बक्शा स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग:कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने किया रेल रोको आंदोलन का समर्थन, 2 लाख लोगों को होगा फायदा
बिहार में बक्शा ब्लॉक परिसर में चल रहे रेल रोको आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन मिला है। जिलाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने आज अमरनाथ साथी के नेतृत्व में चल रहे आमरण अनशन स्थल का दौरा किया। आंदोलनकारियों की मुख्य मांग है कि शटल ट्रेन, मेमू ट्रेन और फरक्का ट्रेन को सरायहारखूं या बक्शा स्टेशन पर रोका जाए। इससे आसपास के 100 से अधिक गांवों के करीब 2 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। डॉ. सिंह ने अनशनकारियों की मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. प्रभात विक्रम सिंह ने कहा कि यह जनहित की लड़ाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार मांगें नहीं मानेगी, आंदोलन जारी रहेगा। कार्यक्रम में शेर बहादुर सिंह, देवराज पांडेय, कृष्ण कुमार गुप्ता (बबलू), अरुण शुक्ला, चंद्रजीत गुप्ता, इरशाद खान और अखिलेश यादव सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बक्शा स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग: कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने किया रेल रोको आंदोलन का समर्थन, 2 लाख लोगों को होगा फायदा
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बिहार के बक्शा ब्लॉक परिसर में चल रहे रेल रोको आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन मिला है। जिलाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने आज अमरनाथ साथी के नेतृत्व में आमरण अनशन स्थल का दौरा किया। आंदोलनकारियों का मुख्य उद्देश्य यह है कि शटल ट्रेन, मेमू ट्रेन और फरक्का ट्रेन को सरायहारखूं या बक्शा स्टेशन पर रोका जाए, जिससे आसपास के 100 से अधिक गांवों के करीब 2 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे।
आंदोलन का उद्देश्य और प्रभाव
इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले स्थानीय निवासियों का मानना है कि अगर रेलवे की उपयुक्त ट्रेनें बक्शा स्टेशन पर रोकी जाती हैं, तो इससे न सिर्फ उनकी परिवहन की दिक्कतें हल होंगी, बल्कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने अनशनकारियों की मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है, जो इस आंदोलन की प्रमुख विशेषता है।
कांग्रेस का समर्थन
जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. प्रभात विक्रम सिंह ने कहा कि यह जनहित की लड़ाई है और जब तक सरकार आंदोलनकारियों की मांगें नहीं मानती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनके अनुसार, यह मुद्दा सिर्फ एक रेलवे ठहराव का नहीं है, बल्कि इसके पीछे स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारने का एक अहम पहलू है।
कांग्रेस नेताओं ने आंदोलनस्थल पर उपस्थित लोगों को भाषण देते हुए प्रेरित किया और आंदोलन को सफल बनाने की दिशा में कार्यकर्ताओं को सक्रिय रहने का निर्देश दिया। इस मौके पर शेर बहादुर सिंह, देवराज पांडेय, कृष्ण कुमार गुप्ता (बबलू), अरुण शुक्ला, चंद्रजीत गुप्ता, इरशाद खान और अखिलेश यादव सहित कई अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
आंदोलन की सामाजिक प्रासंगिकता
रेल रोको आंदोलन का एक पहलू यह भी है कि यह समुदाय में एकजुटता और संघर्ष की भावना को प्रकट करता है। जब स्थानीय लोग एकजुट होते हैं, तो उनकी आवाज को अनसुना करना मुश्किल हो जाता है। बक्शा स्टेशन पर ट्रेन के ठहराव की मांग को लेकर उठाया गया यह कदम वाकई में सभी सहायक रहेगा, खासकर उन 2 लाख लोगों के लिए जो इस परिवर्तन से लाभान्वित होंगे।
अंतिम विचार
कांग्रेस पार्टी का इस प्रकार का समर्थन इस समय बहुत महत्वपूर्ण है, जब स्थानीय मुद्दों की अनदेखी हो रही है। इस आंदोलन के सफल होने की स्थिति में, न केवल बक्शा, बल्कि आसपास के क्षेत्र के निवासियों को भी साहारा मिलेगा। इस दिशा में आगे आने वाली आवश्यकताओं का समर्थन करना हमारे लिए ज़रूरी है, ताकि एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
आंदोलन से जुड़े सभी लेागों की मांगों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए, और इसे एक समाज सेवी की तरह देखा जाना चाहिए। हम अपील करते हैं कि सभी संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और यथाशीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें।
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