ईरान से आर्मेनिया के रास्ते लौटेंगे भारतीय छात्र:इजराइल से टकराव के बीच 1500 स्टूडेंट्स फंसे; ईरान बोला- बॉर्डर खुले, विदेशी नागरिक जा सकते हैं
इजराइल से लगातार चौथे दिन जारी लड़ाई के बीच ईरान ने सोमवार को विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है। भास्कर को सूत्रों ने बताया कि भारत ने अपने छात्रों को निकालने के लिए ईरान में आर्मेनिया के राजदूत से बात की है। छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर पर नॉरदुज चौकी से बसों से निकाला जाएगा। ईरान में 1,500 स्टूडेंट्स सहित लगभग 10 हजार भारतीय फंसे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा हालात में देश के एयरपोर्ट भले ही बंद हैं, लेकिन लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं। विदेशी नागरिकों को ईरान छोड़ने से पहले राजनयिक मिशनों के जरिए ईरान के जनरल प्रोटोकॉल विभाग को अपना नाम, पासपोर्ट नंबर, गाड़ी डिटेल्स, देश से निकलने का समय और जिस बॉर्डर से जाना चाहते हैं, उसकी जानकारी पहले से देनी होगी। ईरान से कैसे लौटेंगे भारतीय छात्र ईरान के अलग-अलग शहरों से भारतीय छात्र आर्मेनिया से लगे नॉरदुज बॉर्डर पहुंचेंगे। यहां से इन्हें बस से आर्मेनिया के येरेवन एयरपोर्ट ले जाया जा सकता है। इसके बाद इन छात्रों को हवाई रूट से भारत लाया जाएगा। ईरान से भारतीय छात्रों को सीधे क्यों नहीं लाया जा रहा? इस वक्त ईरान और इजराइल के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हैं। कई शहरों में हमले हो चुके हैं और सुरक्षा का खतरा बना हुआ है। ऐसे में भारतीय छात्रों को सीधे ईरान से एयरलिफ्ट करना फिलहाल संभव नहीं है। इसके पीछे कुछ बड़ी वजहें हैं.... तेहरान में हालात बिगड़े, शहर छोड़कर भागने लगे लोग ईरान में बीते 3 दिनों से जारी इजराइली हमले से हालात काफी बिगड़ गए हैं। CNN के मुताबिक शहर के पेट्रोल पंपों पर कारों की लंबी-लंबी लाइनें लगने लगी हैं। लोग डरे हुए हैं और शहर छोड़कर बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ तेहरान में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। एक शख्स ने रॉयटर्स को बताया कि कई बार कतार में लगने के बाद भी पेट्रोल मिलना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि ईंधन की सप्लाई सीमित है। तेहरान के एक निवासी ने कहा कि लोगों के पास बमबारी से बचने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है। पूरे शहर में कोई शेल्टर नहीं है जहां लोग भागकर जान बचा सकें। बहुत से लोग उत्तर की ओर कैस्पियन सागर की ओर जा रहे हैं, जो अपेक्षाकृत शांत और दूरदराज का इलाका है, लेकिन रास्ते इतने जाम हो चुके हैं कि वहां पहुंच पाना भी मुश्किल हो गया है। इजराइल ने रविवार को चेतावनी दी थी कि जो लोग हथियार बनाने वाले इलाकों के पास रहते हैं, वे तुरंत वहां से निकल जाएं क्योंकि खतरा और बढ़ सकता है। ------------------------------------ इजराइल-ईरान संघर्ष से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.... इजराइल का ईरानी एयरस्पेस पर कंट्रोल का दावा: कहा- 30% मिसाइल लॉन्चर तबाह किए; आज ईरान की फॉरेन मिनिस्ट्री पर हमला किया, अब तक 224 मौतें इजराइल और ईरान के बीच 13 जून से संघर्ष जारी है। इजराइल ने सोमवार को दावा किया कि उसने ईरान के एयरस्पेस को पूरी तरह अपने काबू में कर लिया है। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पश्चिमी ईरान से लेकर राजधानी तेहरान तक आसमान पर इजराइली एयरफोर्स का कंट्रोल है। पूरी खबर यहां पढ़ें....

ईरान से आर्मेनिया के रास्ते लौटेंगे भारतीय छात्र: इजराइल से टकराव के बीच 1500 स्टूडेंट्स फंसे; ईरान बोला- बॉर्डर खुले, विदेशी नागरिक जा सकते हैं
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ईरान और इजराइल के बीच चल रहे टकराव के चलते, ईरान ने सोमवार को निर्णय लिया है कि वो विदेशी नागरिकों को अपने देश छोड़ने की अनुमति देगा। इस गतिरोध में भारत में पढ़ाई करने वाले लगभग 1500 छात्र भी फंसे हुए हैं। भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने ईरान में आर्मेनिया के राजदूत के माध्यम से अपने छात्रों को निकालने के लिए बातचीत की है।
ईरान के विदेशी मंत्रालय का बयान
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भले ही देश के एयरपोर्ट बंद न हों, लेकिन भूमि धाराओं के माध्यम से विदेशी नागरिकों को जाने की अनुमति है। छात्रों को ईरान से निकासी के लिए आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। उन्हें अपने नाम, पासपोर्ट नंबर, गाड़ी का विवरण और जाने का समय पहले से जमीन पर ईरान के जनरल प्रोटोकॉल विभाग को सूचित करना होगा।
छात्रों की सुरक्षित निकासी
भारतीय छात्रों को ईरान के विभिन्न शहरों से आर्मेनिया के नॉरदुज बॉर्डर तक पहुंचाया जाएगा। वहां से उन्हें बसों के जरिए आर्मेनिया के येरेवान एयरपोर्ट तक लाया जाएगा, जिसके बाद वे हवाई मार्ग से भारत लौटेंगे। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें संकट की स्थिति में सीधे ईरान से एयरलिफ्ट नहीं किया जाए।
तेहरान में स्थिति की गंभीरता
तेहरान में इजराइल द्वारा की जा रही लगातार बमबारी के चलते स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गई हैं, और लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में शहर छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। केवल तेहरान में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, ईरान के कई नागरिकों ने बताया है कि वे बमबारी से बचने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में हैं, लेकिन उन्हें कोई शेल्टर नहीं मिल पा रहा है।
इजराइल-ईरान संघर्ष का प्रभाव
इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष 13 जून से जारी है। इजराइल के डिफेंस फोर्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया है कि उन्होंने प्रमुख उन इलाकों में नियंत्रण प्राप्त कर लिया है जहां हथियार बनाए जाते हैं। संघर्ष की बढ़ती स्थिति ने भारत के छात्रों की सुरक्षा के लिए चिंता की स्थिति उत्पन्न कर दी है।
कम्युनिकेशन और सुरक्षा प्रोटोकॉल
इस स्थिति में, भारत के छात्रों को निकालने के लिए विस्तृत संचार और सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने की आवश्यकता है। ईरानी अधिकारियों के अनुसार, निकासी के लिए सभी जरूरतमंद जानकारी पहले से प्रदान करना आवश्यक है। भारत सरकार ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है और लगातार ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है।
निष्कर्ष
लेख की इस समाप्ति में यह स्पष्ट है कि इजराइल और ईरान के संघर्ष ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ईरानी अधिकारियों द्वारा की गई उद्घोषणा और भारत सरकार की गतिविधियों के बीच निकासी प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इस संकट की पूर्णता के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भविष्य में ऐसी स्थिति को रोकने की दिशा में भी विचार करने की आवश्यकता है।
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