़ में बनी मूर्तियों ने चीन में बिखेरी चमक
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भगवान बुद्ध की मूर्तियों का खास ऑर्डर
हाल ही में अलीगढ़ की कारीगारी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना नाम रोशन किया है। बौद्ध धर्म के प्रतीक और शांति के प्रतिनिधि भगवान बुद्ध की मूर्तियों को चीन के बसंत उत्सव के लिए खास तौर पर ऑर्डर किया गया था। अलीगढ़ के कुशल शिल्पकारों ने इस विशेष मांग को पूरी करने के लिए मेहनत की और 60 अद्भुत मूर्तियों का निर्माण किया।
मूर्तियों का निर्माण और डिज़ाइन
इन मूर्तियों की विशेषताओं में उनकी बारीक कारीगरी और गहराई से की गई कास्थ का काम शामिल है। अलीगढ़ की पारंपरिक मूर्तिकला ने इन मूर्तियों को न केवल सौंदर्य दिया है बल्कि हर मूर्ति में एक कहानी कहने का प्रयास किया गया है। ये मूर्तियाँ चीन में न केवल एक धार्मिक प्रतीक बनकर उभरी हैं बल्कि संस्कृति का भी प्रतीक बन गई हैं।
चीन में मूर्तियों का स्वागत
चीन में बसंत उत्सव पर इन मूर्तियों का स्वागत शानदार अंदाज में किया गया। वहां के लोगों और अधिकारियों ने अलीगढ़ से आने वाली इन मूर्तियों की सराहना की। मूर्तियों का निर्यात केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भारतीय कला और संस्कृति के प्रति चीन की अभिरुचि को भी दर्शाता है।
उद्योग के लिए नव संजीवनी
इस प्रकार के ऑर्डर से न केवल अलीगढ़ की मूर्तिकला का महत्व बढ़ा है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के लिए भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। यह प्रयास भारतीय उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक बड़ी संजीवनी है।
भविष्य की संभावनाएँ
अलीगढ़ की इस सफलता के बाद, उम्मीद की जा रही है कि कई अन्य देशों से भी ऐसे ऑर्डर आएंगे। इसके अलावा, यह अवसर कारीगरों को नई तकनीकियों और डिज़ाइन विचारों को अपनाने का भी प्रेरणा देगा, जो कि उन्हें और ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
निष्कर्ष
संक्षेप में, अलीगढ़ में बनी भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती हैं, बल्कि विश्व स्तर पर भारतीय शिल्पकारों की योग्यता को भी साबित करती हैं। इसके परिणामस्वरूप, व्यावसायिक वृद्धि और सांस्कृतिक समृद्धि के नए आयाम खुलते हैं।
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