लखपनऊ में जमीन की धोखाधड़ी का मामला:फर्जी दस्तावेजों से जमीन बेचने की कोशिश, दो आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र में जमीन की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से जमीन बेचने की कोशिश करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला चंद्र किशोर की जमीन का है, जो वर्तमान में रायबरेली के सूरजपुर में रहते हैं। उनकी निगोहां थाना क्षेत्र में कुल 1.826 हेक्टेयर जमीन है। आरोपियों ने इस जमीन के आधे हिस्से यानी 0.913 हेक्टेयर को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने की साजिश रची। पुलिस ने इस मामले में महेंद्र यादव और सौरभ पटेल को गिरफ्तार किया है। महेंद्र यादव मलिहाबाद का रहने वाला है, जबकि सौरभ पटेल हरदोई के माधवगंज का निवासी है। दोनों की गिरफ्तारी 15 जून को भद्दीखेड़ा स्थित एक्मे रेजीडेंसी के पास से की गई। पूछताछ में महेंद्र यादव ने बताया कि उसने राहुल पाल, रंजीत यादव और सरदार तस्वीर सिंह के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। आरोपियों को पता था कि जमीन के मालिक चंद्र किशोर वहां नहीं रहते। उन्होंने डॉ. ईशा त्यागी को जमीन बेचने का प्लान बनाया और उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश की। थाना निगोहां में इस मामले में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी।

लखपनऊ में जमीन की धोखाधड़ी का मामला:फर्जी दस्तावेजों से जमीन बेचने की कोशिश, दो आरोपी गिरफ्तार
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लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र में जमीन की धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला चंद्र किशोर की संपत्ति से संबंधित है, जो वर्तमान में रायबरेली के सूरजपुर में निवास कर रहे हैं। उन्हें अपनी जमीन के आधे हिस्से को बेचने के प्रयास में फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने वाले आरोपियों पर पूरी नज़र रखनी पड़ेगी। इसकी विस्तृत जानकारी में आगे बढ़ते हैं।
फर्जी दस्तावेजों का खेल
इस धोखाधड़ी की कहानी की शुरुआत तब होती है जब आरोपियों ने चंद्र किशोर की 1.826 हेक्टेयर जमीन की बिक्री करने का योजना बनाई। इनमें से 0.913 हेक्टेयर जमीन को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बेचने का प्रयास किया गया। पुलिस ने महेंद्र यादव और सौरभ पटेल नामक संदिग्धों को पकड़ा है। महेंद्र यादव, जो मलिहाबाद का निवासी है, और सौरभ पटेल, जो हरदोई के माधवगंज से संबंधित है, की गिरफ्तारी 15 जून को भद्दीखेड़ा स्थित एक्मे रेजीडेंसी के पास की गई।
गिरफ्तारी और पूछताछ
गिरफ्तारी के बाद, महेंद्र यादव ने कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए। उन्होंने बताया कि उसने इस योजना को राहुल पाल, रंजीत यादव और सरदार तस्वीर सिंह के साथ मिलकर तैयार किया था। यह दिलचस्प है कि आरोपियों को पता था कि असली जमीन के मालिक चंद्र किशोर वहां नहीं रहते, जिससे उन्हें साजिश को अंजाम देने का मौका मिला। उन्होंने डॉ. ईशा त्यागी को विश्वास दिलाने का भी प्रयास किया कि यह संपत्ति बिल्कुल वैध है।
पुलिस की कार्रवाई
धोखाधड़ी के इस मामले में निगोहां थाना में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपियों को न्यायालय में पेश करने की तैयारी कर रही है। इस मामले ने भूमि विवादों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है।
क्या हमें अब सतर्क रहना चाहिए?
इस तरह के मामलों से साफ दिखता है कि जमीन के सौदों में सावधानी बरतना कितना महत्वपूर्ण है। नकली दस्तावेज बनाना और फर्जी तरीके से संपत्ति का हस्तांतरण करने वाले लोग हमेशा सक्रिय होते हैं। इसलिए, जब भी आप किसी प्रॉपर्टी की खरीद या बिक्री करने की सोचें, तो हमेशा सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच कर लें।
इस मामले में पुलिस की सक्रियता और संकेतक जानकारी हमें यह समझाने में मदद करती है कि हमें अपने जमीन के कानूनी कागजात और पैरवी पर हमेशा एक ध्यान रखना चाहिए।
इस मामले का विकास किस दिशा में होगा, यह देखने में दिलचस्प होगा। लेकिन यह निश्चित है कि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
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