अवैध अप्रवासियो को ढूंढने गुरुद्वारों में पहुंची अमेरिकी पुलिस:विरोध में सिख संगठन, कहा- इससे हमारे धर्म की पवित्रता को नुकसान
अमेरिका डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद बड़े पैमाने अवैध अप्रवासियों को ढूंढ ढूंढ कर डिपोर्ट किया जा रहा है। इसके लिए अमेरिकी सुरक्षा विभाग (होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट) ने आज यानी सोमवार को न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के कुछ गुरुद्वारों की जांच शुरू की है। इस पर सिख संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। इनका कहना है कि ऐसी गतिविधियां उनके धर्म की पवित्रता को नुकसान पहुंचाती है। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDF) की निदेशक किरण कौर गिल ने कहा- हम होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के उस फैसले से बहुत परेशान हैं, जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा खत्म कर दी गई है और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया है। गुरुद्वारे भोजन, आवास और आध्यात्मिक शांति देते हैं SALDF ने कहा कि गुरुद्वारे सिर्फ पूजा स्थल नहीं हैं; वे सामुदायिक केंद्र हैं जो सिखों और दूसरे समुदाय के लोगों को आवास, भोजन और आध्यात्मिक शांति देते हैं। इन स्थानों को कार्रवाई करने से हमारी आस्था की पवित्रता को खतरे में पड़ती है। सिख संगठन ने कहा कि यह सोचना कि हमारे गुरुद्वारों पर सरकारी निगरानी हो सकती है और वारंट के साथ या बिना वारंट के हथियारों के साथ छापे मारे जा सकते हैं, यह हमारी सिख परंपरा के लिए स्वीकार नहीं है। अपराधी अब स्कूलों और चर्चों में नहीं छिप सकते होमलैंड डिपार्टमेंट ने इसे लेकर X पर लिखा- आज पूरे न्यू जर्सी में तलाशी अभियान शुरू किया गया है, ताकि अमेरिकी इमिग्रेशन कानून को लागू किया जा सके। इससे खतरनाक विदेशी अपराधियों को हमारे समाज से बाहर करके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया बनाया जाएगा। होमलैंड सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा- यह कार्रवाई पुलिस के बहादुर सिपाहियों को इमिग्रेशन कानून को लागू करने में मदद करती है। इससे हमारे सिपाही मजबूती के साथ विदेशी अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई कर सकते हैं, इनमें हत्यारे और बलात्कारी भी शामिल हैं, जो अवैध रूप से हमारे देश में आ गए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अपराधी अब गिरफ्तारी से बचने के लिए अमेरिका के स्कूलों और चर्चों में नहीं छिप सकते। ट्रम्प प्रशासन हमारे बहादुर अधिकारियों के हाथ नहीं बांधेगा, बल्कि उन पर भरोसा करेगा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रम्प ने जारी किया आदेश ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने, उन्हें डिपोर्ट करने और जन्मजात नागरिकता (बर्थराइट सिटीजनशिप) को खत्म करने को लेकर भी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया है। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय कितने हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि पिछले साल होमलैंड सुरक्षा विभाग के एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया था कि 2022 तक अमेरिका में करीब 2 लाख 20 हजार भारतीय अवैध रूप से रह रहे थे। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक अमेरिका में दुनिया के सबसे ज्यादा अप्रवासी हैं। दुनिया के कुल 20% अप्रवासी अमेरिका में ही रहते हैं। 2023 तक यहां रहने वाले अप्रवासियों की कुल संख्या 4.78 करोड़ थी। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसकर अपराध करते हैं। -------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... ट्रम्प की टैरिफ धमकी के बाद पलटा कोलंबिया:अवैध प्रवासियों को लेने प्लेन भेजेगा; ट्रम्प ने 25% टैरिफ लगाया कोलंबिया ने अमेरिका से निकाले गए अवैध प्रवासियों को देश में लाने का फैसला किया है। कोलंबिया अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए सेंट्रल अमेरिकी देश होंडुरास में प्लेन भेजेगा। इससे पहले कोलंबिया ने अवैध प्रवासियों को लेकर आ रहे दो अमेरिकी सैन्य विमानों के देश में लैंड नहीं होने दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर...

अवैध अप्रवासियों को ढूंढने गुरुद्वारों में पहुंची अमेरिकी पुलिस: विरोध में सिख संगठन
हाल ही में, अमेरिकी पुलिस ने अवैध अप्रवासियों की खोज में गुरुद्वारों का दौरा करने का निर्णय लिया है। इस कदम ने सिख संगठनों में चिंता और विरोध पैदा कर दिया है। सिख समुदाय का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई उनके धर्म की पवित्रता को खतरे में डाल रही है। पुलिस के इस कदम को देखते हुए कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
सिख समुदाय का विरोध
सिख संगठनों का कहना है कि गुरुद्वारे एक पवित्र स्थान हैं और इनका इस्तेमाल धार्मिक मामलों में ही होना चाहिए। उनका मानना है कि पुलिस का इस जगहों पर जाना केवल कानून के उल्लंघन जैसी स्थिति उत्पन्न करता है। इस मुद्दे पर कई सिख नेता एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि अमेरिका में सिखों का सम्मान और उनके धार्मिक स्थलों का संरक्षण जरूरी है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी पुलिस ने कहा है कि उनका उद्देश केवल अवैध गतिविधियों की रोकथाम है और वे किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक स्थल का अपमान नहीं करना चाहते। पुलिस का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अवैध अथवा संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है, तो उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होना आवश्यक है।
समुदाय में चिंता
सिख समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि इससे उनके युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कई सिख परिवारों ने इस कार्रवाई के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए हैं और पुलिस से यह अपील की है कि धार्मिक स्थल की पवित्रता का सम्मान किया जाए।
इस मुद्दे पर सामुदायिक बैठकें किया जा रहा है ताकि सिखों की आवाज को मजबूती दी जा सके। इसके अलावा, कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की है।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस स्थिति में दोनों पक्षों को एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की जरूरत है। यदि सिख समुदाय और पुलिस के बीच संवाद बढ़ता है, तो संभवतः इस संवेदनशील मुद्दे का समाधान निकाला जा सकेगा।
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