जुकरबर्ग बोले-पाकिस्तान में मुझे मौत की सजा होने वाली थी:ईशनिंदा का आरोप था, फेसबुक यूजर की पोस्ट से छिड़ा था विवाद
फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाए जाने वाली थी। यूट्यूब इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा कि किसी यूजर ने फेसबुक पर प्रोफेट मोहम्मद की तस्वीर पोस्ट की थी, जिसे लेकर उनके खिलाफ पाकिस्तान में मुकदमा दायर किया। हालांकि जुकरबर्ग ने यह नहीं बताया कि यह घटना किस साल हुई थी। इस मामले में पाकिस्तानी सरकार ने ईशनिंदा के लिए जकरबर्ग को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने की मांग की गई थी। जुकरबर्ग का कहना है कि उनका पाकिस्तान जाने कोई इरादा नहीं था, हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंता जरूर थी। यह खुलासा ऐसे वक्त में हुआ है जब मेटा (फेसबुक की पैरेंट कंपनी) और पाकिस्तानी सरकार के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। पाकिस्तान में फेसबुक पर आरोप है कि वह देश के ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री की अनुमति दे रहा है। जुकरबर्ग ने बताया कि दुनिया में कई जगहों पर अभिव्यक्ति की आजादी के मूल्य हमारे मूल्यों से काफी अलग हैं। ये देश चाहते हैं कि हम उन चीजों पर कार्रवाई करें और और प्रतिबंध लगाएं जो उनके यहां मान्य नहीं हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा तक का प्रावधान पाकिस्तान में दुनिया का सबसे कड़ा ईशनिंदा कानून है। यहां पर कुरान या पैगम्बर का अपमान करने पर आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है। हालांकि मौत की सजा सुनाए जाने के बावजूद देश में किसी को फांसी नहीं मिली है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक 1990 के बाद से अब तक 80 से ज्यादा लोगों को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने मार डाला है। कई बार ऐसा होता है जब कुरान या पैगम्बर के अपमान करने की अफवाह मात्र से किसी भी जगह पर हजारों लोगों की भीड़ जुट जाती है और आरोपी पर हमला बोल देती है। पाकिस्तान में हाल के कुछ समय में ईशनिंदा के चर्चित मामले जून 2024ः पाकिस्तान में बीते गुरुवार को गुस्साई भीड़ ने एक व्यक्ति को कुरान के अपमान करने के आरोप में जिंदा जला दिया था। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा के स्वात जिले के मदयान इलाके की है। मारे गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद इस्माइल था, जो वहां पर घूमने आया था। मई 2024: पंजाब प्रांत के सरगोधा इलाके में एक भीड़ ने ईसाई शख्स पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया और उसके घर और फैक्ट्री में आग लगा दी। लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में उस शख्स को बुरी तरह पीटा। कुछ दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मई 2023: खैबर पख्तूनख्वा में पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी PTI की एक रैली के दौरान ईशनिंदा के आरोप में एक व्यक्ति की हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। उस शख्स का गुनाह ये था कि उसने इमरान की तुलना पैगंबर मोहम्मद से कर दी थी। अप्रैल 2023: खैबर पख्तून इलाके में एक चीनी इंजीनियर को ईशनिंदा कानून के आरोप में हजारों लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उसकी जान बचाई और उसे गिरफ्तार कर लिया ताकि वो जिंदा बच पाए। बाद में इंजीनियर ने कहा कि वह मजदूरों से सख्ती से पेश आता था। इसलिए उसे जानबूझकर मारने की कोशिश की गई।

संक्षिप्त जानकारी
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में एक गंभीर बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्हें ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा होने वाली थी। यह विवाद एक फेसबुक उपयोगकर्ता की पोस्ट से उत्पन्न हुआ था, जिसने समग्र डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हलचल मचा दी। जुकरबर्ग ने इस मामले की गहराई में जाकर इसके प्रभावों को समझाया और इस प्रकार के मामलों पर चिंता जताई।
क्या है ईशनिंदा का मामला?
ईशनिंदा का मामला बहुत संवेदनशील होता है, खासकर मुस्लिम देशों में। जुकरबर्ग ने पाकिस्तान में चल रहे इस विवाद की बात की, जिसने न केवल उन्हें बल्कि फेसबुक को भी वैश्विक चिंता के केंद्र में ला दिया। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि एक उपयोगकर्ता की विवादित पोस्ट ने इस मुद्दे का कारण बना, जिसके नतीजे में उन्हें यह गंभीर खतरा महसूस हुआ।
जुकरबर्ग का बयान
मार्क जुकरबर्ग ने कहा, "मैंने इस अनुभव से सीखा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदारी को और अधिक गंभीरता से लेना चाहिए। यह केवल एक व्यक्तिगत लेख का मामला नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक संवेदनाओं से जुड़े बड़े मुद्दों का प्रतिनिधित्व करता है।" उनके मुताबिक, उनकी कंपनी को अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए अधिक कदम उठाने की जरूरत है।
सामाजिक मीडिया पर प्रभाव
यह घटना हमें दिखाती है कि कैसे सोशल मीडिया पर एक साधारण पोस्ट भी व्यापक रूप से गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। जुकरबर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि प्लेटफॉर्म की नीतियों को उपयोगकर्ताओं के लिए स्पष्ट और सुरक्षित होना चाहिए, ताकि ऐसे विवादों का दोबारा सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
इस विवाद ने फिर से यह साबित कर दिया है कि सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाएं ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर कितनी महत्वपूर्ण हैं। जुकरबर्ग का बयान एक महत्वपूर्ण चर्चा को प्रोत्साहित करता है कि कैसे हम सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं और इसके संभावित खतरों को कैसे संभालते हैं। Keywords: जुकरबर्ग पाकिस्तान में मौत की सजा, फेसबुक यूजर की पोस्ट विवाद, ईशनिंदा का आरोप, सोशल मीडिया विवाद, मार्क जुकरबर्ग बयान, पाकिस्तान में ईशनिंदा, फेसबुक विवाद, डिजिटल प्लेटफॉर्म सुरक्षा, सांस्कृतिक संवेदनाएं, फेसबुक नीति For more updates, visit indiatwoday.com.
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