आजमगढ़ में अहिल्याबाई होलकर के नाटक देवी का हुआ मंचन:28 प्रतिभागियों ने किया अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे दर्शक
आजमगढ़ जिले में भारतेंदु नाथ अकादमी लखनऊ और सूत्रधार संस्था आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में 30 दिवसीय प्रस्तुति पारकनाथ कार्यशाला का समापन हो गया। इस कार्यशाला का समापन अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित नाटक देवी का भावपूर्ण मंचन किया गया। वृंदावन लाल वर्मा के उपन्यास अहिल्याबाई के आंसू पर आधारित यह नाटक वरिष्ठ रंग कमी अभिषेक पंडित ने मानचित्र किया था। इसके साथ ही मुख्य प्रशिक्षक के रूप में ममता पंडित भी शामिल रही। इसके पूर्व भी आजमगढ़ जिले के रहने वाले वरिष्ठ रंग कमी अभिषेक पंडित और ममता पंडित ने कई नाटकों का चित्रण और मंचन किया है। 28 प्रतिभागियों ने की सहभागिता इस कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित और ममता पंडित ने बताया कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित प्रस्तुत किए गए नाटक में 28 प्रतिभागियों ने अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही नाटक का कथानक अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित था। इस नाटक में दिखाया गया कि एक साधारण परिवार की लड़की कैसे होलकर वंश की रानी बनती है। इसके साथ ही राष्ट्र और प्रजा के हित में अपना जीवन न्योछावर कर देती है। मंच पर बाल अहिल्या का जीवन उभरता है जहां होलकर राजा मल्हार राव बहादुर से प्रसन्न होकर उनके पिता मां से हाथ मांगते हैं। इस नाटक के माध्यम से पूरे घटना का मंचन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। जिन्होंने नाटक का आनंद लिया।
आजमगढ़ में अहिल्याबाई होलकर के नाटक देवी का हुआ मंचन
आजमगढ़ में हाल ही में नाटक "देवी" का मंचन किया गया, जो कि अहिल्याबाई होलकर की जीवन गाथा पर आधारित है। इस नाटक में कुल 28 प्रतिभागियों ने अपनी अभिनय कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। दर्शकों की बड़ी संख्या ने इस अद्भुत नाटक का आनंद लिया।
प्रतिभागियों का अभिनय
इस नाटक में शामिल सभी कलाकारों ने अपने-अपने पात्रों को जीवंत किया और दर्शकों को एक अद्भुत नाटकीय अनुभव दिया। नाटक में अपने अभिनय कौशल और समर्पण के जरिए प्रतिभागियों ने यह साबित किया कि वे अपनी कला के प्रति कितने गंभीर हैं। दर्शकों ने तालियों और सराहनाओं के जरिए कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
दर्शकों की संख्या
आजमगढ़ में इस नाटक के मंचन के लिए उपस्थित दर्शकों की संख्या ने आयोजकों को प्रसन्न किया। नाटक "देवी" ने दर्शकों को केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी देने का कार्य किया। आयोजकों का उद्देश्य था कि वे नाटक के माध्यम से अहिल्याबाई होलकर के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करें।
नाटक का सामाजिक संदर्भ
अहिल्याबाई होलकर एक महान महिला रानी थीं, जिन्होंने अपने शासनकाल में अनेक सामाजिक सुधार किए थे। नाटक के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया, जिससे लोगों को प्रेरणा मिली। यह नाटक न केवल इतिहास की जानकारी देता है, बल्कि सामाज में महिलाओं की भूमिका को भी उजागर करता है।
इस तरह के नाटकों का आयोजन आज के समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में सहायक होते हैं। इस नाटक ने आजमगढ़ में कला और संस्कृति के क्षेत्र में कई नए आयाम जोड़े।
आयोजकों का कहना है कि वे भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे, ताकि प्रतिभागियों को अपने कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता रहे।
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