ओला इलेक्ट्रिक को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने शो-कॉज नोटिस दिया:7 दिन के भीतर सर्विस सेंटर और ट्रेड सर्टिफिकेट्स की जानकारी मांगी; 5% गिरा शेयर
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला एक बार फिर विवादों में है। इस बार ओला को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने शो-कॉज नोटिस जारी किया है। मंत्रालय ने 7 दिन के भीतर कई अहम सवालों के जवाब मांगे हैं। अगर ओला ने समय पर जवाब नहीं दिया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। नोटिस के बाद ओला का शेयर शुक्रवार को 5.13% की गिरावट के साथ ₹49.72 रुपए पर बंद हुआ। इसके साथ ही ओला ने तीन दिन पहले महाराष्ट्र में 121 स्टोर्स पर कार्रवाई के निर्देश पर सफाई दी। ओला ने कहा है कि हमें महाराष्ट्र में शोरूम बंद करने संबंधी कोई नोटिस नहीं मिला है। हमने पहले ही 21 मार्च 2025 को एक्सचेंज को 4 राज्यों के ट्रेड सर्टिफिकेट नोटिस के बारे में जानकारी दे दी थी। नोटिस में ओला से इन सवालों के जवाब मांगे 22 अप्रैल को महाराष्ट्र में 121 स्टोर्स पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे तीन दिन पहले महाराष्ट्र में ट्रांसपोर्ट विभाग ने ओला के 121 स्टोर्स बंद करने के निर्देश दिए हैं। ट्रांसपोर्ट विभाग ने ओला के 146 स्टोर्स की जांच की थी,इनमें 121 से ज्यादा स्टोर्स बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चल रहे थे। दरअसल, पिछले महीने RTO ने महाराष्ट्र में ओला के कई स्टोर्स पर छापेमारी की थी। स्टोर्स पर ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते 192 व्हीकल्स को जब्त कर कारण बताओ नोटिस दिए गए थे। ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 6 महीने में 35% से ज्यादा गिरा शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक शेयर 5.13% की गिरावट के साथ ₹49.72 रुपए पर बंद हुआ। एक महीने में ओला का शेयर 8% से ज्यादा गिरा है। वहीं पिछले एक साल में शेयर 45% से ज्यादा टूटा है। ओला का मार्केट कैपिटल 22.14 हजार करोड़ रुपए है। ओला के स्टोर पर 4 बार हुई रेड ओला के स्टोर्स पर देशभर में RTO कार्रवाई हुई थी। अब तक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 32 स्टोर्स पर रेड पड़ चुकी है। इसके अलावा राजस्थान में कुछ स्टोर्स पर भी कार्रवाई की गई है। इसमें 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जब्त किया जा चुका है। दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की । 95% स्टोर पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 स्टोर खोले हैं। इकोनॉमिक टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक स्टोर में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- रेड की कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण रेड की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया था कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है। ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने स्टोर्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी।

ओला इलेक्ट्रिक को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का शो-कॉज नोटिस
हाल ही में, ओला इलेक्ट्रिक को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा एक उल्लेखनीय शो-कॉज नोटिस दिया गया है। इस नोटिस के तहत ओला इलेक्ट्रिक से 7 दिनों के भीतर अपने सर्विस सेंटर और ट्रेड सर्टिफिकेट्स की जानकारी मांगी गई है। इस मामले में उठे सवालों से कंपनी के शेयर में 5% की गिरावट आई है, जो निवेशकों के बीच चिंता पैदा करता है।
शो-कॉज नोटिस का कारण
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ओला इलेक्ट्रिक पर यह कदम उठाया है यह जांच करने के लिए कि क्या कंपनी ने अपने वितरण और सेवा नेटवर्क के संबंध में निर्धारित मानदंडों का पालन किया है। मंत्रालय का मानना है कि यदि कंपनी की सेवाएं और प्रमाणपत्र सही नहीं हैं, तो यह इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में ग्राहकों के विश्वास को प्रभावित कर सकता है।
ओला इलेक्ट्रिक का आर्थिक प्रभाव
इस शो-कॉज नोटिस के परिणामस्वरूप, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट आई है। बाजार में ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों की कीमत में 5% की कमी देखने को मिली है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। निवेशकों को उन उपायों और संभावित परिणामों के बारे में जानकारी चाहिए, जो इस नोटिस से उत्पन्न हो सकते हैं।
आगे की योजना
ओला इलेक्ट्रिक अब केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के द्वारा मांगी गई सभी जानकारी प्रदान करने के लिए अपनी प्रक्रिया में तेजी लाने की योजना बना रही है। कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सभी आवश्यक कागजात और प्रमाणपत्र जल्दी से प्रस्तुत करे ताकि स्थिति को तुरंत सुधार सके। इससे न केवल ओला इलेक्ट्रिक का विश्वास बहाल होगा, बल्कि निवेशकों की चिंताओं को भी कम करेगा।
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