कपूरथला की युवती को सखी ने बुलाया ओमान:मोबाइल-पैसे छीने, खाना नहीं दिया; संत सीचेवाल की मदद से लौटी वतन
पंजाब के कपूरथला की एक युवती को उसकी सखी ने नौकरी का झांसा देकर ओमान बुला लिया। सखी ने सैलून में अच्छे वेतन का लालच दिया। लेकिन वहां पहुंचते ही उसका मोबाइल छीन लिया और बुरा व्यवहार किया। राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह के प्रयासों से युवती भारत लौटी। जानकारी के अनुसार युवती की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इसी का फायदा उठाकर सहेली ने पैसों का लालच दिया। ओमान पहुंचते ही युवती का मोबाइल छीन लिया गया। उसके पास मौजूद पैसे भी ले लिए गए। युवती से तय काम की जगह घरेलू काम करवाया गया। दिनभर काम कराने के बाद भी खाना नहीं दिया जाता था। उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। वहां कई अन्य लड़कियां भी ऐसे ही फंसी हुई जहां युवती को रखा गया था, वहां कई अन्य लड़कियां भी थीं। वे वापस लौटने की उम्मीद छोड़ चुकी थीं। राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से युवती वतन लौट सकी। युवती के परिजनों ने बताया कि समय रहते कार्रवाई न होती तो उनकी बेटी का वीजा बढ़ाकर उसे दो साल तक बंदी बनाकर रखा जा सकता था। अरब देशों में नौकरी के लिए न जाने की अपील संत सीचेवाल ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोहों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। युवती ने अन्य लड़कियों से अपील की है कि वे किसी के कहने में आकर अरब देशों में नौकरी के लिए न जाएं। संत सीचेवाल ने पंजाबवासियों को ऐसे गिरोहों से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास का आभार जताया है।

कपूरथला की युवती को सखी ने बुलाया ओमान: मोबाइल-पैसे छीने, खाना नहीं दिया; संत सीचेवाल की मदद से लौटी वतन
कपूरथला की एक युवती ने हाल ही में एक दुखद अनुभव का सामना किया जब उसे एक सहेली ने ओमान बुलाया। वहां पहुंचने के बाद, उसे उसके द्वारा झूठे वादों का सामना करना पड़ा, जिसमें मोबाइल फोन और पैसे छीनना शामिल था। इस घटना ने न केवल उसकी परिज्ञानिका को प्रभावित किया, बल्कि उसकी सुरक्षा और भलाई की भी चिंता बढ़ा दी। न्यूज़ बाय indiatwoday.com
युवती का ओमान यात्रा का अनुभव
इस युवती की कहानी ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। ओमान में उसकी स्थिति बेहद खराब हो गई जब उसे न तो उचित भोजन मिला और न ही वहां रहने की सुविधाएं। उसे उसकी सहेली ने जो वादे किए थे, वे सब खोखले साबित हुए। यह एक गंभीर मुद्दा है जो वैश्विक प्रवासी श्रम बाजार में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित करता है।
संत सीचेवाल की मदद
जब युवती की स्थिति अत्यधिक खराब हो गई, तब संत सीचेवाल ने उसकी मदद की। उन्होंने न केवल उसे वापस भारत लाने में मदद की, बल्कि उसकी समस्याओं को भी हल करने में प्रभावी भूमिका निभाई। संत सीचेवाल के प्रयासों ने साबित किया कि मानवता की सेवा में कोई भी व्यक्ति मदद कर सकता है। उनके मानवीय कार्यों ने इस कठिन समय में युवती के लिए एक नई आशा की किरण पैदा की।
महिलाओं की सुरक्षा और जागरूकता
यह घटना हमें याद दिलाती है कि महिलाओं की सुरक्षा और जागरूकता कितनी महत्वपूर्ण है। आज के दौर में, जहां लोग अन्य देशों में काम करने के लिए जाते हैं, वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। हम सभी को चाहिए कि हम ऐसी कहानियों से सबक लें और अपने आसपास की महिलाओं की सुरक्षा के लिए सचेत रहें।
भारत सरकार को भी प्रवासी श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसके द्वारा न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक काम करने का माहौल भी मिलेगा।
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